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RBI ने सुबह-सुबह झटका दिया है, अब आपकी EMI बढ़ जाएगी

रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 5.40 परसेंट से बढ़ाकर 5.90 परसेंट कर दिया है.

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आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (फाइल फोटो)

एक बार फिर आपके होम लोन (Home Loan) और कार लोन (Car Loan) समेत सभी तरह कर्ज की EMI का बोझ बढ़ने जा रहा है. शुक्रवार 30 सितंबर को रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट (Repo Rate) में 50 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी का ऐलान किया है. आधा परसेंट. रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 5.40 परसेंट से बढ़ाकर 5.90 परसेंट कर दिया है.

RBI की मौद्रिक पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक में यह फैसला लिया गया है. आरबीआई के इस कदम से सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे.  इससे पहले आरबीआई ने मई और जून और अगस्त में तीन बार में रेपो रेट में 1.40 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. इस तरह से करीब चार महीने में आरबीआई ने रेपो रेट में कुल मिलाकर 1.90 फीसदी का इजाफा किया है. इससे पहले 5 जून को हुई मौद्रिक कमेटी की बैठक में आरबीआई ने रेपो रेट में 0.50 फीसदी का इजाफा किया था. कोरोना महामारी के बढ़ते संकट को देखते हुए आरबीआई ने मार्च, 2020 में रेपो रेट को घटा दिया था लेकिन 4 मई, 2022 को करीब दो साल बाद 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. 

अब जानते हैं कि आपकी जेब पर कितना असर पड़ने जा रहा है. उदाहरण के लिए अगर आपने  50 लाख का होम लोन 20 साल के लिए ले रखा है और आपका बैंक इस होम लोन पर रेट ऑफ इंटरेस्ट 8 फीसदी ले रहा है और आपका बैंक आधा फीसदी ब्याज दर बढ़ाकर 8.50 फीसदी कर देता है तो आपके होम लोन चुकाने की अवधि करीब दो साल और बढ़ जाएगी. 

लोन के टेन्योर के अलावा अतिरिक्त ब्याज भी चुकाना होगा. एक और विकल्प यह है कि चल रहे ईएमआई को बढ़ा लिया जाये यानी अधिक ईएमआई का भुगतान किया जाए. इसके लिए, आपको बैंक को जानकारी देनी होगी क्योंकि बैंक अपने आप ईएमआई नहीं बढ़ाते हैं इसके लिए आपको बैंक को लिखित में या फोन पर बताना होगा. हालांकि आपके लिए एक राहत की बात भी है. रेपो रेट बढ़ने का असर आपके सेविंग बैंक अकाउंट और एफडी पर भी पड़ेगा. बैंक आपके सेविंग अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दर बढ़ा सकते हैं. एक्सपर्ट की मानें तो रेपो रेट बढ़ाने के अलावा आरबीआई के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं था. 

दरअसल, महंगाई के आंकड़े आम आदमी से लेकर सरकार को जीने नहीं दे रहे हैं. महंगाई पर बात करते हुए आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा कि दुनियाभर के कुछ इलाकों में राजनीतिक तनाव के चलते महंगाई में घट-बढ़ जारी है. लेकिन भारत में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स यानी खुदरा महंगाई अब भी 7 फीसदी के आसपास बनी हुई है. हमें उम्मीद है कि 2022-23 की दूसरी छमाही में यह लगभग 6 फीसदी पर बनी रहेगी." वहीं आर्थिक विकास दर यानी जीडीपी के बारे में बोलते हुए, दास ने कहा कि पहली तिमाही में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि हमारी उम्मीदों से कम रही है. केंद्रीय बैंक ने 2022-23 के विकास अनुमान को 7.2 फीसदी के अपने पिछले अनुमान से घटाकर 7 फीसदी कर दिया है. 

क्या है Repo Rate?  
रेपो रेट उस दर को कहते हैं जिस दर पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है.  रेपो रेट बढ़ने का सीधा मतलब है कि आरबीआई से बैंकों को महंगा कर्ज मिलेगा . ऐसे में बैंक भी अपने ग्राहकों को महंगा लोन बांटेगे.

वीडियो: आरबीआई ने ऐसा क्या किया कि आपकी जेब हल्की हो जाएगी?