अटल बिहारी वाजपेयी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री. एक बार नहीं तीन बार उन्हें इस राष्ट्र के प्रधानमंत्री होने का गौरव प्राप्त हुआ. लेकिन वो सिर्फ नेता नहीं थे, उन विरले नेताओं में से थे, जिनका महज साहित्य में झुकाव भर नहीं था. वो खुद लिखते भी थे. कविताएं. विविध मंचों से और यहां तक कि संसद में भी वो अपनी कविताओं का सस्वर पाठ कर चुके हैं. उनकी कविताओं का एक एल्बम भी आ चुका है जिन्हें जगजीत सिंह ने भी अपनी अावाज़ दी है. पढ़िए उनकी कविता-
हिरोशिमा की पीड़ा
किसी रात को
मेरी नींद चानक उचट जाती है
आंख खुल जाती है
मैं सोचने लगता हूं कि
जिन वैज्ञानिकों ने अणु अस्त्रों का
आविष्कार किया था
वे हिरोशिमा-नागासाकी के भीषण
नरसंहार के समाचार सुनकर
रात को कैसे सोए होंगे?
क्या उन्हें एक क्षण के लिए सही
ये अनुभूति नहीं हुई कि
उनके हाथों जो कुछ हुआ
अच्छा नहीं हुआ!