The Lallantop

ओडिशा, वो राज्य जहां भाजपा के अश्वमेध का घोड़ा रोक दिया गया है

नवीन पटनायक पांचवीं बार सीएम बनेंगे.

Advertisement
post-main-image
नवीन पटनायक और धर्मेंद्र प्रधान को बीजेपी ने सीएम के चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट किया था.
नवीन पटनायक एक बार फिर ओडिशा के सीएम बनने जा रहे हैं. राज्य की 147 सीटों पर विधानसभा चुनाव हुए थे. बीजू जनता दल यानी बीजेडी को रूझानों में बहुमत मिलता दिख रहा है. 115 सीटों पर बीजेडी आगे चल रही है. वहीं बीजेपी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. रूझानों में वह 20 सीटों पर आगे है. वहीं कांग्रेस 9 सीटों पर आगे है. odisha हालांकि लोकसभा चुनाव में बीजेडी का प्रदर्शन 2014 की तुलना में कम हुआ है लेकिन वह बीजेपी को रोकने में कामयाब होती दिख रही है. बीजेडी 12 और बीजेपी 7 सीटों पर आगे चल रही है. वहीं कांग्रेस दो सीटों पर आगे चल रही है. 72 वर्षीय नवीन पटनायक पिछले 18 साल से राज्य के मुख्यमंत्री हैं. पटनायक को राज्य की जनता ने हर बार ज्यादा सीटें जीताकर सीएम की कुर्सी तक पहुंचाया है. साल 2014 के विधानसभा चुनाव नतीजों की बात करें तो बीजेडी को 117, कांग्रेस को 16 और भारतीय जनता पार्टी 10 सीट पर जीत हासिल हुई थी. इस बार राज्य में लोकसभा और विधानसभा चुनाव हुए थे. मैदान में तीन बड़ी पार्टियां थीं. सत्ताधारी बीजू जनता दल, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस. बीजेपी ने राज्य में आक्रामक तरीके से चुनाव प्रचार किया था.  बीजेपी ने सीएम पर भ्रष्टाचार के दानव को बड़ा करने का आरोप लगाया था. 2014 के विधानसभा चुनाव में सीटें जीतने के मामले में बीजेपी तीसरे नंबर पर रही थी, लेकिन 2016 में ओडिशा के लोकल बॉडी इलेक्शन में बीजेपी ने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई थी. इस चुनाव में कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही थी. स्थानीय बीजेपी कैडर में जान फूंकने के लिए पीएम मोदी ने कई बार राज्य का दौरा किया था. केंद्र की एनडीए सरकार ने राज्य में कई योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया था. पार्टी ने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को नवीन पटनायक के सामने बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया था. बीजेपी को उम्मीद थी कि वह राज्य में शानदार प्रदर्शन करेगी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. नवीन पटनायक पर लोगों ने फिर भरोसा जताया.
रिजल्ट के दिन अख़बारों ने क्या छापा है?

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement