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गोवा: BJP को एक और झटका, पूर्व CM लक्ष्मीकांत पारसेकर निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे

गोवा चुनाव के लिए बीजेपी मैनिफेस्टो कमेटी के अध्यक्ष हैं लक्ष्मीकांत पारसेकर.

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गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता Laxmikant Parsekar. (फोटो: ट्विटर)
गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर के बीजेपी छोड़ने के बाद अब पार्टी को एक और झटका लगा है. गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता लक्ष्मीकांत पारसेकर ने भी पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है. उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने की भी घोषणा की है. पारसेकर की तरफ से ये जानकारी पार्टी की तरफ से टिकट ना जिए जाने के बाद की गई. न्यूज एजेंसी ANI को पारसेकर ने बताया,
"मैं सालों से बीजेपी का सदस्य था. लेकिन पार्टी ने मुझे गंभीरता से नहीं लिया. मैंने पार्टी से दूर हटने की तैयारी कर ली है और निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इस बारे में मैं एक-दो दिन में घोषणा करूंगा."
इससे पहले 65 साल के पारसेकर ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया कि वो शाम तक अपना इस्तीफा सौंप देंगे. लक्ष्मीकांत पारसेकर गोवा विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी मैनिफेस्टो कमेटी के अध्यक्ष हैं. साथ ही साथ वो पार्टी की कोर कमेटी के भी सदस्य हैं. साल 2002 से लेकर 2017 तक उन्होंने मंडरेम विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया है. बीजेपी ने इस बार इस सीट से मौजूदा विधायक दयानंद सोपते को टिकट दिया है. कांग्रेस उम्मीदवार ने हराया था इससे पहले दयानंद सोपते कांग्रेस में थे. पिछले बार के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर लक्ष्मीकांत पारसेकर को हरा दिया था. साल 2019 में सोपते कांग्रेस के दूसरे नेताओं के साथ बीजेपी में शामिल हो गए थे. पारसेकर का आरोप है कि सोपते मंडरेम में बीजेपी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर रहे हैं. लक्ष्मीकांत पारसेकर साल 2014 से लेकर 2017 तक गोवा के मुख्यमंत्री रहे. उन्हें यह मौका तब मिला था, जब मनोहर पर्रिकर को रक्षा मंत्री के तौर पर केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिली थी. इससे पहले मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर ने भी बीजेपी छोड़ निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की. उत्पल अपने पिता की पारंपरिक सीट पणजी से टिकट मांग रहे थे. पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दी. जिसके बाद उन्होंने पार्टी के ऊपर कई आरोप भी लगाए. उन्होंने कहा कि पार्टी ने उनकी जगह दो साल पहले कांग्रेस से आए व्यक्ति को टिकट दी है, जबकि वो अपने पिता के साथ बहुत पहले से पणजी के लोगों के लिए काम कर रहे हैं. दूसरी तरफ शिवसेना ने उत्पल के समर्थन में पणजी सीट से उम्मीदवार ना उतारने की घोषणा की है. वहीं आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने भी उत्पल को उनकी पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया था.