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आपके पास डैमेज तिरंगा है तो भूलकर भी मत फेंकना! डिस्पोज करने का तरीका जान लो

झंडे का निपटान केवल तभी किया जा सकता है जब वह क्षतिग्रस्त या अव्यवस्थित हो. भारतीय ध्वज संहिता में बताया गया है कि ये काम कैसे करना होता है.

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(बाएं) तिरंगे की तस्वीर. दाईं तस्वीर सांकेतिक है. (साभार- पीटीआई)

बहुत बार हम सुनते हैं कि राष्ट्रीय ध्वज का अपमान नहीं करना चाहिए. आप सोचेंगे – ये तो ज़ाहिर है, तिरंगे का रख-रखाव, फहराना इत्यादि सम्मान सहित ही किया जाता है. पर कितनी ही बार हमें सड़क पर कागज़ के तिरंगे बिखरे दिखते हैं. जैसे उनका औचित्य केवल आज़ादी या गणतंत्र दिवस के समारोह में फहराने तक सीमित हो – उसके बाद उनका क्या होता है, इससे क्या फर्क पड़ता है. 

अब, हर घर तिरंगा कैंपेन भी शुरू हो गया है. ऐसे में हमारे राष्ट्रीय ध्वज और उसके रख-रखाव से जुड़ी अहम बातें जान लेना जरूरी है. 

पहले बात डैमेज हुए झंडों की

आम तौर पर ये देखा जाता है कि झंडा फहराने का कार्यक्रम हो जाने के बाद, झंडे जमीन पर फटे या कुचले पाए जाते हैं. बहुत बार तो कूड़ेदान में फेंक दिए जाते हैं. लेकिन इस सबसे अगर आपको लगता है कि झंडे को सड़क से उठा कर कूड़ेदान में डाल देना सामान्य बात है– तो ठहर जाइए!

बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि राष्ट्रीय ध्वज को फेंकने का कृत्य असल में एक अपराध है. और गंदे या फटे राष्ट्रीय ध्वज को हटाने का उचित तरीका भारतीय ध्वज संहिता में बताया गया है. 

भारतीय ध्वज संहिता 2002 (Flag Code of India) के मुताबिक, राष्ट्रीय ध्वज के डैमेज होने के बाद उसे डिस्पोज करने के दो तरीके हैं – दफ्नाना या जलाना. इन दोनों में से किसी भी प्रक्रिया को चुनते वक़्त सख्त नियमों का पालन करना पड़ता है. 

भारतीय ध्वज संहिता (सोर्स: MHA वेबसाइट)
डैमेज्ड नेशनल फ्लैग को कैसे डिस्पोज करें?

झंडों को दफ्नाने के लिए सभी डैमेज हुए माने क्षतिग्रस्त झंडों को लकड़ी के बक्से में इकट्ठा किया जाता है. फिर इन्हें ढंग से तह कर बॉक्स में रखा जाता है. फिर उसी बक्से को जमीन में गाड़ा जाता है. झंडा जमीन में दफ्नाने के बाद कुछ देर मौन रखना होता है. इस प्रक्रिया को करते समय शांतिपूर्ण वातावरण होना चाहिए. 

दूसरा तरीका है झंडे को जलाना. जलाने के लिए एक सुरक्षित जगह चुनें और उसे साफ़ करें. झंडे को ढंग से तह करें. आग लगाएं और ध्यान से तह किए झंडे को आग की लपटों के बीच में रख दें. 

भारतीय ध्वज को जलाने का उचित तरीका है आग लगाना और सम्मान सहित तह किए झंडे को आग में रख देना. झंडे को बगैर मोड़े सीधा जला देना या उसे सिरे से जला देना कानूनी अपराध है. इस बात का खास ख्याल रखा जाना चाहिए कि राष्ट्रीय ध्वज न्याय, स्वतंत्रता, निष्ठा और देश के गर्व का प्रतीक है. इसीलिए निस्तारण, यानी डिस्पोज करते वक़्त इसकी गरिमा को बनाए रखा जाना जरूरी है.

नेशनल हॉलिडे माने राष्ट्रीय अवकाश वाले दिन बहुत ज्यादा तिरंगों का इस्तेमाल किया जाता है. सो, इतनी अधिक मात्रा में झंडों को जलाना, निस्तारण का एक आसान तरीका है. आदरपूर्वक दफ्नाया भी जा सकता है, पर उसके लिए एक लकड़ी का बॉक्स होना अनिवार्य है.

निजी तौर पर झंडा फहराने से जुड़ी कुछ अहम बातें

ध्वज को किसी भी स्थान पर सजावटी सामान के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. इसे डेस्क या पोडियम या उनके किसी भी हिस्से को कवर करने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. साथ ही, कुषाण, नैपकिन, रूमाल, अंडरगारमेंट्स या किसी भी ड्रेस सामग्री को बनाने में या उसपर प्रिंट या कढ़ाई के लिए उपयोग में नहीं लाया जा सकता. 

यही नहीं, इसका भी ख़ास ध्यान रखा जाना चाहिए कि तिरंगे का इस्तेमाल पोशाक, वर्दी या कमर के नीचे पहने जाने वाली किसी भी प्रकार की एक्सेसरी के तौर पर नहीं किया जा सकता. ध्वज को परदे के रूप में, चीजों को लपेटने (ग्रहण या बांटने) के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिए. 

तिरंगा (सोर्स: पीटीआई)

तिरंगे झंडे को निजी अंतिम संस्कार में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. साथ ही, इससे वाहन या उसके किसी हिस्से को कवर नहीं कर सकते. 

ध्यान रहे कि आम लोग अपनी कारों या दोपहिया वाहनों पर तिरंगा नहीं लगा सकते. केवल कुछ सरकारी अधिकारियों को अपने वाहनों पर राष्ट्रीय ध्वज लगाने की अनुमति है. इनका उल्लेख भी भारतीय ध्वज संहिता में मिलता है. ये व्यक्ति हैं:

- राष्ट्रपति.
- उप- राष्ट्रपति.
- राज्यपाल और उपराज्यपाल.
- विदेशों में भारतीय मिशनों/पदों के प्रमुख जिन देशों में उन्हें मान्यता प्राप्त है.
- प्रधानमंत्री और अन्य कैबिनेट मंत्री; राज्य मंत्री और संघ के उप मंत्री; किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री और अन्य कैबिनेट मंत्री; किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के राज्य मंत्री और उप मंत्री.
- लोकसभा के अध्यक्ष; राज्य सभा के उपसभापति; लोकसभा के उपाध्यक्ष; राज्यों में विधान परिषदों के अध्यक्ष; राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभाओं के अध्यक्ष; राज्यों में विधान परिषदों के उप सभापति; राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभाओं के उपाध्यक्ष.
- भारत के मुख्य न्यायाधीश; सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश; उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश; उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश.

ध्यान रहे कि झंडे का निपटान केवल तभी किया जा सकता है जब वह क्षतिग्रस्त या अव्यवस्थित हो. भारतीय ध्वज की गरिमा का ध्यान रखते हुए सभी तरह के झंडों को निजी तौर पर जलाकर या किसी अन्य उपयुक्त तरीके से नष्ट करना चाहिए. अगर झंडे कागज के हों, तो उन्हें जमीन पर फेंका नहीं जा सकता. उन्हें भी निजी तौर पर डिस्पोज किया जाना चाहिए. 

जाते-जाते एक और बात जान लीजिए – राष्ट्रीय झंडे को तेजी से फहराया तो जाता है पर उसे धीरे-धीरे ही नीचे लाना होता है.

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