पहली याद का कोई मुक़ाबला नहीं. चाहे वो पहली मार हो या पहला प्यार. जोक की तरह दिमाग में चिपट जाता है. हमारे ऑफिस में एक मोहतरमा हैं मेघना. उनके दिमाग में भी एक याद अमरबेल की तरह लिपटी हुई है. उनकी पहली थिएटर में देखी फ़िल्म, 'कुछ-कुछ होता है' और उसका बाहें फैलाए खड़ा हीरो शाहरुख खान. मेघना की थिएटर मेमोरी में शाहरुख इस कदर बैठ गया कि उसी दिन से उनका पहला और आखिरी सिनेमाई प्रेमी बन गया. मेरी उनके प्रेमी की पहली याद है दूरदर्शन पर देखी गई 'बाज़ीगर'. जनता ने इस पर खूब प्यार उड़ेला.