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'पुलिस 10 संदिग्धों के नाम पूछ रही... सादे कागज पर अंगूठा', बोले संभल हिंसा में घायल-मृत लोगों के परिजन

संभल हिंसा में घायल हसन के परिवार ने UP पुलिस पर दबाव डालने का आरोप लगाया है. पुलिस उसे 10 संदिग्धों का नाम बताने के लिए कह रही है जो हिंसा में शामिल थे. क्या-क्या बताया परिवारों ने?

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(फाइल फोटो- इंडिया टुडे)

संभल में हाल ही में हुई हिंसा का शिकार हुए लोगों के परिवारों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इंडिया टुडे ने उन परिवारों से बात की है जिनके सदस्य 24 नवंबर को भड़की हिंसा में पुलिस द्वारा जवाबी कार्रवाई का शिकार हुए थे. इसी कार्रवाई में हसन और अज़ीम भी गोली और पैलेट से घायल हुए थे. हसन की बहन आशिया ने बताया कि उनके भाई पर पुलिस द्वारा दबाव डाला जा रहा है. पुलिस उसे 10 संदिग्धों का नाम बताने के लिए कह रही है जो हिंसा में शामिल थे.

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इंडिया टुडे के पत्रकार अमित भारद्वाज से मिली जानकारी के अनुसार आशिया का कहना है, “हिंसा के दिन हसन अपने छोटे भाई को खोजने के लिए निकला था. तभी उसे गोली लगी. गोली उसकी बांह को चीरते हुए निकल गई. ऐसे में उसे हिंसा में शामिल किसी और के बारे में कैसे पता होगा. वह किसी और का नाम कैसे बता सकता है?"

आशिया ने यह भी बताया कि उनके पिता का निधन नवंबर में हुआ था और उसके बाद भी हसन को हिरासत में रखा गया था. डॉक्टरों ने कहा है कि उसकी बांह की सर्जरी आवश्यक है, नहीं तो वह काम करना बंद कर देगी. गोली लगने के बाद हसन को पहले संभल अस्पताल ले जाया गया, और बाद में उसे मुरादाबाद रेफर किया गया. हसन के अलावा, आज़िम और वसीम भी इस हिंसा में घायल हुए थे और उन्हें टीएमयू अस्पताल मुरादाबाद में भर्ती कराया गया है.

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यहां हम आपको बताते चले कि यूपी के संभल जिले में 24 नवंबर को जामा मस्जिद में सर्वे (Sambhal Jama Masjid survey) के दौरान हिंसा हुई. इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि पुलिसकर्मी समेत कई लोग घायल भी हुए.

नईम के परिवार पर भी बनाया जा रहा दबाव!

द हिंदू की पत्रकार समृद्धि तिवारी ने इस विषय पर एक विस्तृत रिपोर्ट लिखी है. इस रिपोर्ट के मुताबिक़ हिंसा में मारे गए नईम के परिवार ने बताया कि पुलिस उन्हें परेशान कर रही है. पुलिस उनसे नईम की हत्या की शिकायत वापस लेने का दबाव बना रही है. परिवार का कहना है कि पुलिस उनके साथ अभद्र भाषा इस्तेमाल करती है. और कहती है नईम की हत्या नहीं हुई है. परिवार ने यह भी बताया कि नईम की पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी तक जारी नहीं की गई है.

नईम के भाई तस्लीम ने कहा कि पुलिस ने धमकियों के बीच उनके अंगूठे का निशान एक खाली कागज पर लिया था. उसने आशंका व्यक्त करते हुए आगे कहा, 'मैं पढ़ा लिखा नहीं हूं. मुझे नहीं पता कि पुलिस उस कागज पर क्या लिखेगी.'

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तस्लीम के इस बयान पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. अखिलेश ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा “किसी को धमकाकर खाली कागज़ पर अंगूठे का निशान लेना एक गंभीर अपराध है. सुप्रीम कोर्ट को फ़ौरन इस मामले पर ध्यान देना चाहिए. और दोषी को सजा देनी चाहिए.”

इसके साथ ही समाजवादी पार्टी ने संभल हिंसा में मारे गए लोगों के परिवार को 5-5 लाख रुपये का मुआवज़े देने का भी ऐलान किया है.

वीडियो: पुलिस, प्रशासन, नमाज़...संभल में जुमे के दिन और क्या-क्या हुआ?

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