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सपा के टिकट पर उतरे डाकू ददुआ के बेटे वीर सिंह का क्या हुआ?

ददुआ का बेटा और भतीजा दोनों ही सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में थे

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बाएं से दाएं. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और सपा के नेता वीर सिंह पटेल. (फोटो: पीटीआई/फेसबुक)
कुख्यात डाकू शिवकुमार पटेल उर्फ ददुआ के बेटे वीर सिंह पटेल चित्रकूट की मानिकपुर सीट से 1048 वोटों से चुनाव हार गए हैं. समाजवादी पार्टी के टिकट से उतरे वीर सिंह पटेल को 72 हजार 84 वोट मिले. उन्हें अपना दल (सोनेलाल) के अविनाश चंद्र त्रिवेदी ने हराया. बीजेपी-अपना दल गठबंधन के प्रत्याशी अविनाश चंद्र द्विवेदी को 73 हजार 132 वोट मिले. मुकाबला कांटे का रहा. इस सीट पर बसपा के बलवीर पाल ने भी अच्छी चुनौती पेश की. बलवीर पाल 45 हजार 367 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे. चुनाव से पहले खबरें थीं कि वीर सिंह पटेल मानिकपुर सीट से लड़ने को तैयार नहीं थे. समाजवादी पार्टी की लिस्ट में मानिकपुर सीट से टिकट मिलने पर उन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से बात की थी. हालांकि, अखिलेश यादव के मनाने पर वो मान गए थे और आखिरी दिन मानिकपुर सीट से नामांकन पत्र दाखिल किया था. बताया गया कि वीर सिंह पटेल ने चित्रकूट सदर सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रखी थी. इस सीट से वो 2012 में सपा के ही टिकट पर विधायक चुने गए थे. चित्रकूट सदर सीट से इस बार समाजवादी पार्टी के अनिल कुमार प्रधान ने जीत हासिल की. उन्होंने बीजेपी के चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय को हराया. ददुआ के नाम की राजनीति समाजवादी पार्टी ने जब ददुआ के बेटे को टिकट दिया था, तो इस बात की खूब चर्चा हुई थी. दूसरी तरफ वीर सिंह पटेल ने कहा था कि अगर उनके पिता डाकू थे तो इसमें उनकी कोई गलती नहीं है. उन्होंने कहा था कि वो 2005 से लोगों की भलाई के लिए काम कर रहे हैं और समाजवादी पार्टी की सरकार आने पर वो इलाके के आदिवासियों के लिए काम करेंगे. दरअसल, वीर सिंह पटेल बार-बार इस बात को उठाते रहे हैं कि उनके इलाके में रहने वाले आदिवासी समुदाय के लोगों को अनुसूचित जनजाति में शामिल नहीं किया गया है, बल्कि इसी समुदाय के लोगों को मध्य प्रदेश में ये दर्जा मिला हुआ है. उन्होंने कहा था कि जीतने पर वो केंद्र सरकार से यह मांग करेंगे. साल 2007 में शिवकुमार पटेल उर्फ ददुआ का एनकाउंटर हुआ था. ददुआ की मौत के इतने सालों के बाद भी चित्रकूट में उसके नाम का असर है. कुर्मी समाज से आने वाले लोगों में ददुआ के नाम का अभी भी काफी प्रभाव बताया जाता है. समाजवादी पार्टी ने ददुआ के बेटे के साथ-साथ उसके भतीजे राम सिंह पटेल को भी टिकट दिया था. इस चुनाव में राम सिंह पटेल ने पट्टी सीट से योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह को हराया है.