दुष्यंत ओर शकुंतला की कहानी तो आपको याद होगी. फिर भी एक डिटेल्ट रीकैप दे देते हैं. दुष्यंत एक भोकाली राजा था ओर शकूंतला ऋषि विश्वामित्र और अप्सरा मेनका की बेटी थी. दोनों का मिलन हुआ ऋषि कण्व के आश्रम के पास, जिन्होंने शकुंतला को पाला था. हुआ इश्क और शकुंतला हो गई प्रेगनेंट. दुष्यंत निकले परदेसी, साथ क्या निभाते. बेटा भरत बड़ा हुआ बिना पापा के.
भरत बना राजा. रानियां थीं तीन. पर कोई भी बेटा उसे राजा बनने लायक नहीं लगता था. पत्नियों को लगा कि भरत गुस्साकर गोली न मार दें तो तीनों ने अपने अपने बच्चों को घर से रुखसत कर दिया.
इधर देवों में अलग भसड़ कटी हुई थी. बृहस्पति के भाई उतथ्य की वाइफ ममता प्रेगनेंट थी. बृहस्पति आउट ऑफ कंट्रोल हो गए और भाई की वाइफ के साथ जोर जबरदस्ती कर दिए. जब ममता की डिलिवरी हुई तो बृहस्पति और उतथ्य के बीच मैटर हो गया कि बच्चे का बाप कौन है. मां ने भी बच्चे को बृहस्पति की रिस्पॉन्सिबिलिटी बताकर छोड़ दिया.
तब मरुद्रणों ने उस बच्चे को पाला पोसा. बच्चे का नाम हुआ भारद्वाज. बाद में उसे भरत ने अडॉप्ट कर के राजा बना दिया.
स्रोतः श्रीमद्भागवत महापुराण