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यूपी चुनाव: एनडीए के पहले मुस्लिम उम्मीदवार ने योगी और आजम खान के लिए क्या कहा?

रामपुर के स्वार से चुनाव लड़ रहे हैदर अली खान ने बताया वे किस वजह से BJP गठबंधन के उम्मीदवार बने हैं?

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हैदर अली अनुप्रिया पटेल के साथ(फोटो: हैदर अली/फेसबुक)
यूपी विधानसभा चुनाव के लिए सभी सियासी पार्टियां अपनी पूरी ताक़त लगा रही हैं. रविवार, 24 जनवरी को भाजपा के सहयोगी अपना दल (एस) ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की. इस लिस्ट में सिर्फ एक ही नाम है और इसने भी सभी को चौंका दिया है. दरअसल, अपना दल ने रामपुर (Rampur) की स्वार विधानसभा सीट से मुस्लिम उम्मीदवार हैदर अली खान (Haider Ali Khan) को चुनावी मैदान में उतारा है. 2014 के बाद यह पहला मौका है, जब बीजेपी की सहयोगी पार्टी ने किसी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट दिया है. स्वार में हैदर अली खान का मुकाबला सपा नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम खान (Abdullah Azam Khan) से होगा. 2017 में हुए चुनावों में अब्दुल्लाह आजम ने स्वार से ही चुनाव जीता था, लेकिन 2019 में इलाहबाद हाईकोर्ट के आदेश पर ग़लत एफ़िडेविट की वजह से उनकी विधानसभा की सदस्यता ख़त्म कर दी गई थी. कौन हैं हैदर अली खान? रामपुर के नवाबों के खानदान से संबंध रखने वाले हैदर अली खान कांग्रेस नेता नवाब काज़िम अली खान के बेटे हैं और कांग्रेस की पूर्व विधायक नूरबानो के पोते हैं. रोचक बात ये है कि हैदर के पिता काज़िम अली खान रामपुर की ही सदर सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. हाल ही में हैदर अली खान उस समय चर्चा में आए थे, जब उन्होंने दिल्ली में अनुप्रिया पटेल से मुलाक़ात की और अपना दल (एस) जॉइन कर लिया. हालांकि, इससे पहले कांग्रेस ने उनको स्वार सीट से ही अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन अब उन्होंने कांग्रेस छोड़ अपना दल का दामन थाम लिया. हैदर ने पीटीआई को पार्टी बदलने का कारण बताते हुए कहा,
"मैं अपना दल (एस) में इसलिए शामिल हुआ क्योंकि मैं अपने इलाके का विकास करना चाहता हूँ."  
हैदर अली खान ने दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से पढ़ाई करने के बाद विदेश में भी पढ़ाई की है. उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में अपने पिता काज़िम अली खान का इलेक्शन मैनेजमेंट देखा था. तब उनके पिता ने बीएसपी से चुनाव लड़ा था. हैदर अली का बतौर प्रत्याशी यह पहला चुनाव है. योगी के काम से हैं प्रभावित इंडिया टुडे की शिल्पी सेन के मुताबिक हैदर अली खान ने बताया कि वे अपना दल (एस) की नेता अनुप्रिय पटेल से काफी प्रभावित हैं. इसके साथ ही उन्होंने योगी सरकार के काम की भी तारीफ की. हैदर ने बताया
"मेरे परिवार के बनाए ‘लालपुर पुल’ को सपा सरकार में आज़म खान ने पैसे के लिए तुड़वा दिया था. इसमें लगे लोहे और बाकी पुर्जों को कौड़ियों के भाव बेच दिया गया. ये पुल रामपुर के ग्रामीण इलाकों को शहर से जोड़ता था. मेरे कहने पर योगी सरकार इस पुल को दोबारा बना रही है."
हैदर ने आगे कहा कि प्रदेश में एनडीए की सरकार के दौरान सभी मुसलमानों को सारी सरकारी स्कीमों का फायदा मिला है. मुसलमानों को एनडीए का साथ देना चाहिए. हैदर ने अपने चुनावी प्रतिद्वंदी अब्दुल्लाह आजम पर तंज कसते हुए कहा
"अब्दुल्लाह को पहले पर्चा तो भरने दीजिए, देखते हैं इस बार वे कौन-सी डेट ऑफ बर्थ लिखते हैं."
इस समय सीतापुर जेल में बंद सपा नेता आजम खान का रामपुर के नवाब परिवार के साथ छत्तीस का आंकड़ा रहा है. यही कारण है कि आजम खान अक्सर रामपुर में इस परिवार से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी के खिलाफ खड़े होते हैं. आजम की तरह की उनके बेटे अब्दुल्लाह भी अब हैदर अली खान के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं.