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मेडिकल इक्विपमेंट वालों से घूस, मरीजों से घूस, दिल्ली के बड़े सरकारी अस्पताल के डॉक्टर गिरफ्तार

कथित भ्रष्टाचार के इस मामले में अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें दो डॉक्टर भी शामिल हैं.

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CBI busted a racket at RML Hospital
कोर्ट ने आरोपियों को 14 मई तक CBI की कस्टडी में भेजा है. (सांकेतिक फोटो: आजतक)
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मुनीष पांडे
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8 मई 2024
Updated: 8 मई 2024 24:11 IST
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CBI ने दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (RML) हॉस्पिटल में चल रहे एक रैकेट का भांडाफोड़ किया है. RML हॉस्पिटल के कई डॉक्टरों और कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. इन लोगों पर मेडिकल उपकरणों की सप्लाई के नाम पर डीलर्स से पैसा लेने, मरीजों को भर्ती करने में रिश्वतखोरी और फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने का आरोप है. CBI ने अपनी FIR में कम से कम 15 आरोपियों के नाम लिए हैं.

आजतक के अरविंद ओझा और मुनीष पांडे की रिपोर्ट के मुताबिक, कथित भ्रष्टाचार के इस मामले में अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार लोगों में RML हॉस्पिटल के दो डॉक्टर भी शामिल हैं. गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों को CBI ने एक स्पेशल कोर्ट के सामने पेश किया. कोर्ट ने आरोपियों को 14 मई तक CBI की कस्टडी में भेजा है.

कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के दो डॉक्टर रिश्वतखोरी में शामिल!

रिपोर्ट के मुताबिक, RML हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. अजय राय और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. पर्वतगौड़ा को रिश्वतखोरी के आरोप में पकड़ा गया है. आरोप है कि दोनों डॉक्टरों ने मेडिकल उपकरण सप्लाई करने वालों से उनके उपकरण और स्टेंट का इस्तेमाल करने के एवज में रिश्वत ली. 

इसके अलावा हॉस्पिटल की कैथ लैब में सीनियर टेक्निकल इनचार्ज रजनीश कुमार, नर्स शालू शर्मा, दो क्लर्क भुवल जायसवाल और संजय कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है. हॉस्पिटल के कर्मियों के अलावा बिचौलिए विकास कुमार, मेडिकल उपकरण की सप्लाई करने वाले नागपाल टेक्नोलॉजीस के नरेश नागपाल, भारती मेडिकल टेक्नोलॉजीस के भरत सिंह दलाल और Scienmed के अबरार अहमद को भी गिरफ्तार किया गया है.

लैब के कर्मचारियों पर क्या आरोप लगे हैं?

CBI का आरोप है कि नरेश नागपाल ने अपने मेडिकल उपकरणों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए डॉ. पर्वतगौड़ा को 2 लाख 48 हजार रुपये की रिश्वत दी. वहीं भरत सिंह दलाल पर डॉ. अजय राज को दो बार रिश्वत देने और अबरार अहमद पर कैथ लैब के प्रभारी रजनीश कुमार को रिश्वत देने का आरोप है.

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ये भी आरोप है कि क्लर्क भुवल जायसवाल ने डॉक्टरों से मुलाकात कराने के लिए और क्लर्क संजय कुमार ने फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने के लिए रिश्वत ली. इसके अलावा भुवल जायसवाल और नर्स शालू ने कथित तौर पर एक व्यक्ति को धमकी दी थी कि अगर उन्हें 20 हजार रुपये नहीं दिए गए, तो उसकी प्रेग्नेंट पत्नी को हॉस्पिटल से बाहर निकाल दिया जाएगा.

वीडियो: प्राइवेट हॉस्पिटल्स में बिना जेब खाली करवाए इलाज कैसे होगा, इसपर बात करते हैं?

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