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30 मिनट में 130KM वो भी 700 रुपये में, आ गया दुनिया का पहला इलेक्ट्रिक प्लेन

Beta Technologies नाम की कंपनी जो साल 2017 से इलेक्ट्रिक प्लेन के ऊपर काम कर रही है. हाल ही में कंपनी ने पहली पैसेंजर (First electric passenger plane lands in US) उड़ान भरकर इतिहास बना दिया है.

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First Electric Passenger Plane Flies 130 Kilometers For Just Rs 700
इलेक्ट्रिक स्कूटर और कार के बाद अब इलेक्ट्रिक प्लेन
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सूर्यकांत मिश्रा
24 जून 2025 (Published: 08:36 AM IST) कॉमेंट्स
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अमेरिका के East Hampton से एक पैसेंजर प्लेन सवारियों को लेकर New York के John F. Kennedy International Airport के लिए उड़ान भरता है. तकरीबन 130 किलोमीटर की दूरी 30 मिनट में तय करके ये विमान सफलतापूर्वक JFK एयरपोर्ट पर लैंड कर जाता है. पढ़ने में शायद ये किसी प्लेन की नॉर्मल उड़ान लग सकती है मगर ये तो एक इतिहास में दर्ज होने वाली उड़ान बनी है. 4 जून 2025 को उड़ा Alia CX300 नाम का ये प्लेन कोई आम हवाई जहाज नहीं था. ये एक इलेक्ट्रिक (First electric passenger plane lands in US) प्लेन था. भविष्य की हवाई यात्रा का पहला कदम.

इस इलेक्ट्रिक प्लेन को बनाया है Beta Technologies नाम की कंपनी ने जो साल 2017 से इसके ऊपर काम कर रही है. कंपनी के फाउंडर और सीईओ Kyle Clark खुद इस प्लेन को कंट्रोल कर रहे थे. उड़ान खत्म होते ही उन्होंने कहा,

"यह 100% इलेक्ट्रिक विमान है जो यात्रियों के साथ ईस्ट हैम्पटन से जेएफके तक उड़ा. हमने 35 मिनट में 70 नॉटिकल मील (130KM) की दूरी तय की"

क्लार्क ने यह भी बताया कि यह उड़ान कितनी किफायती थी. विमान को चार्ज करने और यात्रा करने में सिर्फ़ 8 डॉलर (करीब 700 रुपये) का खर्च आया, जो हेलीकॉप्टर से कहीं सस्ता है, जबकि इसी दूरी के लिए हेलीकॉप्टर में ईधन पर लगभग 160 डॉलर (13,885 रुपये) खर्च होते.

क्योंकि ये इलेक्ट्रिक प्लेन है तो नॉर्मल हवाई जहाज की तुलना में शोर भी कम करता है. इसलिए विमान में बैठे यात्रियों को गप मारने में भी कोई दिक्कत नहीं हुई. ये बातें कही हैं Kyle Clark ने.

बात करें Beta Technologies की तो साल 2017 में बनी ये कंपनी इलेक्ट्रिक प्लेन की पहली सफल उड़ान के बाद इस साल के अंत तक US Federal Aviation Administration (FAA) से कमर्शियल उड़ानों के लाइसेंस की उम्मीद रख रही है. कंपनी के मुताबिक Alia CX300 सिंगल चार्ज में 450 किलोमीटर का सफर कर सकता है.

कंपनी हाल-फिलहाल तो अपने प्लेन ALIA CTOL को उड़ाने के लिए परंपरागत टेकऑफ और लैंडिंग तकनीक का इस्तेमाल कर रही है, माने प्लेन रनवे पर दौड़ने के बाद हवा में उड़ान भरता है. लेकिन कंपनी जल्द ही ALIA VTOL प्लेन के जरिए वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग Vertical takeoff (VTO) तकनीक पर शिफ्ट होने जा रही है. माने प्लेन हेलीकॉप्टर के जैसे अपनी जगह पर खड़े-खड़े उड़ान भरेगा. इसकी वजह से बैटरी पर असर कम होगा.

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माने सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी आपको आसमान में उड़ती नजर आने वाली हैं. वैसे इलेक्ट्रिक प्लेन आने से वातावरण का भी खूब भला होगा. इसमें भी प्राइवेट जेट्स का रोल तो इसमें और ज्यादा है. दरअसल अधिकांश छोटे विमान लगभग दो घंटे की उड़ान में इतनी ऊष्मा-अवरोधक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित करते हैं, जितनी औसत व्यक्ति लगभग एक वर्ष में उत्सर्जित करता है. शायद इसमें भी कमी आएगी.

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