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साहिर लुधियानवी: 'फितरत कभी बेबस का सहारा नहीं होती'

आज जन्मदिन पर पढ़िए चुनिंदा शेर.

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कभी कभी मेरे दिल में खयाल आता है कि जैसे तू मुझे चाहेगी उम्र भर यूं ही वो हसीन शाम रो पड़ी जब इसे लिखने वाले साहिर को अचानक हार्ट अटैक आया. बात है करीब 40 साल पहले की. जब उनकी शराब और सिगरेट पीने की आदत ने उन्हें निगल लिया. साहिर वो नाम है, जिनके गीत न जाने कितने लोगों के होठों को आज भी उस कदर छूते हैं जिस कदर कभी शराब का प्याला उनके होंठ छुआ करता था. साहिर वो नाम है, कहते हैं जिसके प्यार में अमृता प्रीतम दीवानी हो गई थीं. साहिर वो नाम है जो जावेद अख्तर का दोस्त था तो गुलज़ार का पड़ोसी. आज पढ़िए साहिर लुधियानवी के कुछ चुनिंदा शेर.