23 मार्च, 1931 के रोज़ भगत सिंह फांसी पर चढ़े. आजादी की खातिर. हालांकि तब पाकिस्तान नहीं बना था लेकिन जैसे भगत सिंह भारत के हीरो हैं. उसी तरह पाकिस्तान के भी हीरो हैं. लेकिन क्या ये देश उन्हें हीरो मानता है? खासकर तब, जब उनकी पैदाइश उसी देश में हुई थी. वहीं बचपन और जवानी का एक मानी ख़ेज़ वक्त गुजरा. और वहीं फांसी पर चढ़ाए गए. तो आज शहीदी दिवस के मौके पर जानेंगे पाकिस्तान भगत सिंह को कैसे देखता है और याद करता है.