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पड़ताल: क्या इस साल 10वीं और 12वीं पास करने वाले स्टूडेंट्स को सरकारी नौकरी के लिए स्पेशल पेपर देना होगा?

न्यूज़ वेबसाइट के वायरल स्क्रीनशॉट का पूरा सच यहां जानिए.

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वायरल दावा.
दावा सोशल मीडिया पर एक पोस्ट तेज़ी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि इस साल10वीं और 12वीं की परीक्षा में प्रमोट हुए स्टूडेंट्स को सरकारी नौकरी के लिए ख़ास परीक्षा देनी होगी और इस साल जारी हुई मार्कशीट सरकारी नौकरियों में मान्य नहीं होगी. कई जगहों पर ये पोस्ट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर के साथ भी शेयर किया जा रहा है. फेसबुक यूज़र मनोज सक्सेना ने तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा है- ‘यह है भाजपा सरकार का असली खेल पढ़ा लिखा सब बेकार हो गया’
फेसबुक यूज़र पल्लवी अग्रवाल (आर्काइव) ने भी वायरल पोस्ट शेयर किया –
ट्विटर यूज़र नितिन छजारसी ने भी वायरल तस्वीर शेयर करते हुए मिलता-जुलता दावा किया है.(आर्काइव) पड़ताल ‘दी लल्लनटॉप’ ने वायरल दावे की पड़ताल की. हमारी पड़ताल में किया जा रहा दावा भ्रामक निकला. हमने कीवर्ड सर्च की मदद से पोस्ट में शेयर की जा रही जानकारी खोजी. हमें न्यूज़ 18 की वेबसाइट पर मौजूद वही न्यूज़ आर्टिकल मिला, जिसका स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है. कई दावों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर लगाई गई है. पर ये ख़बर उत्तर प्रदेश की नहीं, असम की है. 1 जुलाई को असम में TET (शिक्षक पात्रता परीक्षा) के लिए नोटिफिकेशन जारी हुआ था. इसके क्लॉज़ 5 के मुताबिक,
इस साल 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास करने वाले स्टूडेंट्स की मार्कशीट्स भविष्य में असम सरकार के विभागों में होने वाली भर्तियों के लिए मान्य नहीं होंगी. उन्हें शिक्षण समेत अन्य सरकारी विभागों की नौकरियों के लिए एक अलग परीक्षा पास करनी होगी.
कुछ कीवर्ड्स की मदद से सर्च करने पर हमें यही ख़बर ‘The Indian Express’ की वेबसाइट पर भी मिली. क्या है पूरा मसला? असम सरकार के शिक्षा विभाग समेत तमाम विभागों में होनी वाली भर्तियों की फाइनल मेरिट लिस्ट में बड़ा हिस्सा HSLC (कक्षा 10) या HSSLC (कक्षा 12) के मार्क्स पर तय होता है. इसी आधार पर 1 जुलाई को जारी नोटिफिकेशन (संख्या- ASE. 16/2016/Pt-II/94) के क्लाज़ 5 में ‘विशेष परीक्षा’ आयोजित करने की बात लिखी गई थी. जिसके मुताबिक, कोविड महामारी की स्थिति में सुधार आने पर नौकरी के इच्छुक विद्यार्थियों को इस ‘विशेष परीक्षा’ में शामिल होना होगा. (पुराना नोटिफिकेशन आप नीचे पढ़ सकते हैं. इसे अब सरकार ने वापस ले लिया है.)
इस फैसले के लिए असम सरकार कोऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU), ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (ABSU), असम जातीयताबादी युबा छात्र परिषद (एजेवाईसीपी) जैसे संगठनों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा था. इसके बाद मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इन संगठनों के साथ हुई बैठक में आपत्तिजनक क्लॉज़ को हटाने का फ़ैसला किया. (मीटिंग के बाद लिए गए फै़सले को यँहा पढ़ सकते हैं.)
इसी फैसले की जानकारी हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने ट्विटर हैंडल से भी दी है. इसके अलावा सरमा ने बताया कि ज़रूरी होने पर टीचर्स की भर्तियों के लिए अलग से परीक्षा करवाई जा सकती है. (आर्काइव) नतीजा हमारी पड़ताल में 10वीं और 12वीं की परीक्षा में पास हुए स्टूडेंट्स को सरकारी नौकरी के लिए ख़ास परीक्षा देने का दावा करता वायरल पोस्ट भ्रामक निकला. ये बात सही है कि असम सरकार ने अपनी विभागीय भर्तियों के लिए ऐसी ‘ख़ास परीक्षा’ देने की बात कही थी, लेकिन भारी विरोध के चलते इस निर्णय को वापिस ले लिया गया था. उत्तर प्रदेश की सरकारी नौकरियों के लिए ऐसा कोई फ़ैसला नहीं लिया गया है.
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