महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने चचेरे भाइयों उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच सुलह के संकेतों पर प्रतिक्रिया दी है. दोनों भाइयों के हालिया बयानों से ऐसे संकेत मिले कि वो अपनी ‘राजनीतिक दुश्मनी’ छोड़ सकते हैं.
उद्धव और राज ठाकरे के बीच सुलह होगी? देवेंद्र फडणवीस क्या बोले, देख लीजिए
Devendra Fadnavis on Raj-Uddhav Thackeray Reunion: शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने शिक्षा नीति को लेकर नाराजगी जताई. एक पॉडकास्ट में राज ठाकरे ने सुलह करने की इच्छा जताई है.
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महाराष्ट्र सरकार के राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 को लागू करने के फ़ैसले से राज्य में हिंदी तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य हो जाएगी. इस फ़ैसले को लेकर महाराष्ट्र की क्षेत्रीय पार्टियां लामबंद हो रही हैं. शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने भी इससे नाराजगी जताई.
इस नाराजगी में जानकारों ने दोनों के साथ आने की अटकलें लगाईं. इन्हीं अटकलों को लेकर देवेंद्र फडणवीस से सवाल पूछा गया. इंडिया टुडे के इनपुट के मुताबिक़, इस पर फडणवीस का जवाब था,
अगर दोनों एक साथ आते हैं, तो हमें खुशी होगी. क्योंकि अगर लोग अपने मतभेदों को सुलझा लेते हैं, तो ये अच्छी बात है. मैं इसके बारे में और क्या कह सकता हूं?
शिवसेना नेता संजय राउत से भी शिवसेना (UBT) और MNS के बीच औपचारिक गठबंधन की अटकलों पर सवाल पूछा गया. इस पर उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल कोई गठबंधन नहीं है. सिर्फ़ भावनात्मक बातचीत हो रही है.
संजय राउत ने कहा कि उद्धव और राज ठाकरे के बीच रिश्ता पारिवारिक और साझा इतिहास वाला है उन्होंने कहा,
वो भाई हैं. हम सालों से साथ हैं. ये रिश्ता कभी नहीं टूटा. वे राजनीतिक रूप से साथ आएंगे या नहीं, ये उनका फ़ैसला होगा.
बता दें, शिवसेना के अंदर 2005 में हुए विवाद के कारण MNS का गठन हुआ. हमेशा दोनों पार्टियों के बीच तीखी नोकझोक होती रही, जिसने सालों तक राज्य की राजनीति पर असर पैदा किया.
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एक होगा ठाकरे परिवार?राज ठाकरे ने एक्टर महेश मांजरेकर के पॉडकास्ट में इसका जवाब दिया. उन्होंने कहा,
बड़े मुद्दे जब आते है तब हमारे बीच जो विवाद हैं, झगड़े हैं, वो छोटे नजर आएंगे. महाराष्ट्र के अस्तित्व के लिए मराठी मानुष के लिए हमारे बीच के झगड़े तुच्छ हैं. साथ में आना, ये कोई कठिन बात नहीं है, लेकिन सवाल इच्छा का है. लेकिन वो सिर्फ मेरे अकेले की इच्छा का सवाल नहीं है, अकेले मेरे स्वार्थ का सवाल नहीं है. बड़ी तस्वीर ध्यान में लेने की जरूरत है.
उद्धव ठाकरे ने भी राज ठाकरे से हाथ मिलाने की बात पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा,
छोटे-छोटे झगड़ों को मैं भी दरकिनार करने के लिए तैयार हूं. मैं भी सभी मराठी लोगों से मांग करता हूं कि मराठी मानुष के हित में सब एक साथ आएं. लेकिन एक ही शर्त है. जब लोकसभा के वक्त मैं कह रहा था कि महाराष्ट्र से उद्योग गुजरात में ले जाए जा रहे हैं. तब आपने उन्हें समर्थन दिया. अब विरोध और उसके बाद तोड़-जोड़, ये ठीक नहीं होगा. जो भी महाराष्ट्र के हित के ख़िलाफ़ होगा, उसे मैं घर बुलाकर खाना नहीं खिलाऊंगा. पहले तय करो, फिर महाराष्ट्र के हित की बात करो.
बताते चलें, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में उद्धव गुट की शिवसेना को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था. पार्टी को सिर्फ़ 20 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं, राज ठाकरे की MNS का तो खाता भी नहीं खुला. मतलब, मौजूदा विधानसभा में राज ठाकरे की पार्टी का एक भी विधायक नहीं है.
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