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शिवा गुर्जर का मर्डर करने वाले पांचों मुसलमान थे? जानिए हत्या का सच

शिवा गुर्जर हत्याकांड में सांप्रदायिक एंगल जोड़कर वीडियो वायरल हो रहा है.

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सोशल मीडिया पर वायरल दावे का स्क्रीनशॉट.
दावा होली के दिन यानी 18 मार्च को दिल्ली के नारायणा इलाके में एक मर्डर हुआ. जिस शख्स का मर्डर हुआ उसका नाम था शिवा गुर्जर और उम्र थी 29 साल. घटना के कुछ दिन बाद सोशल मीडिया पर #Justice_For_Shiva_Gurjar ट्रेंड चलने लगा. अलग-अलग सोशल मीडिया यूजर्स और बीजेपी नेताओं ने हैशटैग का समर्थन करते हुए 'जिहाद' और 'M कम्युनिटी' जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर घटना को सांप्रदायिक एंगल दिया. बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट
कर लिखा, (आर्काइव
)
दिल्ली में शिवा गुर्जर की हत्या की वीडियो बहुत दर्दनाक है. जिहादी स्टाइल में मर्डर किया गया है. पूरी जांच और न्याय बहुत जरूरी है. #justice_for_shiva_gurjar
यूट्यूबर एल्विश यादव ने ट्विटर
पर लिखा, (आर्काइव
)
एम समुदाय के लोगों द्वारा पार्किंग के एक मामूली मुद्दे पर 28 वर्षीय शिवा की हत्या कर दी गई. विडंबना यह है कि शांतिप्रिय हमेशा शांति छीनने वाले होते हैं!


घटना से जुड़ा एक वीडियो भी फेसबुक पर इसी तरह के दावों के साथ शेयर किया जा रहा है.
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सोशल मीडिया पर वायरल दावे का स्क्रीनशॉट.
पड़ताल वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए 'दी लल्लनटॉप' ने पड़ताल की. हमारी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला.
सबसे पहले हमने घटना से जुड़ीं मीडिया रिपोर्ट्स को इंटरनेट पर सर्च किया. सर्च से हमें घटना की अलग-अलग मीडिया संस्थानों में कवरेज मिली. 22 मार्च 2022 को हिन्दुस्तान टाइम्स न्यूज़ वेबसाइट पर पब्लिश हुई रिपोर्ट
के मुताबिक,
18 मार्च को शिवा अपने दोस्तों के साथ PVR नारायणा के पास एक पान की दुकान पर गए थे. दुकान के पास ही शिवा की बाइक ने कथित तौर पर वकील अहमद को टक्कर मार दी थी. वकील पान की दुकान पर काम करता था. टक्कर के कारण उनके बीच विवाद शुरू हुआ. बाद में दुकान के मालिक धर्मेंद्र राय, उसके दो बेटे भी बहस में शामिल हुए और कथित तौर पर शिवा की चाकू मारकर हत्या कर दी.
टाइम्स ऑफ इंडिया में 20 मार्च को पब्लिश हुई रिपोर्ट
के मुताबिक, घटना के बाद IPC की धारा 302 और धारा 34 के तहत नारायणा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर किया गया है. पश्चिमी दिल्ली से शनिवार को पांच लोगों को पकड़ा गया और चाकू बरामद किया गया. वकील के अलावा अन्य आरोपियों की पहचान धर्मेंद्र राय (52), सचिन राय (22), रामानुज राय (22) और एक नाबालिग के रूप में हुई है. सभी नारायणा गांव के रहने वाले हैं.
28 मार्च को पब्लिश हुई इंडिया टुडे वेबसाइट की रिपोर्ट
में घटना में किसी भी तरह के सांप्रदायिक एंगल को नकारा गया है. रिपोर्ट की माने तो,
कुछ राजनीतिक नेताओं ने दावा किया कि शिव की हत्या दूसरे समुदाय के लोगों ने बेरहमी से की थी. हालांकि, पुलिस ने हत्या के किसी भी सांप्रदायिक पहलू को खारिज कर दिया.
घटना के बारे में फैल रही अफवाह का खंडन करते हुए दिल्ली पुलिस ने 27 मार्च को एक ट्वीट
किया. इस ट्वीट में DCP वेस्ट दिल्ली की बाइट घनश्याम बंसल की बाइट भी मौजूद है. DCP वेस्ट दिल्ली के मुताबिक,
'FIR के हिसाब से जो मृतक है और जिसने मारा है, दोनों एक ही समुदाय से हैं. घटना के बहाने जो सामुदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है वो बिल्कुल निराधार है.'
नतीजा वायरल दावे में मौजूद पांच मुस्लिमों द्वारा शिवा गुर्जर पर हमला कर मारने का दावा भ्रामक है. पांच में से चार आरोपी हिन्दू हैं जबकि एक आरोपी मुस्लिम है. दिल्ली पुलिस ने भी वायरल दावे को सिरे से नकारा है, साथ ही हत्या का मुख्य आरोपी नाबालिग है.
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