वो चार अंतरराष्ट्रीय मामले, जिनका रायता देश को 2024 में समेटना होगा
आज बात उन चार बड़े अंतरराष्ट्रीय मामलों की जिनका रायता फैला तो 2023 में, पर देश को उन्हें समेटना होगा 2024 में. ब्रीफ में समझें तो ऐसे चार बड़े मामले हैं. जैसे कनाडा में सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने का आरोप. कतर में भारतीय नौसैनिकों की गिरफ्तारी, मौत की सजा और उनकी सुरक्षित वापसी की चुनौती. ऐसे ही कुछ और मामले.
2023 बीत रहा है. टाटा. 1 जनवरी को जो न्यू-इयर रिजोल्यूशंस लिए गए थे, दिसम्बर बीतते-बीतते उनका लेखा-जोखा देखा जा रहा होगा. उनमें से कई रिजोल्यूशंस 2024 में भी कट-कॉपी-पेस्ट किए जाएंगे. और कुछ मसले होंगे, जिन्हें हम इस साल इस डील नहीं कर पाए होंगे तो अगले बरस करने का मंसूबा रखते होंगे. ऐसी ही स्थिति में भारत का विदेश मंत्रालय है. आज बात उन चार बड़े अंतरराष्ट्रीय मामलों की, जिनका रायता फैला तो 2023 में पर देश को उन्हें समेटना होगा 2024 में. ब्रीफ में समझें तो ऐसे चार बड़े मामले हैं, जैसे कनाडा में सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने का आरोप. अमेरिका में खालिस्तानी समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में भारत के दो नागरिकों पर आरोप. कतर में भारतीय नौसैनिकों की गिरफ्तारी, उनकी मौत की सजा हटना और अब उनकी सुरक्षित वापसी की चुनौती. वहीं मालदीव के राष्ट्रपति की जिद कि भारत उनके मुल्क की जमीन से अपने सैनिक वापस बुलाए.
आइए अब एक-एक कर इन मामलों को विस्तार से समझते हैं:-
1) कतर: फांसी की सजा तो हट गई, पर सुरक्षित वापिस लाना बड़ी जिम्मेदारी30 अगस्त 2022. कतर की इंटेलिजेंस एजेंसी के स्टेट सिक्योरिटी ब्यूरो ने इंडियन नेवी के 8 पूर्व अफसरों को रातों-रात गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, भारतीय दूतावास को सितम्बर का पहला पखवाड़ा बीतने के बाद पहली बार इनकी गिरफ्तारियों के बारे में बताया गया था. गिरफ़्तार किए गए आठ भारतीय नागरिक नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं और क़तर की 'दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज़ ऐंड कंसल्टेंसी सर्विसेज़' में काम करते थे. ये एक प्राइवेट कंपनी है, जो क़तर सेना के जवानों को ट्रेनिंग और इससे जुड़ी मदद करती है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये कंपनी सबमरीन प्रोग्राम में क़तर की नौसेना के लिए काम कर रही थी. इस प्रोग्राम का मक़सद रडार से बचने वाली हाईटेक इतालवी तकनीक पर आधारित सबमरीन हासिल करना था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, गिरफ़्तार किए गए कर्मचारियों ने संवेदनशील जानकारी इजराइल को दी थी. इसके बाद क़तर की एक अदालत ने 26 अक्टूबर, 2023 को इन 8 भारतीय नागरिकों को मौत की सज़ा का फैसला सुना दिया. इसके भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया कि वे इस फैसले पर “गहरे सदमे” में हैं. इस मामले को भारत सरकार गंभीरता से ले रही है. एवं कानूनी विकल्पों की तलाश कर रही है. इसके बाद दुबई में हुए सीओपी-28 (कांफ्रेस ऑफ पार्टीज) शिखर सम्मेलन के मौके पर भारत के प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी की मुलाकात हुई. जिसके बाद 28 दिसम्बर को कतर की एक अदालत से फैसला आया कि आठों नौसैनिकों की मौत की सजा कम कर दी गई है. इस घटना में आगे क्या होगा? क्या भारतीय नौसैनिकों को सुरक्षित वापस ला पाएगी भारत सरकार? इन सवालों का जवाब अब 2024 देगा.
2.) अमेरिका: “हमारे घर में घुसकर, हमारे ही आदमी को मारने की साजिश”गुरपतवंत सिंह पन्नू, जिसे भारत सरकार ने आतंकवादी घोषित कर रखा है. और जिस पर भारत में प्रतिबंध है. पिछले महीने ही अमेरिकी न्याय विभाग ने एक आरोप पत्र दाखिल किया था. जिसमें भारत सरकार के एक सेवारत अधिकारी पर पन्नू की हत्या करने की कोशिश का आरोप लगाया गया था. कहा गया कि ऐसा चेक गणराज्य की जेल में बंद निखिल गुप्ता (Nikhil Gupta) के जरिए किया गया था. माने, दो भारतीय नागरिक जांच के घेरे में हैं. उन्होंने दावा किया कि गुप्ता ने एक हिटमैन को काम पर रखा था, जो अमेरिकी सरकार का अंडरकवर एजेंट (undercover agent) निकला. इस आरोप के जवाब में, भारत ने स्वीकार किया कि उसे अमेरिका से इनपुट प्राप्त हुए हैं और इस मुद्दे की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति के गठन की घोषणा की है. इसी साल 30 जून को निखिल गुप्ता को चेक गणराज्य पहुंचने पर गिरफ्तार कर लिया गया. विश्लेषकों का कहना है कि न्यूयॉर्क में हत्या की साजिश के अमेरिकी आरोपों पर भारत की प्रतिक्रिया कनाडा के साथ निपटने के तरीके से बिल्कुल अलग है. अमेरिका के साथ इसके रणनीतिक संबंधों की गहराई भारत को कुछ पैंतरेबाज़ी की गुंजाइश देती है, लेकिन नई दिल्ली ने लगभग अपना काम खत्म कर दिया है. भारत ने इस मामले पर कहा है कि वे हाई-लेवल इन्क्वायरी कर रहे हैं. हालांकि अभी तक इस हाई-लेवल इन्क्वायरी का कोई नतीजा नहीं निकला है. उधर अमेरिका में ये मामला न्यूयॉर्क की अदालत में चल रहा है.
3.) कनाडा: मार डाला. घर में घुसकर हमारा आदमी मार डाला, हम नहीं बात कर रहेइस साल 18 सितंबर को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने भी भारत पर आरोप लगाए. कैसे आरोप? ख़ालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर (Hardip Singh Nijjar) की हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता के आरोप. वो भी कनाडा की संसद में. तब से अब तक भारत और कनाडा के बीच गंभीर तनाव है. फिर पन्नू विवाद ने इस तनाव को और आग ही दी है. इन आरोपों के बाद कनाडा सरकार ने भारतीय राजनयिक पवन कुमार राय को निष्कासित कर दिया. कनाडा के आरोपों पर तुरंत भारत सरकार की प्रतिक्रिया भी आ गई. भारत ने कनाडा के आरोपों को 'बेतुका' बताते हुए खारिज कर दिया. भारत ने बयान जारी कर बताया कि इस तरह के आरोपों का कोई आधार नहीं है और ये खालिस्तानी आतंकवादियों से ध्यान हटाने की कोशिश है. इसके बाद भारत ने भी कनाडा के डिप्लोमैट को निष्कासित कर दिया. मैटर ये है कि इसी साल 18 जून को सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की वैंकूवर के गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. अब 2024 में भारत कनाडा के साथ रिश्तों को कितना पटरी पर ला पाता है, ये देखना दिलचस्प होगा. इस मामले में एक ताजा अपडेट ये है कि 22 नवम्बर को भारत ने ई-वीजा सर्विसेज फिर से बहाल कर दी हैं.
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4.) मालदीव: जल्दी सैनिक हटाइएनवंबर में मालदीव में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू के नेतृत्व में नई सरकार आई. सरकार ने अपने कामकाज के पहले ही दिन भारत से औपचारिक गुज़ारिश की. क्या? कि वो मालदीव से भारतीय सैनिकों को वापस बुलाए. उनके शपथ ग्रहण में पहुंचे तबके केन्द्रीय मंत्री किरिन रिजिजू से कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि भारत सरकार मालदीव के लोगों की गणतांत्रिक इच्छा का सम्मान करेगी. वहां तैनात अपने सभी सैनिकों को वापस बुलाएगी. दिसम्बर के पहले हफ्ते में मुइज़्ज़ू ने कहा है कि भारत उनके देश से अपने सैनिक हटाने के लिए तैयार हो गया है. ये बयान दुबई में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात के बाद आया. दोनों नेता दुबई में आयोजित COP28 के दौरान मिले थे. मुइज़्ज़ू ने कहा,
''भारत सरकार से जो हमारी बातचीत हुई है, उसमें वो अपने सैनिकों को मालदीव से हटाने के लिए तैयार हो गई है. डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स के लिए दोनों देशों के बीच हाई-लेवल कमिटी बनाने पर भी सहमति बनी है.''
इस पर अभी तक भारत की आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. मालदीव नेशनल डिफ़ेंस फ़ोर्स (MNDF) के मुताबिक, उनके यहां फिलहाल 77 भारतीय सैनिक मौजूद हैं. भारत ने मालदीव को 2013 में 02 ध्रुव हेलिकॉप्टर्स लीज पर दिए थे. फिर 2020 में 01 डोर्नियर एयरक्राफ़्ट भेजा. इनका इस्तेमाल हिंद महासागर में निगरानी रखने और मेडिकल ट्रांसपोर्ट में होता है. भारतीय सैनिक इन एयरक्राफ़्ट्स की देख-रेख करते हैं. साथ ही, मालदीव के पायलट्स को ट्रेनिंग भी देते हैं. इनका पूरा खर्च भारत सरकार उठाती है.
हालांकि नई दिल्ली के पास बीतते बरस को कुछ संतुष्टि के साथ याद करने के लिए काफी कुछ है. मसलन, जी20 शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन, अमेरिका के साथ एक मजबूत साझेदारी और ग्लोबल साउथ पर ध्यान केंद्रित करते हुए उनके नेतृत्व की दावेदारी में एक अपर हैण्ड मिलना. लेकिन 2023 के हिस्से में भी कुछेक टफ मोमेंट्स आए. जिन्होंने सामरिक रूप से महत्वपूर्ण देशों के साथ तनाव को बढ़ा दिया. भारत के लिए कुछ असहज करने वाले सवाल खड़े हो गए. तीन बरस पहले हुई गलवान मुठभेड़ के बाद चीन के साथ भारत का सीमा संकट जारी है. जबकि बीजिंग, भारत के पीछे वाले हिस्से में अपनी उपस्थिति मजबूत कर रहा है.
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