Jewel Thief में Jaideep Ahlawat का डांसिंग टैलेंट तो सबने देख लिया. मगर कम ही लोग जानते हैं कि वो कॉलेज की कव्वाली पार्टी में भी शामिल थे. गवैये एक तौर पर. एक इंटर-कॉलेज फेस्टिवल में बिना रजिस्ट्रेशन के ही वो और उनके दोस्त स्टेज पर चढ गए. न कोई तैयारी, न ही गाने का अता-पता. फिर जो हुआ, वो पूरा वाकया आज भी उनकी यादों में जज्ब है. The Lallantop के ख़ास कार्यक्रम Guest In The Newsroom में जयदीप ने पूरा किस्सा सुनाया. थोड़ा गाकर भी बताया.
जब जयदीप अहलावत बीच कॉम्पीटिशन में स्टेज पर कव्वाली गाने पहुंचे और इंग्लिश गाना गाने लगे
कव्वाली के नाम पर अंग्रेज़ी, हरियाणवी और बॉलीवुड के गाने गा दिए. इस हरकत के लिए कॉलेज से रस्टिकेट होते-होते बचे.

इस बातचीत के दौरान जब सवाल पूछा गया कि कव्वाली पार्टी क्यों बंद कर दी, तो जयदीप ने कहा,
"कव्वाली पार्टी थी नहीं. असल में हमारे ऊपर ज़िम्मेदारी आ गई. हुआ यूं कि कव्वाली कॉम्पीटिशन थी. बिल्कुल ऐन वक्त पर हमें पता लगा कि हमारे कॉलेज की तरफ़ से पार्टिसिपेशन ही नहीं हो रहा है. हमें ये बात अखर गई. हम कुछ 6-7 कव्वाल थे, जिन्हें कव्वाली के नाम पर कुछ नहीं आता था. गाना भी नहीं आता था. हम जैसे कपड़ों में थे, वैसे ही चढ़ गए. तीन-चार लड़कियां. दो चार लड़के."
स्टेज पर चढ़ तो गए, मगर आगे जो हुआ वो बड़ा दिलचस्प है. पूरा किस्सा सुनाते हुए जयदीप ने कहा,
“कुछ दोस्तों ने एक बढ़िया सी ग़ज़ल का मुखड़ा गाना शुरू किया. जज लोगों को लग रहा है कि ये वेशभूषा तो कव्वालों वाली है नहीं. वो हैरान. फिर कव्वाली में इंग्लिश गाने भी आ गए. हरियाणवी गाने भी आ गए. बॉलीवुड गाने भी आ गए. और ये तमाशा कुछ 6-7 मिनट चला. जज समझ नहीं पा रहे हैं कि इनको नंबर देने हैं या नहीं देने हैं. थोड़ी देर बाद सबको समझ आ गया ये बस मज़े ले रहे हैं. पूरा पंडाल खड़ा हो गया और सबने खूब मज़े किए.”

इसके बाद कॉलेज मैनेजमेंट की तरफ से जयदीप और उनके दोस्तों को ज़बरदस्त झाड़ पड़ी. इस बारे में जयदीप ने कहा,
“अब ये तमाशा तो हमने कर दिया, मगर उसके बाद जो डांट पड़ी है कॉलेज की तरफ से... कुछ को तो रस्टिकेट करने जैसे हालात बन गए थे. मैं पुरोधा नहीं था. पीछे था. बच गया. जो पुरोधा थे, उनके लिए कहा जा रहा था कि इनको निकालो कॉलेज से. इन्होंने बहुत बेइज्ज़ती करवाई है आज कॉलेज की. गौड़ ब्राह्मण कॉलेज रोहतक का किस्सा है ये. इंटर-कॉलेज फेस्टिवल था. 2001-2002 के आसपास की बात है.”
जयदीप अहलावत स्कूल-कॉलेज के दिनों से ही डांस और थिएटर करने लगे थे. वो यूथ फेस्टिवल में डांस कोरियोग्राफ भी कर चुके हैं. आगे चलकर उन्होंने FTII पुणे से सिनेमा और एक्टिंग की पढ़ाई की. और साल 2010 में ‘आक्रोश’ में पहली बार स्क्रीन पर नज़र आए. फिर वो ‘खट्टा मीठा’ और ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ में दिखे. मगर ‘राज़ी’ और ‘पाताल लोग’ उनके ब्रेकथ्रू प्रोजेक्ट रहे. जल्द ही जयदीप शाहरुख खान के साथ ‘किंग’ में नज़र आएंगे.
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