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शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम पर अटैक... BRICS ने की ईरान पर हमले की निंदा, भारत का भी मिला सपोर्ट

India On Iran Israel Tension: भारत ने खुद को ऐसे समय में इस बयान से जोड़ा है जब पीएम नरेन्द्र मोदी BRICS समिट में हिस्सा लेने जाएंगे. BRCIS सम्मेलन इस बार रियो डी जेनेरियो में 5-6 जुलाई को होना है.

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इससे पहले भारत ने किसी पक्ष का नहीं दिया था साथ. (फाइल फोटो)

India On Iran Israel Tension: Iran-Israel तनाव पर भारत ने आधिकारिक तौर पर दोनों में से किसी देश का पक्ष नहीं लिया था. लेकिन भारत ने अब खुद को BRICS के उस आधिकारिक बयान से जोड़ा है जिसमें ईरान पर इज़रायल के हमलों पर चिंता जताई गई है. BRICS के जिस बयान से भारत ने खुद को जोड़ा है उसमें इज़रायल के हमले को अंतर्राष्ट्रीय कानून और UN चार्टर का उल्लंघन बताया गया है. 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने खुद को ऐसे समय में इस बयान से जोड़ा है, जब पीएम नरेन्द्र मोदी BRICS समिट में हिस्सा लेने जाएंगे. BRCIS सम्मेलन इस बार रियो डी जेनेरियो में 5-6 जुलाई को होना है. यही नहीं, भारत ने खुद को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की ओर से दोनों देशों के बीच तनाव पर जारी किए गए बयान से अलग कर लिया था. SCO ने 14 जून को अपने बयान में ईरान पर इज़रायल के सैन्य हमलों की निंदा की थी. 

BRICS की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया, 

हम 13 जून 2025 से ईरान के खिलाफ़ सैन्य हमलों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं. यह अंतर्राष्ट्रीय कानून और UN चार्टर के ख़िलाफ़ है. इसके बाद मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ा है. अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के साथ-साथ विश्व अर्थव्यवस्था के मद्देनजर, हम हिंसा रोकने और शांति स्थापित करने की वक़ालत करते हैं. हम सभी पक्षों से संवाद और कूटनीति के ज़रिए मामले को सुलझाने की अपील करते हैं. 

BRICS के जॉइंट स्टेटमेंट में ईरान के ‘शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम’ पर हुए हमले पर भी चिंता जताई गई थी. इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय कानून और अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रस्तावों का हवाला दिया गया था. लोगों और पर्यावरण को नुकसान से बचाने के लिए इसकी हिफ़ाज़त की बात कही गई थी. नागरिकों को बचाए जाने की भी अपील की थी. 

रिपोर्ट के मुताबिक, इज़रायली हमले पर चिंता व्यक्त करने के लिए भारत का आभार जताया गया है. दिल्ली में ईरानी दूतावास ने एक बयान में भारत के राजनीतिक दलों, संसद के सदस्यों, NGO, धार्मिक और आध्यात्मिक नेताओं, प्रोफेसरों, मीडिया, सामाजिक कार्यकर्ताओं और नागरिकों का आभार व्यक्त किया गया. कहा कि ये सभी ईरान के साथ दृढ़ता से खड़े थे.

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