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'आप भ्रम पैदा कर रहे...', वोटिंग डेटा के आरोपों पर चुनाव आयोग ने खरगे को जवाब दिया

चुनाव आयोग ने एक बयान में वोटिंग परसेंटेज का आंकड़ा जारी करने में देरी के आरोपों को खारिज किया.

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Mallikarjun Kharge Election commission
6 मई को मल्लिकार्जुन खरगे ने INDIA गठबंधन के नेताओं को चिट्ठी लिखी थी. (फाइल फोटो)
10 मई 2024 (Updated: 10 मई 2024, 21:37 IST)
Updated: 10 मई 2024 21:37 IST
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लोकसभा चुनाव में वोटिंग परसेंट के आंकड़ों पर सवाल उठाने के बाद चुनाव आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर "भ्रम फैलाने" का आरोप लगाया है. खड़गे ने 6 मई को INDIA गठबंधन के नेताओं को चिट्ठी लिखकर कहा था कि क्या वोटिंग परसेंटेज का डेटा जारी करने में देरी चुनाव नतीजों में "हेरफेर" की कोशिश है. इस चिट्ठी को उन्होंने 7 मई को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर भी शेयर किया था. इसी पर आपत्ति जताते हुए चुनाव आयोग ने जवाब दिया है कि ये चुनावी प्रक्रिया की साख में संदेह पैदा करने के लिए “पक्षपातपूर्ण और जानबूझकर" की गई एक कोशिश है.

10 मई को चुनाव आयोग ने एक बयान जारी किया. वोटिंग परसेंटेज का आंकड़ा जारी करने में देरी के आरोपों को खारिज किया. मल्लिकार्जुन खरगे के आरोपों को 'तथ्यहीन' बताते हुए आयोग ने कहा कि ये स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के संचालन में भ्रम पैदा करने के लिए तैयार किया गया था. आयोग ने लिखा है, 

"चुनावी प्रक्रिया की साख पर हमला करते हुए राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष के बयान से वोटर्स की भागीदारी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इसे मतदाताओं को उनके वोटिंग के अधिकार में रुकावट के तौर पर देखा जा सकता है. या ये बड़ी संख्या में लगे चुनाव कर्मचारियों को निराश कर सकता है."

चुनाव आयोग ने ये भी कहा कि खरगे का बयान पूर्वाग्रह से ग्रसित चर्चा को बढ़ाने की कोशिश है. आयोग के मुताबिक, इससे वोटर्स और राजनीतिक दलों के मन में संदेह पैदा होंगे. अराजक स्थिति भी पैदा हो सकती है. हालांकि आयोग ने लिखा कि वह उम्मीद करता है कि खरगे का ऐसा कोई इरादा नहीं है.

6 मई को मल्लिकार्जुन खरगे ने अपनी चिट्ठी में INDIA गठबंधन के नेताओं को लिखा था वे गड़बड़ियों के खिलाफ आवाज उठाएं. खरगे ने सभी नेताओं से अपील की थी कि उन्हें चुनाव आयोग की स्वतंत्रता सुनिश्चित करनी चाहिए और इसे जवाबदेह बनाना चाहिए. इसी में उन्होंने पहले दो चरण की वोटिंग परसेंटेज के अंतिम आंकड़ों को जारी करने में देरी पर सवाल खड़ा किया था.

लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 102 लोकसभा सीटों के लिए 19 अप्रैल को वोटिंग हुई थी. इसके बाद 88 सीटों पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को वोटिंग हुई थी. हालांकि चुनाव आयोग ने 30 अप्रैल को दोनों चरण की वोटिंग का फाइनल आंकड़ा जारी किया. यानी पहले चरण के 11 दिन और दूसरे चरण के 4 दिन बाद. इसके मुताबिक, पहले फेज में 66.14 परसेंट वोटिंग हुई, वहीं दूसरे फेज में 66.71 परसेंट वोटिंग हुई. जबकि चुनाव के दिन आयोग ने बताया कि पहले चरण में 60 परसेंट और दूसरे चरण में 60.96 परसेंट वोटिंग हुई थी.

खरगे के आरोपों पर चुनाव आयोग ने ये भी कहा कि आंकड़े जारी करने में देरी नहीं हुई क्योंकि ये 'वोटर टर्नआउट' ऐप पर मौजूद था.

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