हरियाणा में 'बहुमत' न होने के बावजूद कैसे सेफ है BJP सरकार? पीछे का ये है नंबर गेम
Haryana में तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) की सरकार नंबर्स के हिसाब से अल्पमत में नजर आ रही है. इसके बावजूद BJP सरकार पर कोई खतरा नहीं बताया जा रहा है. ऐसा क्यों है?
हरियाणा (Haryana) में BJP की सरकार पर खतरा बढ़ गया है. 3 निर्दलीय विधायकों ने नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) सरकार से समर्थन वापस ले लिया है और कांग्रेस पार्टी को समर्थन दे दिया है. 90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा (Haryana Assembly) में अभी 88 विधायक हैं. दो विधानसभा सीटें खालीं हैं क्योंकि करनाल से BJP के मनोहर लाल खट्टर और रानियां से निर्दलीय रणजीत चौटाला ने इस्तीफा दिया है. दोनों BJP के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं.
अब कुल 88 विधायकों में BJP के 40 विधायक, कांग्रेस के 30 विधायक, जननायक जनता पार्टी (JJP) के 10, निर्दलीय 6, इंडियन नेशनल लोकदल और हरियाणा लोकहित पार्टी के एक-एक विधायक हैं. अभी BJP के पास अपने 40 विधायकों के अलावा 2 निर्दलीय और हरियाणा लोकहित पार्टी के एक विधायक का समर्थन है यानी कुल 43 विधायक BJP के खेमे में हैं. बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा 45 है. यानी BJP के पास बहुमत से 2 विधायक कम हैं. यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी ने BJP सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि नायब सिंह सैनी को सीएम के पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए.
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा,
क्या Congress बना सकती है सरकार?“निर्दलीय विधायकों - सोमबीर सांगवान, रणधीर गोलन और धर्मपाल गोंदर- ने BJP सरकार से अपना समर्थन वापस लिया है. उन्होंने कांग्रेस को समर्थन करने का फैसला किया है. इन लोगों ने जनभावनाओं के तहत यह फैसला लिया है... BJP सरकार का नैतिक अधिकार खत्म हो गया है, उन्हें (नायब सिंह सैनी को) पद छोड़कर इस्तीफा दे देना चाहिए और हरियाणा राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए ताकि निष्पक्ष चुनाव हो सके...”
तीन निर्दलीय विधायकों ने BJP से समर्थन वापस लेने के बाद से कहा जा रहा है कि हरियाणा सरकार पर बड़ा संकट आ गया है. लेकिन इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक BJP ने दावा किया है कि उसके पास 47 विधायकों की ताकत है. रिपोर्ट के मुताबिक BJP का कहना है कि जननायक जनता पार्टी (JJP) के चार विधायक 'जरूरत पड़ने पर कभी भी BJP सरकार को मदद' की पेशकश कर सकते हैं, जिससे उनकी ताकत 47 हो जाएगी.
लेकिन, अगर BJP के पास JJP के 4 विधायक नहीं आए तो क्या कांग्रेस सरकार बना सकती है? अब अगर कांग्रेस के नंबर्स की बात करें तो कांग्रेस के पास 30 विधायक हैं. तीन निर्दलीय विधायकों के जुड़ने से संख्या 33 हो जाती है. जेजेपी के 10 विधायक कांग्रेस के साथ तो फिलहाल जाने वाले नहीं हैं. और जाते भी हैं तो ये संख्या 43 ही होती है. ऐसे में बाजी कांग्रेस के हाथ भी आती नहीं दिख रही.
अगर BJP को बहुमत साबित करने को कहा गया तो?इस पूरे खेल में क्या कांग्रेस अभी BJP को बहुमत साबित करने के लिए सदन में कह सकती है. और क्या तब BJP को सदन में बहुत साबित करके दिखाना पड़ेगा और फिर BJP अगर बहुमत साबित नहीं कर पाई तो क्या सरकार गिर जाएगी?
इस स्थिति में सबसे पहली बात तो ये है कि BJP को अभी विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने के लिए नहीं कहा जा सकता. क्योंकि 13 मार्च को ही नायब सिंह सैनी की सरकार ने विधानसभा में अपना बहुमत साबित किया था. नियम कहता है कि एक बार सदन में बहुमत साबित करने के बाद, छह महीने तक कोई विश्वास मत परीक्षण नहीं हो सकता. यानी अब हरियाणा विधानसभा में 13 सितंबर तक विश्वास मत परीक्षण का प्रस्ताव कोई नहीं ला सकता है. यानी तब तक हरियाणा में BJP की सरकार बनी रहेगी. और साफ कहें तो फिलहाल नायब सिंह सैनी की सरकार को कोई खतरा नहीं है.
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