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पड़ताल: नौजवान की मारपीट और धारदार हथियार से हत्या को मुस्लिमों से जोड़ते वीडियो का सच

वॉट्सऐप पर वायरल वीडियो के एक हिस्से में भीड़ मारपीट कर लड़के को एक इमारत में खींचकर ले जाती है.

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सोशल मीडिया पर इस वीडियो को सांप्रदायिक ऐंगल के साथ वायरल किया जा रहा है.
दावा
वॉट्सऐप पर 50 सेकेंड की एक क्लिप वायरल है. क्लिप के पहले 19 सेकेंड्स में एक बाइक सवार को एक भीड़ पीटती और घसीटती नज़र आ रही है. वीडियो के अगले हिस्से में एक नौजवान लड़के का तेज़ धारदार हथियार से क़त्ल कर दिया जाता है. संवेदनशील वीडियो होने की वजह से हम वीडियो यहां नहीं दिखा रहे. पहचान के लिए सिर्फ स्क्रीनशॉट दिखा रहे हैं.
इस वीडियो को हिंदू-मुस्लिम का सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया जा रहा है. वायरल दावे में जो लिखा है, उसे ज्यों का त्यों, बिना किसी भाषाई बदलाव के आपको बता रहे हैं-
" मित्रो, हिन्दू के बेटे हो तो और भारत मे जन्म लिया है तो,आपके जितने ग्रुप हो 10,20,30 के उससे भी ज्यादा तो उन सारे ग्रुप्स में इस मैसेज को शेयर करो ताकि कुछ दोगले हिंदुओ को असली भाई चारा समझ में आ जाए और इसको इतना फेलावो की मैसेज हमारे प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदीजी तक पहुंच जाए।"
वीडियो के दूसरे हिस्से में एक कैप्शन भी नज़र आता है. इसमें लिखा है-
कसाई अपना हो या पराया, कसाई ही रहता है, वो किसी को काटने से पहले ये नहीं देखता कि वो बकरा है या इंसान.
पड़ताल
हमने इस वीडियो की पड़ताल की और पाया कि इसके दोनों हिस्सों का आपस में कोई नाता नहीं है. दोनों घटनाएं अलग हैं. मारपीट की घटना मुज़फ़्फ़रनगर, उत्तर प्रदेश की है और मर्डर की घटना लैटिन अमेरिकी देश वेनेज़ुएला की. दोनों घटनाओं को आपस में जोड़कर गलत जानकारी फैलाई जा रही है.
वीडियो का पहला हिस्सा-
वीडियो के शुरुआती हिस्से में जालीदार टोपी पहने मुस्लिमों की भीड़ बाइक पर बैठे एक शख़्स की पिटाई करती है और एक इमारत के अंदर ले जाती है. 19 सेकेंड के इस हिस्से के बाद मर्डर का वीडियो शुरू हो जाता है. जब हमने पहले हिस्से के बारे में खोजा तो पता चला कि ये घटना उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर की घटना है. मुज़फ़्फ़रनगर के सीकरी गांव में बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने पहुंचे लाइनमैन को स्थानीय लोगों ने बंधक बना लिया था.
5 मई 2021 को अमर उजाला वेबसाइट पर इस बारे में जानकारी छपी थी. अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक
,
"भोपा थाना क्षेत्र के गांव सीकरी के बिजली दफ़्तर में कॉन्ट्रेक्ट पर काम कर रहे अनुज, योगेश और रहतू गांव सीकरी में बिजली लाइन के फाल्ट को ठीक करने आए थे. आरोप है कि इसी दौरान सलमान और अय्याज नाम के दो भाई आए और लाइनमैन से घर का केबल बदलने के लिए कहा. लाइनमैन अनुज ने बिना जेई की अनुमति के केबल बदलने से इनकार कर दिया. आरोप है कि इससे नाराज दोनों भाइयों ने अपने साथियों रफी, खालिद, नाज, आस मोहम्मद, आबिद व एक अज्ञात को वहां बुला लिया और मारपीट की. योगेश व रहतू किसी तरह जान बचाकर भाग निकले थे. मौके से भागे साथियों ने इसकी सूचना डायल-112 को दी, जिस पर पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर अनुज को मुक्त कराया."
'हिंदुस्तान' वेबसाइट पर यही जानकारी
छपी है.
इस मामले पर मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस ने 5 मई को ट्वीट कर जानकारी दी थी. एक ट्वीट के रिप्लाई में पुलिस
ने 7 नामजद और 10-12 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा कायम करने की बात लिखी थी. 5 सितंबर 2021 को पुलिस ने इस मामले पर अपडेट दिया है. मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस के ट्वीट के मुताबिक, इस मामले में 10 अभियुक्तों को जेल भेजा गया है. वीडियो का दूसरा हिस्सा-
वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च की मदद से खोजने पर हमें news.com.au की वेबसाइट पर
6 फरवरी 2018 को प्रकाशित एक आर्टिकल मिला. इस आर्टिकल के मुताबिक, ये घटना वेनेज़ुएला की है जहां नशा तस्करों ने एक किशोर का तेजधार चाकू से मर्डर कर दिया था.
कुछ अन्य वेबसाइट्स पर भी हमें इससे जुड़े आर्टिकल मिले. गुएना की एक न्यूज़ वेबसाइट- Kaieteur News की वेबसाइट
पर इस वीडियो के बारे में 20 जनवरी 2018 से जानकारी उपलब्ध है. वेबसाइट ने गुएना के मूलनिवासियों की एक संस्था- नैशनल तोशाओस काउंसिल के हवाले से लिखा,
मृतक गुएना के मूलनिवासी समुदायों में से था और वीडियो में उसका मर्डर करते दिख रहे लोगों के पास नौकरी करता था. इस लड़के को काम के बदले कभी पैसा नहीं दिया गया. जब उसने पैसे मांगे तो इसे मार डाला गया ताकि बाकी लोग पैसे मांगने की हिम्मत ना कर पाएं.
Kaieteur News पर छपे आर्टिकल के मुताबिक, मृतक अभी किशोर था और जिनके पास नौकरी करता था, उन्होंने ही उसकी हत्या की थी.
Kaieteur News पर छपे आर्टिकल के मुताबिक, मृतक अभी किशोर था और जिनके पास नौकरी करता था, उन्होंने ही उसकी हत्या की थी.


'दी लल्लनटॉप' स्वतंत्र रूप से news.com.au और Kaieteur News की रिपोर्ट्स में मौजूद तथ्यों की पुष्टि नहीं करता. लेकिन ये निश्चित है कि दोनों घटनाएं अलग हैं और भारत की घटना में पीड़ित की हत्या नहीं हुई है.
नतीजा
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो भ्रामक है जिसमें एक शख़्स को मुस्लिमों की भीड़ पीटकर इमारत के अंदर ले जाती है और उसी के दूसरे हिस्से में एक लड़के का क़त्ल होता है. दोनों अलग घटनाएं हैं.
मारपीट की घटना उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर की है, जहां बिजली कनेक्शन संबंधी मामले में एक बिजली लाइनमैन को पीटा गया था. दूसरी घटना दक्षिण अमेरिकी देश वेनेज़ुएला की है और साल 2018 से इंटरनेट पर मौजूद है. वीडियो दिखाकर फैलाया जा रहा सांप्रदायिक दावा ग़लत है.
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