'अपने केबिन में बुलाया और... ', JNU के इस प्रोफेसर से छात्राएं परेशान, एक को मजबूर होकर परिसर छोड़ना पड़ा
छात्र संघ (JNUSU) का कहना है कि आरोपी प्रोफेसर छात्रा को गंदे मैसेजेस करता था, उसे निजी मीटिंग्स के लिए बुलाता था. वहीं, मामले में कुलपति शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित का कहना है कि आंतरिक शिकायत समिति (ICC) मामले की स्वतंत्र जांच कर रही है. आखिर मामला क्या है?
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के छात्र संघ ने एक प्रोफेसर पर एक छात्रा का यौन उत्पीड़न (Sexually Harassed by Professor) करने का आरोप लगाया है. छात्र संघ (JNUSU) ने बताया कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 22 साल की पीड़िता की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की. इससे मजबूर होकर उसने परिसर छोड़ दिया. छात्र संघ का कहना है कि पीड़िता की दूसरी साथियों ने भी उसी प्रोफेसर पर यौन और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है. लेकिन इसके बावजूद JNU की आंतरिक शिकायत समिति (ICC) ने कोई कार्रवाई नहीं की.
JNU छात्र संघ ने 29 अप्रैल को एक बयान में आरोप लगाया,
"प्रोफेसर ने लगातार मैसेज और कॉल के ज़रिए पीड़िता को परेशान किया. इनमें प्रोफेसर ने अश्लील कविताएं भेजीं और निजी मीटिंग्स की मांग की. बात मानने से इनकार करने पर उसने छात्रा को पेपर में फेल करने की भी धमकी दी."
छात्र संघ की तरफ से बताया गया कि पीड़िता ने 10 अप्रैल को प्रोफेसर के ख़िलाफ़ ICC में यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई. 15 अप्रैल को उसके 9 दूसरे बैचमेट्स ने ICC में एक और शिकायत दर्ज कराई. इसमें शिकायत की गई कि आरोपी प्रोफेसर ने उन्हें भी 'असहज' किया. आरोप है कि दोनों ही शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. छात्र संघ ने दायर की गई शिकायतों पर तेज़ी से काम करने और आरोपी प्रोफेसर को सस्पेंड करते हुए उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की मांग की है.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक़, इस मामले पर कुलपति शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि मामला विचाराधीन है और ICC इसे स्वतंत्र रूप से संभाल रही है. वहीं छात्र संगठन का कहना है कि आरोपी प्रोफेसर ने इसके बाद दूसरी महिला छात्रों को परेशान करना शुरू कर दिया, ताकि पीड़ित छात्रा के ठिकाने के बारे में पता चल सके.
ये भी पढ़ें - JNU में धरना देने पर अब भयंकर सज़ा!
क्लासेस लेना जारीछात्र संघ की तरफ से ये भी कहा गया कि प्रोफेसर गंभीर आरोपों के बावजूद क्लासेस ले रहे हैं. छात्रों के एक ग्रुप ने मांग की है कि प्रोफेसर को क्लासेस लेने से तुरंत रोका जाए. स्कूल ऑफ़ लैग्वेज, लिटरेचर एंड कल्चर स्टडीज़ में पढ़ाई कर रहे पीड़ित छात्रा के एक दोस्त ने बताया,
"प्रोफेसर छात्रा को निजी तौर पर मिलने को कहता था. एक बार उसने छात्रा को अपने केबिन में बुलाया और बिना सहमति के उसे गले लगा लिया. वो अचानक उस छात्रा से उन फ़िल्मों की बात करता था, जिनमें कहानी छात्र-शिक्षकों के रिलेशन के इर्द-गिर्द घूमती हैं. एक बार उसने छात्रा को 1 बजे रात को चीनी भाषा में एक भद्दी कविता भेजी. वो छात्रा से लगातार पूछता था कि क्या वो किसी रिलेशनशिप में है. दूसरे क्लासेस में जाते देख उसने छात्रा को कहा कि अगर वो उसकी क्लास में नहीं आएगी, तो उसे फेल कर दिया जाएगा. इस धमकी के बाद पीड़ित छात्रा ने शिकायत दर्ज कराने का फ़ैसला लिया."
दोस्त ने आगे बताया कि इस मसले पर यूनिवर्सिटी के अफसरों का रवैया देखकर छात्रा को परिसर छोड़कर अपने घर जाना पड़ा.
वीडियो: JNU में धरना करने पर मोटे जुर्माने और कैंपस से निकाल देने जैसे सख्त नियम, छात्रों ने क्या कहा?