आज से ठीक 33 साल पहले की बात है. 13 अक्टूबर, 1987. ये दिन भारतीय सेना के सबसे नाकाम दिनों में से एक है. इसका शोक भी बहुत बड़ा है. कई लोग बेमौत मारे गए थे. अफगानिस्तान हो या इराक, इस तारीख की कड़वी यादों ने कभी हमारा पीछा नहीं छोड़ा. ये किस्सा भारतीय सेना के उस सर्जिकल स्ट्राइक का है, जिसने उसकी भद्द पिटवा दी थी. मारने गए थे, खुद मारे गए. ये ऐसा मिशन था, जिसे भारत का 'वियतनाम चैप्टर' कहते हैं. इसी दिन का इतिहास था, जो आगे चलकर 1991 में राजीव गांधी की हत्या का कारण बना.
33 साल पहले आज के दिन भारतीय सेना सर्जिकल स्ट्राइक करने गई थी, पर खूनी दाग लग गया
भारतीय सेना के इतिहास में ये सबसे बड़े नुकसानों में से एक था.
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लंबी लड़ाई के बाद श्रीलंका से 1990 में भारतीय शांति सेना लौटी थी.
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