"मैं कानून के हिसाब से चलने वाला इंसान हूं. मेरा जलसा यहां होना था. इन्होंने शोर मचाने की कोशिश की है. अगर दोबारा इन्होंने ऐसा किया तो मैं अल्लाह की कसम खा कर कहता हूं मैं इनका कोई भी जलसा नहीं होने दूंगा. मैं कौमी फॉजी हूं. मैं कौमी सिपाही हूं. मैं RSS का एजेंट नहीं हूं कि डर कर घर में बैठ जाऊंगा. अगर दोबारा इन्होंने ऐसी हरकत की तो खुदा की कसम इनके घर में घुस कर मारूंगा. आज मैं सिर्फ इनको वॉर्निंग दे रहा हूं. मैं वोटों के लिए नहीं लड़ रहा मैं कौम के लिए लड़ रहा हूं. मैं जिला पुलिस और जिला प्रशासन को भी बताना चाहता हूं अगर दोबारा ऐसी हरकत हुई. मेरे जलसे के बराबर के दोबारा अगर इन फितनों को इजाजत दी गई तो मैं ऐसे हालात पैदा करूंगा कि संभालना मुश्किल हो जाएगा."
वीडियो सामने आने के बाद पंजाब में बीजेपी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. बीजेपी ने आरोप लगाया कि मुस्तफा धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शाजिया इल्मी ने कहा कि मुस्फता दंगा भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुस्तफा एक धर्म विशेष का नाम लेकर उसके खिलाफ टिप्पणी रहे हैं और जिला प्रशासन को चुनौती दे रहे हैं. इस मामले पर शाजिया ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर भी निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस पार्टी को इस पर जवाब देना होगा.
मुस्तफा पर FIR दर्ज
मोहम्मद मुस्तफा का ये वीडियो 20 जनवरी की रात का बताया जा रहा है, जब वो पंजाब के मलेरकोटला में चुनाव प्रचार कर रहे थे. इस मामले में मलेरकोटला पुलिस ने मुस्फता के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है. द ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक पुलिस ने मुस्तफा के खिलाफ दो समुदायों के बीच नफरत पैदा करने के आरोप में मामला दर्ज किया है. इस मामले में पंजाब के पूर्व सीएम और पंजाब लोक कांग्रेस के अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि मुस्तफा को जेल की सलाखों के पीछे होना चाहिए. उन्होंने कहा मैंने वो वीडियो देखी और उस वीडियो में मुस्तफा पंजाब में शांति भंग करना चाह रहे हैं.
कौन हैं मोहम्मद मुस्तफा? मोहम्मद मुस्तफा पंजाब के पूर्व DGP रहे चुके हैं. फिलहाल वो कांग्रेस पार्टी से जुडे़ हैं और पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार हैं. मोहम्मद मुस्तफा की पत्नी रज़िया सुल्ताना पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. रज़िया मलेरकोटला सीट से कांग्रेस उम्मीदवार हैं. रज़िया के चुनाव प्रचार के दौरान ही मलेरकोटला में मुस्तफा ने ये बयान दिया था. मलेरकोटला मुस्लिम बाहुल्य विधान सभा क्षेत्र है.
मोहम्मद मुस्तफा. फोटो: ANI
मुस्तफा की सफाई इस मामले में मुस्तफा ने सफाई दी है. मुस्तफा ने कहा,
"मैंने किसी धर्म का नाम नहीं लिया. मैंने 'फितनों' शब्द का इस्तेमाल किया था जिसका मतलब हूलिगन्स या बदमाश होता है. चुनाव प्रचार के दौरान आम आदमी पार्टी के लोग मुझे परेशान करने की कोशिश कर रहे थे इसलिए मेरा गुस्सा फूट पड़ा."इंडिया टुडे के पास मुस्तफा के उस बयान का पूरा वीडियो है जिसे शाज़िया इल्मी ने ट्वीट किया था. इस वीडियो के अंत मुस्तफा ये कहते हुए सुनाई दे रहे हैं.
"मैं इसी जगह जलसा करूंगा. मैं झाड़ू वालों को घर में जाकर झाड़ू से पीटूंगा."मुस्तफा ने अपने भाषण में हिंदू शब्द का इस्तेमाल करने से मना किया है. उनका कहना है कि इस मामले को बेवजह धार्मिक रंग देने की कोशिश की जा रही है.