बिहार ‘मोबाइल फ़ोन के जरिए वोटिंग’ की मंजूरी देने वाला पहला राज्य बन गया है. राज्य में विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) से पहले शनिवार, 28 जून को छह नगर पालिकाओं में चुनाव हो रहे हैं. इसके लिए पहली बार मोबाइल के ज़रिए वोटिंग हो रही है. वोटिंग सुबह सात बजे शुरू हुई है और शाम क़रीब पांच बजे ख़त्म होगी.
बिहार में लोग डाल रहे ऑनलाइन वोट, मोबाइल के जरिए वोटिंग वाला पहला राज्य बना
बिहार में 28 जून को छह नगर पालिकाओं में चुनाव हो रहे हैं. इसके लिए पहली बार मोबाइल के जरिए वोटिंग हो रही है. जानिए लोग मोबाइल से कैसे वोट डाल रहे हैं.

कुल 489 बूथों पर वोटिंग हो रही है. 538 उम्मीदवार मैदाम में हैं. जिन छह नगर पालिकाओं में चुनाव हो रहे हैं, वो पटना, रोहतास और पूर्वी चंपारण ज़िले में आते हैं. सभी बूथों पर EVM के जरिए वोटिंग हो रही है. वहीं, कई वोटर्स घर बैठे मोबाइल ऐप के जरिए भी वोट डाल रहे हैं.
बिहार राज्य निर्वाचन आयुक्त दीपक प्रसाद ने शुक्रवार, 27 जून को इस संबंध में मीडिया को जानकारी दी. बताया कि पहली बार नगर निकाय चुनाव में मतदाता मोबाइल के ज़रिए भी वोट डाल सकेंगे. द हिंदू की ख़बर के मुताबिक़, दीपक प्रसाद ने कहा,
E-Voting System कैसे काम करता है?ये सुविधा उन लोगों के लिए उपलब्ध है, जो मतदान केंद्र पर जाकर वोट नहीं डाल पाते. इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए मतदाताओं को अपने एंड्रॉयड फ़ोन में ऐप इंस्टॉल करना होगा. सीनियर सिटीजन, विकलांग लोग और गर्भवती महिलाएं इस विकल्प का लाभ उठा सकती हैं.
वोटर्स को ई-एसईसीबीएचआर ऐप (E-SECBHR app) इंस्टॉल करना होगा. जो फिलहाल केवल एंड्रॉयड यूज़र्स के लिए उपलब्ध है. फिर वोटर लिस्ट में रजिस्टर्ड अपने मोबाइल नंबर को ऐप से लिंक करना होगा. वेरिफ़िकेशन के बाद, आप चुनाव के दिन E-SECBHR ऐप या बिहार चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट का उपयोग करके वोट डाल सकते हैं. इस ऐप को सेंटर फ़ॉर डेवलपमेंट ऑफ़ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) ने विकसित किया है.
हालांकि, बिहार राज्य निर्वाचन आयुक्त दीपक प्रसाद ने इस बारे में कुछ नहीं बताया कि ये सुविधा अक्टूबर-नवंबर 2025 में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान उपलब्ध होगी या नहीं. बताते चलें, ई-वोटिंग को लेकर कई तरह की चिंताएं जताई जाती हैं. इनमें सबसे बड़ी आशंकाओं में से एक संभावित छेड़छाड़ है.
हालांकि, दीपक प्रसाद ने जोर देकर कहा कि पारदर्शिता बनाए रखने के प्रयास किए गए हैं. वोटिंग प्रक्रिया सुचारू और निष्पक्ष होगी. उन्होंने बताया कि एक मोबाइल नंबर से सिर्फ़ दो रजिस्टर्ड वोटर्स को लॉग-इन करने की अनुमति है. हर वोटर का वेरिफ़िकेशन वोट आईडी नंबर दर्ज करके किया जा रहा है.
सुरक्षा के अन्य उपायों में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी, फेस मैचिंग और स्कैनिंग जैसी सुविधाएं शामिल हैं. ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि इसमें छेड़छाड़ नहीं हो सकेगी. शुक्रवार, 27 जून की शाम तक लगभग 10,000 वोटर्स ने मोबाइल वोटिंग के लिए रजिस्टर कराया था. लगभग 50,000 वोटर्स द्वारा वेबसाइट के ज़रिए वोटिंग करने की संभावना है.
वीडियो: तेजस्वी, लालू पर क्या बोले तेज प्रताप यादव? बिहार चुनाव लड़ने पर भी दिया जवाब