केरल में ज़्यादा कोरोना मामलों की वजह?

गिरावट के लंबे दौर के बाद हर दिन कोरोना मरीजों की संख्या में मामूली बढ़त देखने को मिल रही है. खासकर केरल के आंकड़ों से लगता है कि कोरोना की तीसरी लहर आ गई है.

इस बीच ICMR ने देशव्यापी सीरो सर्वे की रिपोर्ट ज़ारी की है. जिसके मुताबिक, करीब 67.6 प्रतिशत आबादी ने SARS-CoV-2 के खिलाफ एंटीबॉडी डेवलप कर लिया है.

बता दें कि सीरो सर्वे के ज़रिए ब्लड में मौज़ूद एंटीबॉडीज़ को आंका जाता है. यह ICMR द्वारा कराया गया चौथा देशव्यापी सीरो सर्वे है जिसे 70 जिलों में कराया गया था.

एंटीबॉडी डेवलप करने के मामले में मध्य प्रदेश 79 प्रतिशत के साथ सबसे आगे है. यानी इस राज्य की करीब 80 फीसदी आबादी संक्रमण के दायरे में आ चुकी है.

ICMR के मुताबिक, संक्रमण के मामले में इसके बाद राजस्थान (76.2%), बिहार (75.9%), गुजरात (75.3%) और छत्तीसगढ़ (74.6%) का नंबर आता है.

सर्वे के मुताबिक, उत्तराखंड में 73.1 प्रतिशत, आंध्रप्रदेश में 70.2 प्रतिशत, कर्नाटक में 69.8 प्रतिशत और तमिलनाडु में 69.2 प्रतिशत आबादी कोरोना के दायरे में आ चुकी है.

सीरोपॉजिटिविटी के मामले में केरल 44.4 प्रतिशत के साथ सबसे पीछे है जिसे राज्य में तेजी से बढ़ रहे संक्रमण से जोड़कर देखा जा रहा है.

सर्वे में असम (50.3 प्रतिशत), महाराष्ट्र (58 प्रतिशत) और हरियाणा (60.1 प्रतिशत) जैसे राज्यों में भी संक्रमण का दर कम पाया गया.

इससे पहले दिसंबर 2020 से जनवरी 2021 में देशव्यापी सीरो सर्वे हुआ था. इस दौरान 24.1 प्रतिशत पॉजिटिविटी पाई गई थी.

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