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कंगना के खिलाफ कांग्रेस ने 'नाराज़ राजा साहिब' को उतारा, मंडी में होगा मुकाबला

Himachal Pradesh की मंडी लोकसभा सीट पर कांग्रेस की तरफ से Vikramaditya Singh का नाम तय हुआ है . वहीं दूसरी तरफ बीजेपी से Kangana Ranaut चुनाव मैदान में हैं.

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मंडी लोकसभा सीट पर विक्रमादित्य सिंह Vs कंगना रनौत ( फोटो- इंडिया टुडे)

कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए 16 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है. हिमाचल (Himachal Pradesh) की मंडी सीट से पार्टी ने विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) को टिकट दिया है. वो बीजेपी की उम्मीदवार कंगना रनौत के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. वहीं शिमला से विनोद सुल्तानपुरी (Vinod Sultanpuri) चुनाव लड़ेंगे.

'विक्रमादित्य सिंह के नाम पर सहमति'

विक्रमादित्य हिमाचल के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) और प्रतिभा सिंह के बेटे हैं. वीरभद्र सिंह राजघराने से थे. प्रदेश की राजनीति में उनके रसूख का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वो 6 बार मुख्यमंत्री, 9 बार विधायक और पांच बार सांसद रह चुके हैं. साथ ही लोग उन्हें ‘राजा साहब’ कहकर पुकारते थे. वहीं उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष होने के साथ मंडी लोकसभा सीट से सांसद हैं. आज तक से जुड़ी मौसमी सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में कांग्रेस चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में हिमाचल की चारों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा हुई है. बैठक के बाद प्रतिभा सिंह (Pratibha Singh) ने मंडी लोकसभा सीट से विक्रमादित्य सिंह का नाम पर सहमति तय होने की बात पहले ही बता दी थी.

प्रतिभा सिंह ने आगे कहा कि हमें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कंगना क्या कर रही हैं या क्या बोल रही हैं. मंडी के लोग हमेशा हमारे साथ रहे हैं. मैंने कठिन परिस्थितियों में भी सीट जीती है. मालूम हो कि कंगना को बीजेपी ने मंडी लोकसभा से अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी कहा था कि कि चारों सीटों पर चर्चा हुई है. मंडी से टिकट युवा नेता मिलेगा ये तय है.  

राज्यसभा चुनाव के वक्त इस्तीफा, सुक्खू से नाराज़गी

हालांकि सीएम सुक्खू और विक्रमादित्य सिंह के बीच राज्यसभा चुनाव के दौरान तल्खी देखी जा चुकी है. चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायकों ने पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर क्रॉस वोटिंग की थी. कांग्रेस के 6 और 3 निर्दलीय विधायकों की क्रॉस वोटिंग से बीजेपी और कांग्रेस को 34-34 वोट मिले थे. हिमाचल विधानसभा में कुल 68 सीटें हैं. दोनों पार्टियों के बीच टाई होने पर पर्ची से ड्रॉ निकाला गया. कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी के खिलाफ बीजेपी के हर्ष महाजन ने जीत दर्ज की थी.

राज्यसभा चुनाव के अगले ही दिन सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार में Public Works Department (PWD) मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने पद से इस्तीफा दे दिया था. विक्रमादित्य सिंह ने आरोप लगाया था कि सुक्खू सरकार में विधायकों की आवाज को दबाने की कोशिश की गई थी. दावा किया कि कई विधायक सरकार से नाराज चल रहे थे. उन्होंने कांग्रेस आलाकमान से कार्रवाई पर फैसला लेने को कहा था. सीएम सुक्खू को मुख्यमंत्री पद से हटाने तक की मांग की जा रही थी. हालांकि बाद में विक्रमादित्य ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया था. हिमाचल की राजनीति पर करीब से नजर रखने वाले हिमाचल यूनिवर्सिटी में जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट में प्रोफेशर डॉ  शशिकांत शर्मा ने बताया,

कांग्रेस से विक्रमादित्य को मंडी लोकसभा सीट से उतारा गया है. सुक्खू भी इस बात का सपोर्ट कर रहे हैं क्योंकि उनकी सरकार में एक मंत्री पद खाली होने जा रहा है. जहां वो अपने किसी करीबी को ला सकेंगे. विक्रमादित्य सुक्खू के लिए चैलेंज हैं. वो चुनाव जीतकर दिल्ली चले जाएंगे तो सुक्खू को ही फायदा है. मंडी सीट पर फाइट टफ है . कंगना हार भी सकती हैं.

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गौर करने वाली बात ये है कि हाल ही में 7 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने अपने बेटे और हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह के साथ नई दिल्ली में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी. 

वीडियो: कंगना ने राहुल गांधी और विक्रमादित्य सिंह को लेकर अब क्या कह दिया?