The Lallantop

देवेन्द्र फडणवीस बोले, अनिल कपूर की 'नायक' से प्रेरित हुआ, मगर लोग 'नालायक' कहने लगे

फडणवीस ने एक बार सीधे अनिल कपूर से ही ये सवाल कर दिया कि आखिर उन्होंने 'नायक' बनाई ही क्यों?

Advertisement
post-main-image
देवेंद्र फडणवीस के मुताबिक, इस तरह की फिल्में आपके अंदर के आम आदमी को जिंदा रखती है.

राजनीति से प्रेरित होकर कई फिल्में बनीं. कई मौके ऐसे भी आए, जब राजनेता फिल्मों से प्रेरित हुए. ऐसे ही एक नेता हैं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री Devendra Fadnavis. फडणवीस पर Anil Kapoor की पॉलिटिकल ड्रामा फिल्म Nayak ने बड़ी गहरी छाप छोड़ी थी. साथ ही इसने उन्हें बड़ी मुसीबत में भी डाल दिया. इतना कि लोग उन्हें 'नालायक' तक कहने लगे.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

हाल ही में देवेंद्र फडणवीस FICCI के 25वें एडिशन के इवेंट में अक्षय कुमार के साथ बातचीत कर रहे थे. इसी दौरान अक्षय ने उनसे सवाल किया कि क्या ऐसी कोई फिल्म है, जिसने फडणवीस को इंस्पायर किया हो. जवाब में उन्होंने कहा,

"फिल्में हमें सीधे तौर पर लीडर नहीं बनातीं, लेकिन ये हमारे इमोशन, संवेदनशीलता और इंसानियत को जरूर प्रभावित करती हैं. ऐसी कई फिल्में हैं जिनका मेरे ऊपर गहरा असर पड़ा है. अगर राजनीति की बात करूं, तो एक फिल्म है जिसे मैं ज़रूर याद करता हूं और वो है ‘नायक’. इस फिल्म ने मुझे प्रेरणा दी. लेकिन इसके कारण मुझे थोड़ी परेशानी भी उठानी पड़ी."

Advertisement

'नायक' में अनिल ने एक ऐसी जर्नलिस्ट का किरदार निभाया था, जिन्हें एक दिन के लिए महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाया जाता है. मूवी में वो 24 घंटे के भीतर ही पूरे सिस्टम को लाइन पर ले आते हैं. फडणवीस ने बताया कि इस बात ने हर तरफ़ जनता के मन में नेताओं को लेकर अन-रियलिस्टिक एक्सपेक्टेशन पैदा कर दिया. वो कहते हैं,

"मैं जहां भी जाता हूं, लोग कहते हैं-'नायक जैसे बनो. देखो उसने एक दिन में कितना कुछ किया. उसने 24 घंटे में ही पूरी दुनिया बदल दी."

फडणवीस ने इस बात को लेकर एक बार अनिल कपूर से शिकायत भी की. उन्होंने बताया कि वो अनिल कपूर से भी इस बारे में बात कर चुके हैं. उन्होंने अनिल कपूर से पूछा?   

Advertisement

"आपने नायक क्यों बनाई भाई? अब लोगों को लगता है कि आप नायक हैं और हम नालायक. आपने इतना सब कुछ एक ही दिन में कैसे मैनेज किया?"

हालांकि देवेंद्र फडणवीस ने ये भी स्वीकार किया कि 'नायक' ने लीडरशिप को लेकर एक स्टैंडर्ड सेट किया था. इस तरह की फिल्में नेताओं के इमोशनल साइड को एक्सप्लोर करती हैं. राजनीति में लंबे समय तक एक्टिव रहने के कारण नेताओं के इमोशन्स अक्सर फीके पड़ने लगते हैं. मगर इस तरह की फिल्में देखने के बाद उन्हें दोबारा आम आदमी होने का एहसास होता है. 

वीडियो: अक्षय कुमार के साथ सिद्धार्थ आनंद 'नायक' का सीक्वल बनाने जा रहे हैं?

Advertisement