दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के 8 विधायक भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए. उन्होंने AAP से 31 जनवरी को इस्तीफा दिया था. BJP के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और प्रदेश प्रभारी बैजयंत पांडा की मौजूदगी में उन्होंने पार्टी को ज्वाइन किया.
AAP के 8 विधायक BJP में हुए शामिल, कल सभी ने एक साथ दिया था इस्तीफा
Delhi Election 2025: 31 जनवरी को आम आदमी पार्टी के 8 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दिया था, जो 1 फरवरी को BJP में शामिल हो गए. AAP के इस्तीफा देने वाले इन विधायकों ने पार्टी छोड़ने की वजह भी बताई थी.
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इंडिया टुडे से जुड़े सुशांत मेहरा की रिपोर्ट के मुताबिक, BJP में शामिल होने वाले विधायकों में जनकपुरी विधायक राजेश ऋषि, पालम विधायक भावना गौड़, बिजवासन विधायक बीएस जून, त्रिलोकपुरी विधायक रोहित महरौलिया, कस्तूरबा नगर विधायक मदनलाल, महरौली विधायक नरेश यादव, मादीपुर विधायक गिरीश सोनी और आदर्श नगर विधायक पवन शर्मा हैं.
AAP के विधायकों ने इस्तीफा देते हुए AAP पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. हालांकि, एक बात ये भी है कि इन सभी को इस बार AAP से टिकट नहीं दिया गया था, इस वजह से भी ये लोग पार्टी हाईकमान से नाराज बताए जा रहे थे.
महरौली से दो बार के पार्टी विधायक नरेश यादव ने एक्स पर लिखा,
‘मैंने आम आदमी पार्टी ईमानदारी की राजनीति के लिए ज्वाइन की थी, लेकिन आज कहीं भी ईमानदारी नजर नहीं आ रही है. महरौली के लोग जानते हैं कि मैंने ईमानदारी की राजनीति, अच्छे व्यवहार की राजनीति और काम की राजनीति की है… लेकिन आज आम आदमी पार्टी पूरी तरह से करप्शन में लिप्त है.’
पालम विधायक भावना गौड़ ने अपना इस्तीफा देते हुए कहा कि उनका AAP से विश्वास पूरी तरह से खत्म हो चुका है, इसलिए वो पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हैं.
त्रिलोकपुरी से AAP के विधायक रोहित मेहरौलिया ने इस्तीफा देते हुए एक्स पर लिखा,
‘जिन्हें बाबासाहेब आंबेडकर की केवल फोटो चाहिए, उनके विचार नहीं. ऐसे मौका-परस्त और बनावटी लोगों से आज से मेरा नाता खत्म. मैं आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पदों से इस्तीफा देता हूं.’
इस बार आम आदमी पार्टी ने 17 मौजूदा विधायकों का टिकट काटा था. जिनमें पार्टी छोड़ने वाले ये आठ विधायक भी शामिल हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, AAP की राष्ट्रीय प्रवक्ता रीना गुप्ता ने बागी विधायकों की आलोचना करते हुए कहा,
“पार्टी ने एक सर्वे किया था. इसमें पता लगा कि ये सभी विधायक अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में जनता के लिए मौजूद नहीं थे. और इसलिए उन्हें चुनाव टिकट नहीं दिया गया. टिकट नहीं दिए जाने के बाद अब वे दूसरी पार्टी में शामिल हो रहे हैं, यह कोई बड़ी बात नहीं है. ”
हालांकि, दिल्ली में इस बार कमल खिलेगा, झाडू चलेगी या फिर हाथ उठेगा, ये तो 8 फरवरी को रिजल्ट में पता ही लग जाएगा. इसके लिए दिल्ली की जनता 5 फरवरी को वोट डालेगी.
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