फूड डिलीवरी ऐप से खाना मंगाया- पैसे भी नहीं दिए, इस शख्स का लाखों का फ्रॉड अब पकड़ा गया
Food Delivery Company को चूना लगाने के दौरान उसकी पहचान न हो पाने की वजह से उसे पकड़ना मुश्किल था. क्योंकि उसने कई प्रीपेड मोबाइल फोन कार्ड खरीदे, झूठे नाम और पते से अकाउंट बनाए और काम होते ही उन्हें बंद कर दिया.

अक्सर ऐसा सुनने में आता है कि किसी सिस्टम या ऐप में बग था, जिसकी वजह से किसी कंपनी को घाटा हो गया. ऐसा ही एक मामला जापान से सामने आया है. यहां एक फूड डिलीवरी ऐप खूब चलता है. नाम है Demae-Can. इसके ऐप में एक बग था. जापान के नागोया में रहने वाले व्यक्ति ने इस बग का फायदा उठाते हुए कंपनी को लगभग 21 लाख का चूना लगा दिया. तो समझते हैं. क्या है इस जापानी की कहानी?
कहानी जानने से पहले ये समझते हैं कि आखिर ये बग क्या होता है. सीधा-सीधा अनुवाद करें तो इसका मतलब होता है कीड़ा. लेकिन टेक की दुनिया में ये कीड़ा काफी महंगा पड़ सकता है. बग को ऐसे समझिए कि किसी सिस्टम में एक ऐसा छेद जिससे उस ऐप में घुसना, उससे छेड़छाड़ करना, और यहां तक कि उसे अपने अनुसार इस्तेमाल किया जा सकता है. यही वजह है कि कोई नया बग ढूंढने पर गूगल और तमाम कंपनियां इनाम भी देती हैं. आपने देखा होगा कि तमाम ऐप्स में समय-समय पर अपडेट आते हैं. कंपनी जैसे ही पुराने बग को फिक्स करती है, वैसे ही नए अपडेट देती है जिससे वो ऐप सिक्योर हो जाए. अब जानते हैं कि जापानी बाबू के अंदर के कीड़े (बग) ने कैसे कंपनी को चूना लगा दिया?
दो साल में 1 हजार से अधिक ऑर्डरजापान के नागोया में ताकुया हिगाशीमोटो नाम के एक जनाब रहते हैं. इनको ऑनलाइन खाना ऑर्डर करने और खाने का कीड़ा है. कुछ समय तक इन्होंने सही तरीके से ऑर्डर किया. फिर इनको सूझी एक खुराफात. उसे लगा कि जब फ्री में खा सकते हैं तो पइसे काहे दें. लिहाजा उसने खाना ऑर्डर किया, खाना आया भी. जनाब ने खाना खाया, डकार मारी और कंपनी को कहा कि खाना उन तक पहुंचा ही नहीं. अब फूड डिलीवरी कंपनियां अपनी साख बचाने और कस्टमर को दिक्कत न हो, इसलिए तुरंत रिफंड भेजती हैं. एक बार रिफंड आया तो मिस्टर ताकुआ की नीयत खराब हो गई.
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक उसने यही तरीका अपना कर कंपनी को कई बार चूना लगाया. और तो और, कंपनी को शक न हो इसलिए उसने उसी ऐप पर एक दूसरा अकाउंट बनाया और वही खेल फिर से शुरू किया. डिलीवरी प्लेटफॉर्म के माध्यम से कॉन्टैक्टलेस डिलीवरी यानी बिना डिलीवरी वाले से मिले खाना लेने वाला ऑप्शन चुना. और फिर रिफंड प्राप्त करने के लिए ऐप के माध्यम से झूठा दावा किया कि खाना तो आया ही नहीं. उसने एक और चाल 30 जुलाई को चली. उसने डिलीवरी ऐप डेमा-कैन पर एक फर्जी नाम और पते से एक नया अकाउंट बनाया. हालांकि उसके ऑर्डर की आइसक्रीम, बेंटो और चिकन स्टीक डिलीवर हो गए थे, लेकिन उसने ऐप के चैट फीचर का इस्तेमाल करके दावा किया कि वे पहुंचे ही नहीं हैं, और आखिरकार उसी दिन उसे 16,000 येन (लगभग 9300 रुपये) का रिफंड मिल गया.
(यह भी पढ़ें: Google कीड़ा पकड़ने के 26 लाख रुपये दे रहा है, आपको बस ये करना है)
124 अकाउंट बनाए, सब किया, फिर भी धरा गयाक्रिमिनल कितना भी चालाक क्यों न हो, कोई न कोई गलती जरूर करता है. यही गलती इस व्यक्ति ने भी की. उसकी पहचान न हो पाने की वजह से उसे पकड़ना मुश्किल था. क्योंकि उसने कई प्रीपेड मोबाइल फोन कार्ड खरीदे, झूठे नाम और पते से अकाउंट बनाए और काम होते ही उन्हें बंद कर दिया. अधिकारियों ने खुलासा किया कि हिगाशिमोतो कई वर्षों से बेरोजगार है. उसने अप्रैल 2023 से अपनी धोखाधड़ी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए प्लेटफॉर्म पर 124 अकाउंट बनाए थे. वह आमतौर पर साइन अप करता था और कुछ दिनों बाद अपनी मेंबरशिप रद्द कर देता था. पुलिस को दिए अपने कबूलनामे में उसने बताया,
शुरू में, मैंने बस यह तरकीब आजमाई. पहली बार जब रिफंड आया तो उसके बाद मैं रुक नहीं सका.
अपराध के उजागर होने के बाद, फूड डिलीवरी कंपनी ने अपनी पहचान और मेंबरशिप आदि से जुड़ी प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने पर काम करना शुरू किया. प्लेटफॉर्म ने कहा कि वह इस तरीके की असामान्य गतिविधियों का पता लगाने और भविष्य में इसी तरह के घोटालों को रोकने के लिए एक अलर्ट सिस्टम लागू कर रहा है.
वीडियो: लल्लन टेक: वाट्सऐप, इंस्टाग्राम और फेसबुक में बग पता करने पर लाखों का इनाम