The Lallantop
Advertisement

पार्टनर से छिपाकर कॉन्डम में छेद करने वाली महिला के साथ ऐसा होगा, उसने सोचा नहीं था

महिला ने प्रेग्नेंट होने के लिए अपने पार्टनर के कॉन्डम में छेद कर दिए. कोर्ट ने महिला को सजा सुनाई.

Advertisement
germany women, condom, sexual harrasment
महिला पर आरोप है कि उसने अपने पार्टनर को धोखा दिया, कॉन्डम में छेद करके उसका यौन शोषण किया. क्रेडिट- लेफ्ट फोटो- Unsplash, राइट फोटो- Pexel
6 मई 2022 (Updated: 9 मई 2022, 15:20 IST)
Updated: 9 मई 2022 15:20 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

जर्मनी की एक अदालत ने एक महिला को छः महीने की सज़ा सुनाई है. आरोप है कि महिला संबंध बनाने से पहले कॉन्डम में छेद कर देती थी, ताकि वो प्रेग्नेंट हो सके. पार्टनर को इस बारे में जानकारी नहीं थी. इसे यौन शोषण और धोखाधड़ी मानते हुए कोर्ट ने महिला को सज़ा दी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये इस तरह का पहला मामला है जिसमें एक महिला को सज़ा दी गई है.

कॉन्डम में छेद क्यों करती थी महिला?
जर्मनी की न्यूज़ वेबसाइट DW के मुताबिक, 39 साल की एक महिला और 42 साल के एक पुरुष की मुलाकात ऑनलाइन हुई थी. 2021 से दोनों कैजुअल रिलेशनशिप में थे. कैजुअल रिलेशनशिप यानी ऐसा रिश्ता जिसमें दो लोग सेक्शुअल रिलेशनशिप में होते हैं, एक दूसरे को इमोशनल सपोर्ट भी देते हैं पर दोनों के बीच शादी करने या परिवार बनाने की कोई कमिटमेंट नहीं होती. दोनों ऑनलाइन मिले थे और 2021 से एक कैजुअल रिलेशन में थे. कुछ समय बाद महिला को पुरुष से प्रेम हो गया. लेकिन वो जानती थी कि पुरुष उसके साथ सीरियस रिलेशनशिप में कभी नहीं आएगा.

ऐसे में महिला ने इंटीमेट होने से पहले चोरी से कॉन्डम में छेद कर दिए. उसे उम्मीद थी कि इससे वो प्रेग्नेंट हो जाएगी. और फिर उसके लिए पुरुष पर सीरियस रिलेशनशिप के लिए दबाव बनाना ज़्यादा आसान होगा. लेकिन वो प्रेग्नेंट नहीं हुई और कुछ दिन बाद उसने खुद पुरुष को वॉट्सऐप पर मैसेज करके बता दिया कि उसे लगा था कि वो प्रेग्नेंट हो जाएगी. और उसने जानबूझ कर कॉन्डम डैमेज किया था. ये जानने के बाद पुरुष ने महिला पर केस कर दिया. महिला ने भी बाद में मान लिया कि वो अपने पार्टनर को मैनुपुलेट करना चाहती थी.

केस की सुनवाई जर्मनी के बीएलेफ़ेल्ड के एक रीजनल कोर्ट में हुई. कोर्ट पहले यह तय नहीं कर पा रहा था कि महिला को क्या सज़ा दी जाए. काफी सोच-विचार के बाद कोर्ट ने महिला को ‘स्टेलथिंग’ का दोषी पाते हुए सज़ा सुनाई. जस्टिस ऐस्ट्रीड सलवेस्की ने कहा कि उन्होंने एक ऐतिहासिक कानूनी फैसला लिया है. उन्होंने कहा,

“पुरुषों के केस में भी वही कानून लागू होगा. पुरुषों के केस में भी न का मतलब न ही होता है.”

(सांकेतिक तस्वीर)

क्या है स्टेलथिंग?
NCCR के अनुसार, किसी भी यौन संबंध में ‘स्टेलथिंग’ का मतलब अपनी पार्टनर की सहमति के बिना गर्भ निरोध का इस्तेमाल न करना है. मसलन आपका साथी सेक्स के दौरान अगर धोखे से कॉन्डम निकाल दे या कोई महिला वादे करके गर्भ निरोध न ले तो यह भी यौन शोषण की श्रेणी में आएगा.

thumbnail

Advertisement

Advertisement