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ट्रैफिक चालान आया है, कम करने का ऐसा जुगाड़ पहले नहीं सुना होगा!

ट्रैफिक से जुड़े ई-चालान डिजिटली भरने के कई प्लेटफॉर्म हैं लेकिन वर्चुअल कोर्ट में जाकर थोड़े पैसे बचाए जा सकते हैं.

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Traffic e-challan: how to reduce the violation amount while paying
ट्रैफिक चालान से छूट मिल सकती है (तस्वीर साभार: पिक्सेल)
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सूर्यकांत मिश्रा
27 जुलाई 2023 (Updated: 27 जुलाई 2023, 01:35 PM IST)
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आज सुबह हमारे एक साथी भागे-भागे हमारे पास आए. घबराए हुए थे क्योंकि उनको एक SMS आया था. SMS में जिक्र था कि उनका चालान कोर्ट में चला गया है. अब कोर्ट और चालान के नाम से घबराना नॉर्मल बात है. लेकिन, जब हमने उनका मैसेज गौर से पढ़ा तो पता चला कि गाड़ी का चालान है जो वर्चुअल कोर्ट में चला गया है. हमने उनको दी तसल्ली क्योंकि ये तो अच्छी बात है. साथी चौंके तो हमने बताया कि चालान कोर्ट में है तो हो सकता है कि आपको जुर्माना भरने में कुछ छूट मिल जाए. उनको बताया तो आपको नहीं बताते, ऐसा होता है क्या भला.

वर्चुअल कोर्ट में होगी सुनवाई

आजकल हम सब डिजिटल वर्ल्ड में जी रहे हैं. बहुत कुछ डिजिटली होता है तो ट्रैफिक चालान भला इससे कैसे अछूता रहे. साल 2021 से सरकार ने ये व्यवस्था की है कि ट्रैफिक चालान डिजिटली भी भरे जा सकते हैं. मतलब, अगर आपने गाड़ी चलाते समय कोई नियम तोड़ा है तो अब आपको सशरीर उपस्थित होकर जुर्माना नहीं भरना पड़ेगा. वैसे तो चालान आप तुरंत के तुरंत भी स्पॉट पर भर सकते हैं, लेकिन कई बार ऐसा नहीं होता. माने कि आप फर्राटा भरते निकल लिए और ओवर स्पीड का चालान पहुंचा घर. या फिर आप सिग्नल पर तय जगह से आगे खड़े थे तो भी कैमरा फोटू लेकर चालान घर पहुंचा देता है.

इसके साथ एक और कंडीशन होती है. मान लीजिए कि आपके पास पैसे नहीं हैं या फिर आप ट्रैफिक पुलिस की कार्यवाही से संतुष्ट नहीं हैं तो भी आप चालान को कोर्ट में भेजने के लिए कह सकते हैं. हालांकि, इसकी प्रोसेस में भी कुछ स्टेप्स हैं जो हम आपको बता देते हैं.

60 दिन की साइकिल के बाद गाड़ी चलेगी

वर्चुअल चालान एक बार रिलीज हुआ तो आप उसको परिवहन सेवा ऐप, M-Parivahan ऐप या संबंधित RTO की वेबसाइट पर भर सकते हैं. पूरी प्रोसेस डिजिटल है और इसके लिए 60 दिन माने कि दो महीने का वक्त मिलता है. अगर इतने में आप चालान सेटल नहीं करते हैं तो वो अपने आप ही वो वर्चुअल कोर्ट में चला जाता है. पहले इस प्रोसेस का कोई नोटिफिकेशन नहीं आता था लेकिन अब ये टेंशन भी दूर हो चुकी है. वैसे अगर आप सीधे कोर्ट का रुख करना चाहते हैं तो भी कोई दिक्कत नहीं. ऊपर बताए किसी भी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके आप अपना चालान 60 दिन के पहले भी आगे फॉरवर्ड करवा सकते हैं. प्रोसेस का तिया-पांचा जान लिया, अब बात आपके फायदे की.

इसके लिए आपको वर्चुअल कोर्ट की वेबसाइट (https://vcourts.gov.in/virtualcourt/) का रुख करना होगा. यहां आपको अपने स्टेट का नाम नजर आएगा. कोर्ट में आप चालान सेटल करते समय अपनी बात रख सकते हैं. माने कि गाड़ी की स्पीड ज्यादा नहीं थी या फिर आपने उसको ढंग से पार्क किया था. आप इससे जुड़े सबूत भी साझा कर सकते हैं. अब आपके मन में सवाल होगा कि सबूत कहां से मिलेगा? तो जनाब, अगर आपने गाड़ी ढंग से पार्क की थी और गाड़ी पर चालान चस्पा था तो फोटो लेने में क्या बुराई है. आप इसके साथ कोई वाजिब कारण भी बता सकते हैं.

अगर कोर्ट को आपकी बात वाजिब लगी तो चालान कम हो सकता है या रद्द भी. लेकिन इसकी हम कोई गारंटी नहीं दे सकते. सब कुछ कोर्ट के विवेक पर निर्भर करता है. हां, प्रयास करने में कोई बुराई नहीं और सबसे अच्छा तो ये है कि गाड़ी हमेशा ट्रैफिक नियमों के तहत चलाई जाए.

अब क्या. जाइए, क्योंकि हमारे साथी तो चालान भर भी दिए.   

वीडियो: UP ट्रैफिक पुलिस वेबसाइट हैक कर किसने 15 लाख का चालान डिलीट मार दिया?

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