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पड़ताल: गुजरात में 'आतंकी पकड़ने' का वीडियो लाखों बार देखा गया, पर सच्चाई कुछ और है

वीडियो एक रेलवे स्टेशन का है.

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दावा किया जा रहा है कि दाहोद स्टेशन पर पुलिस की कार्रवाई में आतंकियों को पकड़ा गया है.
दावा

सोशल मीडिया पर 3 मिनट 23 सेकेंड का एक वीडियो दिखाकर दावा किया जा रहा है कि गुजरात के दाहोद रेलवे स्टेशन से आतंकियों को पकड़ा गया है. वीडियो एक रेलवे स्टेशन का है. वीडियो में 2 मिनट 30 सेकेंड के मार्क पर RPF post Dahod लिखा दिखाता है. वीडियो के आखिरी हिस्से में पुलिस कर्मी दो लोगों को लॉक-अप में बंद करते दिखते हैं.
वायरल हो रहे इस वीडियो को अब तक अलग-अलग फेसबुक पेजों पर कई लाख बार देखा जा चुका है. हम वायरल वीडियो के साथ किए जा रहे दावे में बिना कोई बदलाव किए ज्यों का त्यों आपसे साझा कर रहे हैं.(आर्काइव
)
Indian Army Club नाम के पेज से पोस्ट किए गए इस वीडियो
में लिखा है-

दाहोद रेलवे स्टेसन पर आतंकवादी को पकड़ा गया पुलिस द्वारा

दाहोद रेलवे स्टेसन पर आतंकवादी को पकड़ा गया पुलिस द्वारा
 दाहोद रेलवे स्टेसन पर आतंकवादी को पकड़ा गया पुलिस द्वारा
Posted by Indian Army Club
on Sunday, 4 April 2021

इसी कैप्शन के साथ तमाम वीडियो फेसबुक पर वायरल हैं.
एक वीडियो को तो 11 मिलियन यानी 1 करोड़ 10 लाख से ज़्यादा बार देखा जा चुका है.
एक वीडियो को तो 11 मिलियन यानी 1 करोड़ 10 लाख से ज़्यादा बार देखा जा चुका है.


कुछ और वीडियोज़-
दावों की भाषा लगभग एक सी है.
दावों की भाषा लगभग एक सी है.


ट्विटर पर भी ऐसे दावे किए जा रहे हैं.
 

पड़ताल

पड़ताल में ये दावा ग़लत निकला. ये वीडियो दाहोद रेलवे स्टेशन का ही है लेकिन वहां आतंकवादी पकड़े जाने का कोई मामला सामने नहीं आया है. ये वीडियो रेलवे पुलिस फोर्स की एक मॉक ड्रिल का है. 30 मार्च 2021 को हुई इस ड्रिल में रेलवे पुलिस किसी आतंकी घटना होने की सूरत में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया का अभ्यास कर रहे थे.
फेसबुक पर इस पोस्ट के कमेंट सेक्शन में कई यूज़र्स ने इसे मॉक ड्रिल बताया है. वीडियो को देखने पर चीज़ें काफ़ी हद तक समान्य नज़र आती हैं. वीडियो में कोई ख़ास हलचल या अफ़रा-तफ़री नहीं दिखती.
घटना की तस्दीक के लिए हमने पश्चिम रेलवे, इंदौर के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी जितेंद्र कुमार जयंत से संपर्क किया. दाहोद स्टेशन उन्हीं के कार्यक्षेत्र में आता है. जितेंद्र कुमार ने बताया,

यह वीडियो 30 मार्च 2021 का है. दाहोद स्टेशन का. यह रेलवे सुरक्षा बल द्वारा की गई एक मॉकड्रिल थी. इस मॉकड्रिल का मकसद अपने सभी जवानों को किसी भी परिस्थिति में असामाजिक तत्व तथा आतंकवादियों का सामना करने के लिए तैयार रखना था. साथ ही, ये बताना था कि अगर ऐसी स्थिति पैदा होती है तो रेलवे सुरक्षा बल के जवानों को किस तरह से कार्यवाही करनी चाहिए.

गुजराती में प्रकाशित होने वाले अख़बार दिव्य भास्कर ने भी दाहोद स्टेशन की इस मॉकड्रिल के बारे में ख़बर प्रकाशित की
थी.
दिव्य भास्कर की रिपोर्ट.
दिव्य भास्कर की रिपोर्ट.
 

नतीजा

वायरल वीडियो गुजरात के दाहोद स्टेशन का ही है. लेकिन एक मॉक ड्रिल का है, असल में कोई आतंकी नहीं पकड़ा गया है. पश्चिम रेलवे ने वीडियो जांचने के बाद इस बात की पुष्टि की है.

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