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पड़ताल: 'महिलाओं के लिए शराब की अलग दुकानें खोलने' की ख़बर को शिवराज से जोड़ने वालों को सच जानकर झटका लगेगा!

दावा है कि महिलाओं के लिए अलग से दुकान खोलेने जा रही है शिवराज सरकार.

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वायरल कटिंग दिखाकर शिवराज सरकार पर निशाना साधा जा रहा है.
दावा

सोशल मीडिया पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री चर्चा का विषय बने हुए हैं. CM शिवराज सिंह चौहान के चर्चा में होने की वजह है अखबार की एक वायरल कटिंग. वायरल कटिंग की हेडलाइन है,

"महिलाओं के लिए अलग से दुकान खोलेगी सरकार. भोपाल, इंदौर, जबलपुर से होगी शुरुआत."

ट्विटर बायो में खुद को पत्रकार बताने वाले सुहरीद तिवारी ने ट्वीट
किया,

एक कांग्रेस और प्रियंका गांधी हैं जो यूपी चुनाव में महिलाओं को 40% टिकट देकर भागीदारी बढ़ाने की बात कर रही हैं. दूसरी मध्यप्रदेश की भाजपा,शिवराज सरकार है जो महिलाओं के लिए अलग शराब दुकान खोलने जा रही है. नीति,नियत का अंतर स्पष्ट है. (आर्काइव
)


 

कांग्रेस नेता मनोज मेहता ने अखबार की कटिंग शेयर किए बग़ैर
 वायरल खबर को आगामी UP विधानसभा चुनाव में महिलाओं को 40 प्रतिशत टिकट देने के प्रियंका गांधी के ऐलान से जोड़ा.  ( आर्काइव
)

भीम आर्मी के नेता और मध्य प्रदेश में आजाद समाज पार्टी के प्रदेश प्रभारी रहे सुनील अस्तेय ने ट्वीट
किया ( आर्काइव
)

सुनील अस्तेय ने ट्विटर पर इस खबर को आधार बनाते हुए एक पोल
भी करवाया ( आर्काइव
),

फेसबुक
पर भी वायरल हो रहे दावे को धड़ल्ले से शेयर किया जा रहा है
फेसबुक पर वायरल भ्रामक दावा.
फेसबुक पर वायरल भ्रामक दावा.
 

पड़ताल

दी लल्लनटॉप ने दावे की पड़ताल की. पड़ताल में हमने पाया कि वायरल हो रही अखबार की कटिंग 28 फरवरी 2020 की है. तब मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और मुख्यमंत्री कमल नाथ थे. मध्य प्रदेश के आबकारी विभाग ने हमें बताया कि हाल-फिलहाल ऐसी कोई भी योजना मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने नहीं चलाई है.
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने इंटरनेट पर कुछ कीवर्ड्स
 की मदद से जानकारी खोजी. सर्च करने पर वायरल दावे से जुड़ी खबर टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट
में मिली. ये रिपोर्ट टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट में 27 फरवरी 2020 को छपी थी. रिपोर्ट से पता चलता है कि उस समय की कमल नाथ सरकार मध्य प्रदेश में महिलाओं के अलग शराब की दुकान खोलने जा रही थी. भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर शहर में ये दुकानें खोलने की योजना थी.
अख़बार की कटिंग के बाइलाइन वाले हिस्से में 'पीपुल्स ब्यूरो' लिखा हुआ था. इंटरनेट पर हमें पीपुल्स समाचार का ई-पेपर मिला. 28 फरवरी 2020 का पीपुल्स ई-पेपर को चेक किया. पीपुल्स समाचार में 28 फरवरी 2020 को जबलपुर संस्करण में वायरल हो रही अखबार की कटिंग
छपी थी ( आर्काइव
).
पीपुल्स समाचार के ई-पेपर का स्क्रीनशॉट. तारीख देखने से स्पष्ट हो जाता है कि ये ख़बर पिछले सरकार यानी कमलनाथ के मुख्यमंत्री काल की है.
पीपुल्स समाचार के ई-पेपर का स्क्रीनशॉट. तारीख देखने से स्पष्ट हो जाता है कि ये ख़बर पिछले सरकार यानी कमलनाथ के मुख्यमंत्री कार्यकाल की है.


जबलपुर संस्करण में इस खबर को होम पेज पर दो कॉलम में
जगह दी गई थी (आर्काइव
).
कमलनाथ सरकार के महिलाओं के लिए अलग शराब की दुकान खोलने के फैसले का उस वक्त विपक्ष में रहे शिवराज सिंह चौहान ने विरोध किया था. 28 फरवरी 2020 को फैसले से जुड़ी खबर को शेयर करते हुए शिवराज ने ट्वीट
किया (आर्काइव
)-

मेरे दिल की बात कवि कुमार विश्वास ने कह दी-


 

वायरल हो रही खबर के दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने मध्य प्रदेश के आबकारी विभाग में संपर्क किया. आबकारी विभाग के ग्वालियर स्थित मुख्यालय में आबकारी आयुक्त राजीव चन्द्र दुबे ने 'दी लल्लनटॉप' को बताया,

"अभी एमपी में महिलाओं के लिए अलग से शराब की दुकान खोले जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है."

कमलनाथ सरकार के फैसले पर ज्यादा जानकारी लेने के लिए जब हमने आबकारी आयुक्त से सवाल पूछे तो उन्होंने पिछली सरकार के किसी भी फैसले पर टिप्पणी करने इनकार किया.

नतीजा

हमारी पड़ताल में नतीजा निकला कि महिलाओं के लिए अलग शराब की दुकानें खोलने की वायरल हो रही अख़बारी कतरन फरवरी 2020 की है. जिस वक्त ये खबर छपी थी, तब मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और कमल नाथ मुख्यमंत्री थे. इस अखबार की कटिंग का मध्य प्रदेश की वर्तमान शिवराज सरकार से कोई नाता नहीं है. पुरानी खबर गलत संदर्भ के साथ शेयर की जा रही है.

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