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पारा 45 के पार, स्वास्थ्य मंत्रालय ने क्यों कही बेहोशी में पानी ना पिलाने की बात?

Ministry of Health ने X पोस्ट में लिखा कि Heatwave आ गई है लेकिन हम तैयार रह सकते हैं. इन सुझावों के साथ खुद को तैयार रखें.

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heatwave
बाड़मेर देश का सबसे गर्म जिला रहा (Image: India Today)
8 मई 2024 (Updated: 8 मई 2024, 14:01 IST)
Updated: 8 मई 2024 14:01 IST
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हीट वेव (Heatwave) ने अपना कहर दिखाना शुरू कर दिया है. गर्मी की वजह से सब परेशान हैं. खबर है कि 7 मई को राजस्थान का बाड़मेर देश का सबसे गर्म जिला रहा. जहां तापमान 3 डिग्री बढ़कर अचानक अधिकतम 45 डिग्री के पार पहुंच गया. इधर, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में हीटवेव की आशंका जताई है. वहीं ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल वगैरह के लिए ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया है.

खैर, गर्मी का कहर देखने के लिए अलर्ट तो हैं ही, रोजमर्रा की जिंदगी में खुद भी गर्मी की मार को हम देख ही रहे हैं. ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी लोगों को हीटवेव से बचने की तरकीबें बता रहा है. ये भी बताया है कि बेचैनी और चक्कर के हालात में क्या करना चाहिए और क्या नहीं.

स्वास्थ्य विभाग ने सुझाए तरीके

स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने X अकाउंट से इस बारे में एक पोस्ट साझा किया. लिखा-
क्या करें?

  • यात्रा के दौरान पानी पीते रहें. 
  • ओ. आर. एस. और घर पर बने पेय पदार्थ पिएं.
  • गर्मियों के दौरान हल्के रंग के कपड़े पहनें और सिर ढक कर रखें.

क्या न करें? 

  • जिस समय गर्मी ज्यादा हो तब खाना न पकाएं. 
  • कम चीनी पाले पेय चुनें. 
  • उच्च प्रोटीन वाले आहार का सेवन सीमित करें. बासी खाने से बचें.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने खाने पीने को लेकर सावधानियां रखने के अलावा, गर्मी के समय खाना पकाने और बाहर जाने से बचने के लिए भी कहा है. इसके अलावा अगर किसी को गर्मी में बेचैनी या चक्कर आ रहे हों, तो उस समय क्या फर्स्ट एड किए जाने चाहिए ये भी बताया.

ये भी पढ़ें: अप्रैल में ही 40 के पार हो गया पारा, इस बार गर्मी रुला देगी, क्या है वजह?

स्वास्थ्य मंत्रालय ने X पोस्ट में लिखा कि हीटवेव आ गई है, लेकिन हम तैयार रह सकते हैं. इन सुझावों के साथ खुद को तैयार रखें. आइए एक दूसरे का ख्याल रखें. ऐसे हालात में फर्स्ट एड के लिए बताया-

  • रिहाइड्रेट होने के लिए पानी पीते रहें. 
  • तुरंत किसी ठंडी छायादार जगह पर जाएं.
  • अगर हो सके तो ठीले कपड़े पहनें. 
  • पानी की पट्टी रखें. 
  • कोई अगर बेहोशी की हालत में हों, तो उसे जबरदस्ती खिलाएं या पानी न पिलाएं.
बेहोशी में खिलाना-पिलाना क्यों नहीं चाहिए?

इस बारे में सीके बिरला हॉस्पिटल, गुरुग्राम के इंटरनल मेडिसिन लीड कंसल्टेंट, डॉ तुषार तायल ने हमें बताया कि जब होश में हम कुछ खाते पीते हैं, तो एक ढक्कन खाने को सांस की नली में जाने से रोका जाता है. जिसे एपिग्लॉटिस कहा जाता है. वहीं जब हम बेहोश होते हैं तो खाना या पानी सांस की नली में जा सकता है. जिससे एस्पिरेशन निमोनिया हो सकता है. एस्पिरेशन निमोनिया जानलेवा भी हो सकता है.

वीडियो: सेहत: गर्मियों में बेहोशी और चक्कर आने का कारण क्या है? डॉक्टर्स से समझिए

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