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कांग्रेस ने पंजाब CM चन्नी के भाई को नहीं दिया टिकट, निर्दलीय लड़ेंगे

चुनाव लड़ने के लिए VRS लिया था.

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सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के भाई मनोहर सिंह ने चुनाव लड़ने के लिए वीआरएस भी लिया था लेकिन कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया.
कांग्रेस ने पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट शनिवार, 15 जनवरी को जारी की. पार्टी ने 86 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया. चरणजीत सिंह चन्नी चमकौर साहिब सीट से चुनाव लड़ेंगे. वहीं नवजोत सिंह सिद्धू अमृतसर पूर्व सीट से चुनाव लड़ेंगे. कहा जा रहा है मुख्यमंत्री अपने भाई को टिकट दिलाना चाहते थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला.
चरणजीत सिंह चन्नी के भाई मनोहर सिंह ने चुनाव लड़ने के लिए वीआरएस भी लिया था. वह खरड़ सिविल अस्पताल में सीनियर मेडिकल ऑफिसर थे. कुछ समय पहले उन्होंने पद से इस्तीफा दिया था. मनोहर सिंह की नजर बस्सी पठाना से चुनाव लड़ने पर थी. इसके बाद बस्सी पठाना में जाकर वह सक्रिय हो गए. यह सीट SC समुदाय के लिए रिजर्व है. हालांकि कांग्रेस ने बस्सी पठाना विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी को ही मैदान में उतारा है.
इंडिया टुडे से जुड़े मनजीत सहगल की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों का कहना है कि पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू सीएम चन्नी के भाई मनोहर सिंह को टिकट नहीं दिए जाने के पक्ष में थे. बताया जा रहा है कि मनोहर सिंह ने अब निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है. टिकट बंटवारे में चन्नी की नहीं चली! रिपोर्ट के मुताबिक, टिकट बंटवारे में सिद्धू का दबदबा देखने को मिला. कांग्रेस ने पहली लिस्ट में 4 विधायकों के टिकट काटे हैं. मोगा सीट से विधायक हरजोत कमल की जगह सोनू सूद की बहन मालविका सूद को टिकट मिला है. मलोट से मौजूदा विधायक और पंजाब विधानसभा में डिप्टी स्पीकर अजैब सिंह भट्‌टी की जगह रूपिंदर कौर रूबी को टिकट दिया गया है. श्री हरगोबिंदपुर से बलविंदर लाडी का टिकट काटा गया है. उनकी जगह मनदीप सिंह रंगड़ नंगल को टिकट मिला है. वहीं बल्लुआना से विधायक नाथूराम की जगह राजिंदर कौर को टिकट दिया गया है.
बताया जा रहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू नहीं चाहते थे कि चरणजीत सिंह चन्नी के भाई को टिकट मिले.
बताया जा रहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू नहीं चाहते थे कि चरणजीत सिंह चन्नी के भाई को टिकट मिले.

अबोहर से कांग्रेस के सीनियर नेता सुनील जाखड़ चुनाव नहीं लड़ेंगे. उनके भतीजे संदीप जाखड़ मैदान में हैं. इसी तरह पटियाला रूरल से मौजूदा मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा की जगह उनके बेटे मोहित मोहिंदरा चुनाव लड़ेंगे. पिछले विधानसभा का क्या गणित रहा? पंजाब विधानसभा में 117 सीटें हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 77 सीटें जीती थीं और दस साल बाद सत्ता में वापसी की थी. वहीं शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी का पारंपरिक गठबंधन महज 18 सीटों पर सिमट गया. पिछले चुनाव में पारंपरिक तौर पर शिरोमणि अकाली दल-बीजेपी के गठबंधन और कांग्रेस के बीच होने वाले मुकाबले में आम आदमी पार्टी ने भी एंट्री की थी. आम आदमी पार्टी पिछले चुनाव में 20 सीटें जीतकर राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बनी. चुनाव परिणाम के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह राज्य के मुख्यमंत्री बने. हालांकि, चार साल बाद कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें हटाकर चरणजीत सिंह चन्नी को नया मुख्यमंत्री बनाया. जिसके बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी नई पार्टी बनाई और बीजेपी के साथ गठबंधन का ऐलान किया. दूसरी तरफ, कृषि कानूनों के ऊपर शिरोमणि अकाली दल ने बीजेपी से अपना पारंपरिक गठबंधन तोड़ लिया. ऐसे में अब मुकाबला चारकोणीय है.