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IPL 2025 में 'चंपक' का जलवा, पर इसका जेठालाल से कोई लेना-देना नहीं!

IPL 2025 में नजर आ रहे रोबो कुत्ता (robotic dog) जी के नाम के लिए फैन पोल हुआ और तय हुआ कि उनका नाम चुलबुल, ‘Buddy’ या ‘Jaffa’ नहीं बल्कि Champak होगा. लेकिन क्या कुत्ता जी महज स्टाइल मारने के लिए हैं. नहीं जनाब. ये तो असल कुत्ते वाली शक्ति लेकर आए हैं.

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This robotic dog can carry a payload of around 14kg, and has been mounted with multiple cameras that provide a ‘dog’s eye view’ of the field of play.
रोबो डॉग चंपक
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सूर्यकांत मिश्रा
22 अप्रैल 2025 (Updated: 22 अप्रैल 2025, 02:08 PM IST) कॉमेंट्स
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IPL 2025 में खिलाड़ियों की जितनी चर्चा है, उतनी ही बात स्टेडियम में कूदाफांदी करने वाले कुत्ते (IPL robotic dog) की भी हो रही है. है तो ये एक रोबो कुत्ता मगर इसकी हरकतें असल के कुत्ते जितनी ही प्यारी हैं. कुत्ता साब कहीं भी अपना मुंह लेकर घुस जाते हैं. टॉस हो रहा हो या खिलाड़ी मैदान पर प्रेक्टिस कर रहे हों, इन कुत्ता जी को असल कुत्ते के जैसे अपना मुंह सबसे पहले अंदर डालना होता है. जब मैदान पर नहीं होते तो चीयर लीडर्स के साथ ठुमका लगा रहे होते हैं. इतने लोकप्रिय हो रहे हैं कि पब्लिक ने इनका नाम भी रख दिया है.

रोबो कुत्ता जी के नाम के लिए फैन पोल हुआ और तय हुआ कि उनका नाम चुलबुल, ‘Buddy’ या ‘Jaffa’ नहीं बल्कि Champak होगा. लेकिन क्या कुत्ता जी महज स्टाइल मारने के लिए हैं. नहीं जनाब. ये तो असल कुत्ते वाली शक्ति लेकर आए हैं. बताते हैं.

Dog's Eye View

बर्ड आई व्यू नाम आपने सुना होगा. मतलब स्टेडियम में एकदम ऊपर से टॉप शॉट कैप्चर करना. पहले इसके लिए हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल होता था, आजकल ड्रोन ये काम करते हैं. साथ ही एक कैमरा भी लंबे तारों के सहारे लटका होता है जो कई बार अंपायर के मुंह के पास तक आ जाता है. खैर ये सब तो पुराना हुआ. अब बात है डॉग आई व्यू की.

स्टेडियम में नजर आ रहे इस रोबो कुत्ते में कई सारे कैमरे फिट हैं जो अलग-अलग एंगल से इमेज और वीडियो कैप्चर करते हैं. कुत्ता जी अपने साथ 14 किलो तक का लोड ले जा सकते हैं. माने कैमरे ही कैमरे. इनको खाना देने की जरूरत नहीं मतलब महाशय खुद से चार्ज हो जाते हैं. फील्ड पर बैट या पैड पड़े हों तो भी इनको दिक्कत नहीं. कूदाफांदी में मास्टर हैं. धोनी भइया अगर इनको लुढ़का भी देते हैं तो ये बिना बैली रब कराए खड़े भी हो जाते हैं. हाथ मिलाना और हार्ट वाली इमोजी बनाना तो इनके बाएं हाथ का, सॉरी दाएं हाथ का, सॉरी आप खुद फैसला कर लो किस हाथ का खेल है. 

कुत्ता जी हैं तो दिमाग भी होगा सही. एकदम है. इमेज और वीडियो खुद से सोशल मीडिया पर अपलोड कर देते हैं. म्यूजिक सेंस करके बीट पकड़ लेते हैं और फिर इनको हुड़ दबंग दबंग करने में देर नहीं लगती. ड्रिंक के टाइम पर ये पानी और कोल्ड ड्रिंक भी ले जा सकते हैं. ये सब तो हुआ मनोरंजन. मगर कुत्ता होने का फर्ज भी तो निभाना है.

सूंघ नहीं सकता मगर सेंस कर सकता है

बेचारे की नाक असली नहीं तो सूंघना तो संभव नहीं मगर इसका तोड़ है इसमें लगे सेंसर्स. सेंसर्स जो खिलाड़ियों का हेल्थ डेटा मॉनिटर कर सकते हैं. ऐसा करना इसलिए संभव होगा क्योंकि आजकल हर खिलाड़ी स्मार्टवॉच या अल्ट्रा फिटनेस बैंड पहनता है. ये सेंसर्स दिल की धड़कन, पल्स और ऑक्सीजन को माप सकते हैं वो भी सबकी अलग-अलग वो भी रियल टाइम में. वैसे अभी इसको डेटा का एक्सेस नहीं मिला है मगर जल्द ही ऐसा हो सकता है. 

जानकारी के लिए आपको बता देते हैं कि रोबो डॉग कोई नई चीज नहीं है. साल 1999 में Sony ने जापान में पहला रोबो डॉग Aibo दुनिया के सामने पेश किया था. महज 20 मिनट में इसकी पूरी यूनिट बिक गई थीं. तब से अब तक इसमें बहुत बदलाव हुए हैं. इनका इस्तेमाल खेलों में भी कई सालों से हो रहा है. 

हर कुत्ते का दिन आता है भाई. 

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