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कलर टीवी पर सरकार के इस फैसले से चीन को धीरे से लगेगा जोर का झटका!

ऐप बैन से चीन की कंपनियां अभी उबर भी नहीं पाई हैं कि दूसरी परेशानी आ गई.

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1 दिसंबर से कई नेटवर्क अपने चैनलों के दाम बढ़ा रहे हैं. कीमतें 35 फीसदी से लेकर 50 फीसदी तक बढ़ेंगी.
ऐप बैन पर अभी चीनी कंपनियां सरकार को सफाई देने के रास्ते निकालने में ही मगजमारी कर रही थीं कि उनके सामने दूसरी मुश्किलें गले आ पड़ी हैं. इस बार सरकार ने रंगीन टीवी और डिस्प्ले को आयात करने की 'फ्री कैटेगरी' से हटा दिया है. इसे अब 'रिस्ट्रिक्टेड' यानी प्रतिबंधित कैटेगरी में डाल दिया गया है. बता दें कि भारत दुनियाभर से भारी मात्रा में रंगीन टीवी आयात करता है, जिनमें चीन भी शामिल है. आइए जानते हैं कि इस बदलाव का आपके ऊपर और टीवी इंडस्ट्री पर कितना असर पड़ेगा. क्या सरकार ने रंगीन टीवी के आयात पर पूरी तरह बैन लगा दिया जी नहीं, सरकार ने ऐसा नहीं किया है. हां, इतना जरूर है कि सरकार ने कुछ कैटेगरी के टीवी को आयात की 'फ्री' कैटेगरी से हटा कर 'रिस्ट्रिक्टेड' कैटेगरी में डाल दिया है. इसका मतलब यह हुआ कि अब तक कोई भी कंपनी कहीं से भी रंगीन टीवी का आयात करके भारत में बेच सकती थी. लेकिन अब टीवी आयात करने वाली हर कंपनी को भारत सरकार से रंगीन टीवी आयात करने के लिए लाइसेंस लेना होगा. लाइसेंस देने का काम भारत सरकार का विदेश व्यापार महानिदेशालय (Directorate General of Foreign Trade) करेगा. लाइसेंस किसको, कब और कैसे मिलेगा, इसकी जानकारी निदेशालय ने बाद में देने की बात कही है. ये प्रतिबंध 14 इंच से शुरू होने वाले टीवी से लेकर 41 इंच तक और उससे ज़्यादा बड़े टीवी पर लगाए गए हैं. निदेशालय की प्रेस रिलीज में कहा गया कि लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले टेलीविज़न सेट, जिसकी स्क्रीन 24 इंच से कम है, उस पर भी प्रतिबंध लगा है. मोटा-मोटी अमूमन बिकने वाले हर साइज के कलर टीवी को इस कैटेगरी में लाया गया है. क्या इससे रंगीन टीवी महंगे हो जाएंगे फिलहाल कलर टीवी महंगा नहीं होगा. चूंकि सरकार ने कलर टीवी के आयात को रोका नहीं है, बस नियंत्रित करने का फैसला किया है. जिस कंपनी को भी कलर टीवी विदेश से मंगाना है, उसे परमिशन लेनी होगी. इसकी कुछ शर्तें होंगी, जिसे मानना होगा. ऐसे में कलर टीवी महंगे होने की बात फिलहाल नहीं है. एक चाइनीज टीवी ब्रांड से जुड़े अधिकारी ने बताया कि टीवी का आयात सरकार की बताई शर्तों के साथ ही होता आया है. आगे भी अगर किसी तरह का लाइसेंस लेने की जरूरत होती है, तो कंपनी उस पर अमल करेगी. चीन को लगेगा कितना बड़ा झटका हां, वह एंगल भी है. सरकार इस तरह से चीन पर दबाव बनाना चाहती है. इस वक्त भारत में 35 फीसदी ऐसे कलर टीवी हैं, जो दूसरे देशों से आयात किए जाते हैं. मार्च में खत्म हुए वित्तीय वर्ष में भारत ने 781 मिलियन डॉलर यानी तकरीबन 59 अरब रुपए के कलर टीवी आयात किए थे. ज्यादातर आयात वियतनाम और चीन से हुआ था. वियतनाम से 400 मिलियन डॉलर यानी तकरीबन 30 अरब रुपए और चीन से 300 मिलियन डॉलर यानी तकरीबन 22 अरब रुपए के कलर टीवी का आयात हुआ था. आपको लगेगा कि वियतनाम से आयात में क्या दिक्कत है. यहीं पर चाइनीज पेज है. भारत का आसियान ब्लॉक से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट है, जिसके दायरे में वियतनाम आता है. जानकार मानते हैं कि चीन अपने इलेक्ट्रॉनिक इक्विमेंट को वियतनाम के जरिए भारत भेज रहा है. चीन ऐसा ही थाईलैंड और मलयेशिया जैसे देशों के जरिए भी करता है, जो कि हमारे साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से बंधे हैं. भारत ने 2000-2001 में टीवी के आयात को फ्री कर दिया था, लेकिन चीन की इस हरकत को समझकर भारत ने फिर उसे रिस्ट्रिक्टेड कैटेगरी में डाल दिया है. अब अगर कोई भी कंपनी टीवी आयात करना चाहेगी, तो पहले भारत सरकार पूरी तरह जांच लेगी कि चीन फिर से किन्हीं दूसरे देशों के रास्ते अपना माल भारत तो नहीं भेज रहा है. इस तरह से यह कदम चीन पर एक बड़ा दबाव साबित हो सकता है. क्या कहती है इंडस्ट्री सरकार इसे भारत की लोकल टीवी इंडस्ट्री को लेकर उठाया गया कदम बता रही है. सरकार का कहना है कि इस तरह से भारत में बनने वाले कलर टीवी को बढ़ावा मिलेगा. देश में ही कलर टीवी बनाने वाली कंपनी 'डिक्सन टेक्नॉलजी' के सुनील वाच्छानी का कहना है-
इससे 'मेक इन इंडिया' मिशन को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही आत्मनिर्भरता भी बढ़ेगी. भारत में हर साइज के कलर टीवी बनाने की क्षमता है.
'पैनासोनिक इंडिया' के सीईओ ने 'इकॉनमिक टाइम्स' को बताया-
हो सकता है कि इसका असर उन ब्रैंड्स पर पड़े, जो सिर्फ बाहर से टीवी मंगाकर यहां बेच रहे हों. टेलीविजन एसेंबलिंग बहुत मुश्किल प्रोसेस नहीं है. ऐसे में देश में यह काम आसानी से हो सकता है.
विदेश व्यापार के जानकार कहते हैं कि इस तरह के फैसलों से चीन के धड़ल्ले से अपने माल को भारत में डंप करने की आदत पर लगाम लगेगा. भारत की इंडस्ट्री का भी इससे हौसला बढ़ेगा. इसे भारत व्यापार पर चीन जैसे बड़े निर्यातक देशों पर लगाम लगाकर दबाव बनाने की रणनीति की तरह इस्तेमाल कर सकता है. हो सकता है भारत अभी इस तरह के दूसरे सख्त कदम भी उठाए.
विडियो - आयात बंद करके चीन को कितना नुकसान पहुंचा सकता है भारत?

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