
रमेश उपाध्याय ने अखिल हिंदू महासभा के टिकट पर शुक्रवार को बलिया सीट से पर्चा भरा.
अब आते हैं असली खबर पर. वो ये कि रमेश उपाध्याय ने शुक्रवार को पर्चा भरने के साथ ही एक विवादित बयान भी दे दिया है. उन्होंने हेमंत करकरे के ऊपर दिए गए प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बयान का समर्थन किया. साथ ही हेमंत करकरे को नाकाबिल (inefficient) भी बताया. उन्होंने कहा:
हेमंत करकरे आतंकवादियों के हाथों मारे गए, ये उनकी नाकाबिलियत का सबसे बड़ा सबूत है. हेमंत करकरे ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को नंगा करके पीटा. हम सभी को टॉर्चर किया. 12 में से 11 अभियुक्त ठीक से चल नहीं सकते हैं. प्रज्ञा सिंह ठाकुर वीलचेयर पर चलती हैं. ये इसका सबसे बड़ा सबूत है. उन्होंने करकरे को देशद्रोही कहकर ठीक किया. क्योंकि ये हमारा हक है. वे देशद्रोही थे या नहीं ये सरकार को तय करना है. और दूसरी तरफ कोई भी पुलिसकर्मी कहीं भी मरे वो शहीद नहीं कहलाता है. शहीद केवल स्वतंत्रता सेनानी और सैनिक होते हैं.इससे पहले भोपाल से बीजेपी की उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने शहीद करकरे पर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था हेमंत करकरे उनकी शाप की वजह से मरे थे. क्योंकि उन्होंने उन्हें बहुत टॉर्चर किया था. उनके शाप देने के 5 हफ्ते के भीतर ही आतंकी हमले में करकरे शहीद हो गए.
रमेश उपाध्याय इससे पहले भी 2012 का विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इस बार बलिया लोकसभा सीट से उनका मुकाबला बीजेपी के वीरेंद्र सिंह से है. वहीं सुधाकर चतुर्वेदी मिर्जापुर से अनुप्रिया पटेल के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं. दूसरी तरफ प्रज्ञा सिंह ठाकुर हैं जो बीजेपी के टिकट पर भोपाल से चुनाव लड़ रही है. उनका मुकाबला मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से है.