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रेलवे ने पिलर लगाने को गड्ढे खोदे और खुले छोड़ दिए, बरसात का पानी भरा, डूबकर 4 बच्चों की मौत

महाराष्ट्र के यवतमाल में रेलवे लाइन के पास गड्ढे में डूबने से चार बच्चों की मौत हो गई है. रेलवे की ओर से निर्माण के लिए गड्ढे खोदे गए थे, जिनमें बारिश का पानी भर गया. रेलवे को इनमें पिलर डालने थे.

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स्थानीय लोगों ने गड्ढों से बच्चों को निकाला लेकिन तब तक देर हो चुकी थी (PHOTO-India Today)

महाराष्ट्र के यवतमाल (Yavatmal Railway Pit) में भयावह हादसा हुआ है. यहां रेलवे लाइन के पास एक गड्ढे में डूबने से चार बच्चों की मौत हो गई है. रेलवे की ओर से निर्माण के लिए गड्ढे खोदे गए थे, जिनमें बारिश का पानी भर गया. रेलवे को इनमें पिलर डालने थे.

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गड्ढों के आसपास कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं

यवतमाल में रेलवे का एक बड़ा प्रोजेक्ट चल रहा है. ये प्रोजेक्ट वर्धा-यवतमाल-नांदेड तक फैला हुआ है. इसी प्रोजेक्ट के लिए दारव्हा शहर के पास कई पुलों का निर्माण बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. पुल के पिलर यानी खंभों को खड़ा करने के लिए कई गहरे गड्ढे खोदे गए हैं. हाल के दिनों में हुई भारी बारिश के कारण ये गड्ढे पानी से लबालब भर गए हैं. इन गड्ढों के आसपास कोई ऊंची कच्ची बाउंड्री या ऐसा कुछ नहीं लगाया गया है जिससे ये लोगों के लिए खतरा न बने. अक्सर ऐसे गड्ढों के आसपास मिट्टी के टीले या सैंडबैग (बालू से भरी बोरियां) लगाए जाते हैं जिससे इनमें कोई गिर न जाए. लेकिन यवतमाल में रेलवे की ओर से ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई थी.

20 अगस्त की शाम कुछ बच्चे नहाने के लिए इन गहरे गड्ढों में उतर गए. उन्हें अंदाजा नहीं था कि गहराई बहुत ज्यादा है. गहराई में जाने के बाद उन्हें सांस लेने में कठिनाई हुई और वे अचेत होने लगे. शोर सुनकर यह देख आसपास के लोग तुरंत मदद के लिए दौड़े. स्थानीय लोगों ने बच्चों को बाहर निकाला और दारव्हा सब-डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में भर्ती कराया. लेकिन यहां हालत गंभीर होने लगी इसलिए उन्हें यवतमाल के संजीवनी हॉस्पिटल ले जाया गया. लेकिन संजीवनी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने चारों बच्चों को मृत घोषित कर दिया.

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मरने वाले चारों बच्चे दोस्त थे. उनके नाम रीहान असलम खान (13), गोलू पांडुरंग नारनवरे (10), सोम्या सतीश खडसन (10) और वैभव आशीष बोधले (14) हैं. ये सभी बच्चे दारव्हा के ही रहने वाले हैं. इस घटना के बाद रेलवे और कंस्ट्रक्शन करवा रही संस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं. आखिर इतने गहरे गड्ढे, जो पानी से भरे थे और जिनमें नीचे दलदली मिट्टी भी होती है, उसे खुला क्यों छोड़ा गया?

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