अब्दुल्ला आजम खान की रिहाई के संबंध में सीतापुर जेल के अधीक्षक सुरेश सिंह ने इंडिया टुडे को बताया,
"अब्दुल्ला की रिहाई का आदेश पहले ही आ चुका था लेकिन उसमें कुछ गड़बड़ी थी. बाद में रामपुर कोर्ट से नया आदेश आया जिसके बाद उनको जेल से रिहा कर दिया गया. अब्दुल्ला के खिलाफ 43 केस दर्ज हैं और उनको सभी में जमानत मिली है."'जुल्म खत्म होगा' इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, अब्दुल्ला आजम खान की रिहाई की खबर मिलते ही उनके कई समर्थक जेल के बाहर जमा हो गए. जेल से बाहर आते ही अब्दुल्ला आजम खान अपने परिजनों के साथ कार में रामपुर के लिए रवाना हो गए. इस बीच जेल के बाहर मौजूद मीडियाकर्मियों से अब्दुल्ला आजम खान ने कहा,
"अब जुल्म खत्म होगा, और जुल्म करने वालों का 10 मार्च को तख्तापलट होगा."इससे पहले साल 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब्दुल्ला आजम खान ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से चुनाव जीत था. इसके बाद दिसंबर 2019 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अब्दुल्ला के चुनाव को इस आधार पर अमान्य घोषित कर दिया था, क्योंकि कोर्ट के मुताबिक जिस वक्त उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया था तब उनकी उम्र 25 साल से कम थी. उनके ऊपर जन्म प्रमाणपत्र में धोखाधड़ी करने का आरोप लगा था.
सपा नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला
वहीं 26 फ़रवरी 2020 को आजम खान, पत्नी तंज़ीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम खान ने रामपुर की अदालत में सरेंडर कर दिया था. आजम खान और तंजीम फातिमा पर भी अब्दुल्ला खान के बर्थ सर्टिफिकेट में धोखाधड़ी करने का आरोप लगा. जिसके बाद दिसंबर 2020 में फातिमा को बेल पर रिहा कर दिया गया, वहीं आजम खान अभी भी जेल में बंद हैं. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक आजम खान के खिलाफ 81 और फातिमा के खिलाफ 32 मामले दर्ज हैं. तंजीम फातिमा भी समाजवादी पार्टी की विधायक हैं.