साफ पानी के नाम पर चल रहा तगड़ा स्कैम, जानकर नहीं होगा विश्वास, बचें कैसे?
साइबर क्रिमिनल वाटर प्यूरीफायर की सर्विस और एनुअल मेंटेनेंस कॉन्ट्रेक्ट (AMC) के नाम पर बहुत ही जहीन तरीके से ठगी कर रहे. कैसे होता है ये सब और बचने का तरीका क्या हो सकता है.
सीन 1: आपके पास एक फोन आता है. सामने से घर या ऑफिस में लगे वाटर प्यूरीफायर की सर्विस का रिमाइन्डर दिया जाता है. फोन करने वाले के पास वाटर प्यूरीफायर से जुड़े सारे डिटेल्स होते हैं, मसलन कब खरीदा था, कितनी सर्विस हो चुकी हैं, कहां इंस्टाल हुआ है इत्यादि-अनादि. इसके साथ वाटर प्यूरीफायर की सर्विस और उसके सालाना मेनटेनेंस पर मोटी बचत की बात भी कही जाती है.
सीन 2: आप वाटर प्यूरीफायर की सर्विस बुक करते हैं. दो लोग बाकायदा कंपनी की ड्रेस पहनकर आते हैं. सर्विस की जाती है और कुछ पार्ट्स खराब बताए जाते हैं. उनको बदला जाता है और इसके बाद ऑफर के नाम पर एनुअल मेनटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट (Annual Maintenance Contract) भी किया जाता है. आप चैन की सांस लेते हैं कि चलो एक साल की टेंशन खत्म.
सीन 3: आपके वाटर प्यूरीफायर में कोई दिक्कत आती है तो आप कंपनी को फोन करते हैं. यहां आपको पता चलता है कि वाटर प्यूरीफायर की कोई सर्विस कंपनी ने नहीं की है और ना ही कोई एनुअल मेनटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है.
सीन 4: आपके पास वाटर प्यूरीफायर कंपनी का फोन आता है और सर्विस के लिए पूछा जाता है. आप कहते हो कि भाई सर्विस तो हो गई. मेरा तो एनुअल मेनटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट भी है. सामने से बताया जाता है कि नहीं ऐसा कुछ भी नहीं. हमने कोई सर्विस नहीं की और ना कोई कॉन्ट्रैक्ट साइन किया.
सीन 5: ऊपर बताए गए चारों सीन किसी फिल्म के नही हैं, बल्किन हकीकत हैं. ये एक स्कैम है जो आजकल फिर नजर आ रहा है.
स्क्रिप्ट समाप्त. अब समझने की कोशिश करते हैं कि ऐसा हो कैसे रहा और बचने के लिए क्या करें.
कैसे हो रहा: पता करना मुश्किल है क्योंकि ऐसे स्कैमर्स के पास एकदम सटीक जानकारी होती है. कंपनी की वेबसाइट में सेंध लगाई या फिर कुछ और जुगाड़ किया, इसका अभी कुछ अता-पता नहीं है. फिलहाल इसका असली सोर्स पता करना मुश्किल है.
होता क्या-क्या है: बहुत कुछ. भले सर्विस के पहले कुछ भी कहा जाए मगर सर्विस के दौरान कई सारे पार्ट्स खराब बताए जाते हैं. जबरदस्ती का बिल बनाया जाता है. Annual Maintenance Contract लेने के लिए दवाब बनाया जाता है. एक शब्द में कहें तो जितना लूट सको, उतना लूट लो.
बचने के लिए क्या कर सकते हैं# बहुत आसान है. जिस भी कंपनी का वाटर प्यूरीफायर है, उस कंपनी की वेबसाइट या ऐप इस्तेमाल कीजिए. वेबसाइट से ज्यादा ऐप बढ़िया रहेगा क्योंकि कई बार ठग वेबसाइट का क्लोन बना देते हैं. ऐप के साथ ऐसा करना काफी मुश्किल है. ऐसा नहीं है कि सर्विस के लिए कंपनी से फोन नहीं आते. आते हैं, मगर अच्छा होगा कि आप खुद से ऐप का इस्तेमाल करके बुकिंग करें.
# सर्विस के लिए आने वाले लोगों का ID कार्ड चेक करें और उनका फ़ोटो खींच कर रखें.
# भुगतान हमेशा डिजिटल तरीके से करें. कैश तो किसी भी कीमत पर नहीं देना है. डिजिटल पेमेंट भी कंपनी के अकाउंट में करें. अगर किसी भी किस्म का बहाना बताया जाए जैसे तकनीकी खराबी है या कुछ और तो ऐप में कस्टमर केयर का नंबर होता है, बिना देरी किये घुमा दीजिए.
स्कैम से बचिए और दिन भर में खूब सारा पानी जरूर पीते रहिए.
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