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भोपाल जेल में जब मोनिका बेदी बंद थीं तब CCTV कैमरे खूब चल रहे थे, फर्राटे से चल रहे थे

तब ये भी बातें उठीं कि मोनिका के प्रति आकर्षित जेलर ने कैमरे लगवाए और उनका बाथरूम वीडियो बनाया था.

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मोनिका
प्रतिबंधित संगठन सिमी से जुड़े 8 कैदी, कथित तौर पर भोपाल की बड़ी टाइट सिक्योरिटी वाली सेंट्रल जेल तोड़कर फरार हो गए. उनमें से कुछ पहले भी 2013 में खंडवा जेल तोड़कर भाग चुके थे. फिर भी उन पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी नहीं रखी जा रही थी. बोला जा रहा है, "जी सीसीटीवी ख़राब था" जिनकी फुटेज इस पूरी घटना की सच्चाई सामने लाने में सबसे महत्वपूर्ण सबूत बन सकती थी. लेकिन ख़ैर. इसी जेल में सीसीटीवी का एक और किस्सा है जो जानिए.

साल 2005 की बात है. ऐसी खबरें थीं कि उस वक्त बाथरूम तक में सीसीटीवी लगे थे. सिर्फ इसलिए ताकि डॉन अबु सलेम की गर्लफ्रेंड मोनिका बेदी का एमएमएस बनाया जा सके. लेकिन कांग्रेस ने भंडा फोड़ दिया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने ये कहते हुए उन तस्वीरों पर रोक लगा दी चाहे वो असली हैं या फर्जी, मीडिया उन तस्वीरों का इस्तेमाल न करे और ये उनकी प्राइवेसी के खिलाफ है.

कांग्रेस ने मोनिका बेदी के कुछ फोटो सामने लाकर हलचल मचा दी थी. सीसीटीवी कैमरे लगाने का इल्जाम जेलर पुरुषोत्तम सोमकुंवर पर लगा था. जो फिलहाल उसी जेल में बंद हैं. वो भी आमदनी कम और रोकड़ा ज्यादा के मामले में. 3 नवंबर को रिहा होने की खबर है.
पुलिस की गिरफ्त में अबु सलेम. तस्वीर पुरानी है.
पुलिस की गिरफ्त में अबु सलेम. तस्वीर पुरानी है.

साल 2005 में पुर्तगाल में मोस्ट वॉन्टेड डॉन अबु सलेम और बॉलीवुड एक्ट्रेस मोनिका बेदी को गिरफ्तार किया गया था. कुछ ही वक्त बाद दोनों को फर्जी पासपोर्ट मामले में मुंबई पुलिस ने मध्य प्रदेश पुलिस को सौंप दिया. सलेम को सेंट्रल जेल में और मोनिका बेदी को भोपाल के जहांगीराबाद थाने में रखा गया था. इस वजह से पूरा इलाका हाई सिक्योरिटी जोन में तब्दील कर दिया गया था. बाद में मोनिका को भोपाल की सेंट्रल जेल में ही शिफ्ट कर दिया गया. उस वक्त 2005-06 के दौरान जेलर पुरुषोत्तम सोमकुंवर थे. अफसर मोनिका बेदी के आसपास ही भटकते रहते थे. वक्त से पहले ड्यूटी पर पहुंच जाते थे. मोनिका दिसंबर 2006 से जुलाई 2007 तक जेल में रहीं.
उसी सेंट्रल जेल के बाथरूम की कुछ तस्वीरें सामने आईं. ये तस्वीरें थीं मोनिका बेदी की. कांग्रेस ने कहा कि ये तस्वीरें जेल के बाथरूम में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे से ली गई हैं. ये कैमरे जेलर पुरुषोत्तम ने लगवाए थे. कांग्रेस ने जेलर पर एमएमएस बनाए जाने का इल्जाम लगाया. खूब हंगामा हुआ. मीडिया में भी न्यूड तस्वीरें चलीं. जांच हुई. जेलर पुरुषोत्तम इस केस से तो बच निकले, लेकिन बाद में आमदनी से ज्यादा माल होने के चलते धर लिए गए और उसी जेल में बंद रखे गए जिसके  जेलर थे.
सीसीटीवी और एमएमएस के मसले को लेकर भोपाल के कलेक्टर ने अपनी जांच रिपोर्ट सब-डिविजन मजिस्ट्रेट को दी थी जिसमें इन बातों को बेबुनियाद बताया गया था.

स्पेशल खाना और नहाने के लिए डव साबुन आता था जेल में

ख़बरें सामने आईं कि जेलर साब मोनिका बेदी के दीवाने हो गए हैं इसलिए उनकी पसंद नापसंद का पूरा ख्याल रखा जा रहा है. मोनिका के नहाने के लिए जेल में ख़ास तौर से डव साबुन भेजा जाता था. होटल से ऑर्डर करके स्पेशल खाना और कॉस्मेटिक सामान भी भेजे जाते थे.

सात करोड़ रुपये की जायदाद मिली थी 

1 मार्च 2012 को लोकायुक्त इंदौर की टीम ने सेंट्रल जेल अधीक्षक पुरूषोत्तम के इंदौर, भोपाल और छिंदवाड़ा वाले घरों पर छापेमारी की थी. इस दौरान 7 करोड़ रुपये की तीन जायदाद हाथ लगी थी. जबकि इतनी उनकी आमदनी भी नहीं थी. इसी मामले में उन्हें जेल हुई.
अच्छी खासी सेहत वाला जो बंदा नजर आ रहा है वही जेलर सोमकुंवर हैं.
खाया पिया जो बंदा नजर आ रहा है, वही जेलर पुरुषोत्तम सोमकुंवर हैं.

रिटायरमेंट के चार दिन पहले बर्खास्त हुए जेलर

जिन जेलर साब ने मोनिका बेदी का इतना ख्याल रखा. उन्हीं को लापरवाही बरतने के इल्जाम में बर्खास्त भी होना पड़ा. साल 2014 की बात है. पुरुषोत्तम के भोपाल सेंट्रल जेल अधीक्षक रहते एक कैदी को इलाज के लिए एम्स, नई दिल्ली भेजना था. लेकिन तीन महीने तक नहीं भेजा जा सका. इसी दौरान कैदी की मौत हो गई. इस मामले में वे मुजरिम ठहराए गए. वे 30 अप्रैल को रिटायर होने वाले थे. चार दिन पहले 26 अप्रैल 2014 को ही सरकार ने उन्हें बर्खास्त कर दिया.


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