Google और Apple ने मिलाया हाथ, अब जासूसी करने वालों की खैर नहीं!
दोस्ती की खबर आई है Apple और Google की तरफ से. एप्पल और गूगल ने हाथ मिलाया है ताकि यूजर्स की ट्रैकिंग बंद हो सके. ट्रेकिंग जो ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए होती है. अब अगर ऐसा हुआ तो प्लेटफॉर्म चाहे एंड्रॉयड हो या iOS, यूजर को समय रहते अलर्ट मिलेगा.
आज टेक इंडस्ट्री में एकदम हमारी फिलम इंडस्ट्री जैसा काम हुआ है. 70 के दशक वाली फिल्में, जिनमें भाई-भाई आपस में लड़ते थे, लेकिन आखिर में मिलकर विलेन को कूटते थे. उदाहरण के लिए जॉनी मेरा नाम या अमर-अकबर-एंथनी. ऐसा ही कुछ टेक जगत के दो दिग्गजों ने किया है. वैसे तो ये आपस में लड़ने का, एक दूसरे को आगे-पीछे करने का कोई मौका नहीं छोड़ते मगर आज इन्होंने हाथ मिलाया (Detecting Unwanted Location Trackers) है. दोनों बड़ी कंपनियां अब गलतफहमी की जगह गलबहियां डालकर घूमेंगी. नतीजा बताने की जरूरत नहीं क्योंकि जब भी ऐसा होता है तो फायदा यूजर का होता है.
दोस्ती की खबर आई है Apple और Google की तरफ से. एप्पल और गूगल ने हाथ मिलाया है ताकि यूजर्स की ट्रैकिंग बंद हो सके. ट्रैकिंग जो ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए होती है. अब अगर ऐसा हुआ तो प्लेटफॉर्म चाहे एंड्रॉयड हो या iOS, यूजर को समय रहते अलर्ट मिलेगा. पूरी दोस्ती समझाते हैं.
अनचाहे लोकेशन ट्रैकर की छुट्टीदोनों टेक दिग्गज क्या करने वाले हैं, ये जानने से पहले ये जान लीजिए कि आखिर कौन से ब्लूटूथ डिवाइस से ट्रैकिंग हो रही थी. सबसे फेमस नाम है- Apple Air Tag. एक छोटू सा डिवाइस जो चाबी के छल्ले से लेकर बैग और दूसरी चीजों के साथ लटक जाता है. असल उद्देश्य तो सामान भूल जाने पर उसका अलर्ट आईफोन पर भेजना था. लेकिन कई लोगों ने इसका इस्तेमाल दूसरों की ट्रैकिंग के लिए किया. एयर टैग तो आईफोन से जुड़ता है मगर ऐसे ही कई प्रोडक्ट और भी हैं जैसे Jio या Motorola जो एंड्रॉयड फोन से कनेक्ट होते हैं. इधर भी मामला कुछ वैसा ही है. किसी के बैग में डाल दो और फिर उसकी लोकेशन ट्रैक करते रहो.
जब ऐसे मामले बढ़े तो एप्पल ने इसमें नए फीचर जोड़े. अब अगर किसी और का एयर टैग मेरे आस-पास है तो आईफोन पर अलर्ट आता है. एंड्रॉयड यूजर्स के लिए भी कंपनी ने "Tracker Detect" ऐप लॉन्च किया था. मगर फिर भी दोनों प्लेटफॉर्म पर अलर्ट ढंग से नहीं आते थे.
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अब ऐसा नहीं होगागूगल की ब्लॉग पोस्ट के मुताबिक Find My Device को इस तरीके से डेवलप कर दिया गया है कि अब वो एयर टैग को खुद से पकड़ लेगा. एंड्रॉयड यूजर्स को इसका अलर्ट मिलेगा. वो चाहें तो उस डिवाइस से जुड़ी जरूरी जानकारी भी देख सकते हैं. मसलन, किस कंपनी का है और किसका है. यूजर इस डिवाइस का साउंड भी सुन सकेंगे और जरूरत पड़ने पर इसको Disable भी कर पाएंगे. ऐसे ही अलर्ट आईफोन यूजर्स को भी मिलेंगे भले वो एंड्रॉयड बेस्ड ट्रैकर क्यों ना हो. एंड्रॉयड यूजर हैं तो स्क्रीन पर "Tracker travelling with you", वाला पॉप अप पिलपिलाएगा. आईफोन धारक हैं तो Found Moving With You मैसेज आपके लिए है. बस एंड्रॉयड OS 6.0 से ऊपर और आईफोन 17.5 पर अपडेट होना चाहिए.
दोनों कंपनियां मिलकर ट्रैकिंग डिवाइसेज के लिए एक स्टैंडर्ड भी तैयार कर रही हैं. इसके आने से अवांछित ट्रैकर्स को पकड़ना और आसान हो जाएगा.
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