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फुल DND के बाद भी कंपनी फोन करती है, ये लोग सुधार देंगे

कंपनियों के इतने फोन आते हैं कि लोग परेशान हो जाते हैं.

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Is DND truly effective? How do I activate? truth behind DND. How to Stop Spam Phone Calls 
DND के बाद भी स्पैम कॉल आते हैं. (सांकेतिक फोटो)
22 फ़रवरी 2023 (Updated: 22 फ़रवरी 2023, 18:12 IST)
Updated: 22 फ़रवरी 2023 18:12 IST
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मोबाइल नंबर पर फुल DND, मतलब कंप्लीट ‘डू नॉट डिस्टर्ब’ चालू है फिर भी आप स्पैम कॉल से परेशान हैं. पॉलिसी से लेकर क्रेडिट कार्ड देने वाले पीछा नहीं छोड़ रहे. बिना किसी कागज-पत्री के लोन देने वाले जान खा रहे हैं. क्या ऐसा आपके साथ हो रहा है? दरअसल, हमारे आसपास ज्यादातर लोग इससे परेशान हैं. आखिर ऐसा होता क्यों है? गलती कहीं आपकी तो नहीं और क्या इससे निपटने का कोई जुगाड़ है? चलिए पता करते हैं.

क्या बला है DND?

DND को स्पैम और मार्केटिंग कॉल से बचने का ब्रह्मास्त्र कहा जाता है. टेलिकॉम ऑपरेटर्स तो यही दावा करते हैं. एक बार DND ऐक्टिवेट कर लीजिए, फिर मजाल आपको कोई डिस्टर्ब कर पाए! आजकल हर ऑपरेटर (Jio, Airtel, Vi, BSNL) के मोबाइल ऐप से इसको इनेबल कर सकते हैं. TRAI के ऐप से भी ये संभव है. ऐप इस्तेमाल नहीं करना तो SMS भेज कर भी ऐसा किया जा सकता है. मैसेज बॉक्स में टाइप करें START 0 ध्यान रहे START आपको कैपिटल लेटर यानी बड़े अक्षरों में लिखना है. फिर DND Service Number 1909 पर सेंड करें, आपके नंबर पर Full DND activate हो जाएगा. 

वैसे इसमें भी बड़े-मंझले और छोटे वाला खेल है. मतलब सब कुछ बंद करना है या फिर थोड़ा बहुत. आप अपने हिसाब से भी परेशान होना चुन सकते हैं. मतलब कौन आपको कॉल करे और कौन नहीं.

ये तो हुई प्रोसेस. लेकिन ऑपरेटर कितना भी दावा कर लें. हजार रुपये में मसाज करा लो. आपकी दस हजार वाली नौकरी पक्की हो गई है. हाइवे पर बढ़िया प्लॉट मिल रहा है, सिर्फ चंद रुपयों में. ऐसे मैसेज और कॉल आना बंद नहीं होते, भले कम हो जाएं.

आखिर क्यों होता है ऐसा?

पहली नजर में देखें तो साफ दिखता है कि आपका डेटा शेयर किया जा रहा है और बेचा भी जा रहा है. पिछले साल IRCTC ने अपने यूजर्स का डेटा बेचने के लिए बाकायदा टेंडर जारी किए थे. इसके बाद सबसे बड़ा सोर्स है दुनिया-जहान की वेबसाइट और ऐप्स. यहां आप गाहे-बगाहे अपना नंबर ड्रॉप करते हैं. कभी खुद और अधिकतर टाइम मजबूरी में. कई बार आगे की प्रोसेस के लिए OTP की जरुरत पड़ती है.

इसके बाद एक नया तरीका आया है बिलिंग काउंटर्स का. छोटी से लेकर बड़ी जगह पर बिलिंग के पहले नंबर मांगा ही जाता है. ऑफर से लेकर पेपरलेस बिलिंग का झुनझुना पकड़ाया जाता है. अगर आपने मना किया तो कई जगह आपको सर्विस ही नहीं मिलती. कुछ साल पहले ऐसी ही एक घटना में Decathlon नाम की कंपनी ने एक IPS अधिकारी को बिल करने से मना कर दिया था. TMC सांसद महुआ मोइत्रा के साथ भी ऐसा ही हुआ था. उन्होंने ट्वीट करते हुए इस बात की जानकारी दी थी.

हाल ही में ऐसा एक और वाकया सामने आया. पब्लिक हेल्थ एक्टिविस्ट दिनेश एस ठाकुर ने एक ट्वीट किया. उन्होंने बताया,

"दिल्ली एयरपोर्ट पर कुछ रोचक हुआ. मैं एक बुकस्टोर पर गम का पैकेट खरीदने गया था. वहां मुझसे मेरा फोन नंबर मांगा गया. जब मैंने पूछा कि आखिर इसकी क्या जरूरत है, तो जबाव मिला कि सिक्योरिटी के लिए जरूरी है. जब मैंने इस सिक्योरिटी के बारे में पूछा तो सब लोग मुझे देखने लगे. बाद में मुझे बिना गम खरीदे ही जाना पड़ा. चौंकाने वाली बात ये थी कि वहां बाकी यात्री अपना फोन नंबर दे रहे थे."

हमने इन घटनाओं के बारे में आपको इसलिए बताया कि इसी तरीके से आपका फोन नंबर पब्लिक डोमेन में आ जाता है. फिर आपका नंबर अलग-अलग कंपनियों को बेच दिया जाता है. इसी तरह पेमेंट ऐप से लेकर कई सारे ऐप आपकी कॉन्टैक्ट लिस्ट में घुसने से बाज नहीं आते हैं. जिद्दी इतने कि अगर परमिशन ना दो, तो काम ही नहीं करते. हो सकता है कि कुछ ऐप्स को वाकई इसकी जरूरत हो, लेकिन सबको तो कतई नहीं होती.

इससे होता क्या है?

साफ-साफ कहें तो ये एक हाथ दो और दूसरे हाथ लो का मामला है. ये डेटा बेचा जाता है. चोरी किया जाता है और फिर पूरी रिसर्च के बाद आपको आपकी जरूरत के हिसाब से विज्ञापन और कॉल किए जाते हैं. कुछ दिनों पहले एक ऐसी ही कंपनी पर अपने यूजर्स के मैसेज पढ़कर उनको लोन से जुड़े कॉल करवाने का आरोप लगा था. इस बात पर यकीन ना हो तो, बस एक बार किसी लोन ऐप पर इन्क्वायरी करके देख लीजिए. उसके बाद हर बैंक आपको ढूंढता नजर आएगा. कैसे, वो ऊपर बता दिया.

सरकार क्या कर रही है?

कर भी रही और नहीं भी. DND के तहत सरकार ने कई बहुत सारे नंबर सच में बैन कर रखे हैं. पूरी की पूरी सीरीज लॉक हैं. वाकई में उनसे कॉल नहीं आते. मतलब, DND काम नहीं करता ऐसा भी नहीं है. लेकिन कंपनियां बहुत शातिर हैं. उन्होंने आधिकारिक नंबर से कॉल करना बंद कर दिया है. याद कीजिए, पिछली बार आपको कब किसी लैंडलाइन नंबर से कॉल आया था? नहीं, क्योंकि इसको ट्रैक करना बहुत आसान है. आधिकारिक नंबरों से आने वाले कॉल बहुत कम हो गए हैं.

कॉल अब पर्सनल नंबर से आते हैं. फोन उठाते ही आपसे कहा जाएगा कि फलां बैंक के प्रतिनिधि बोल रहे हैं. अब आपको सच में काम हुआ तो कुछ डिटेल लेकर आपका कॉल आगे बढ़ा दिया जाता है. इसके बाद आएगा ऑफिस से कॉल क्योंकि अब तो आपकी सहमति है. Telecom Regulatory Authority of India के पास इन नंबरों को रिपोर्ट करने पर भी ज्यादा कोई फायदा नहीं होता.

वैसे सरकार ने सरकार ने एक नया पोर्टल बनाया है. नाम है- Header Information Portal. VX, DX, FG जैसे नंबरों से आने वाले मैसेज से पीछा छुड़ाने के लिए. ये कैसे काम करता है वो आप यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं.

क्या कोई और उपाय है?

उपाय तो नहीं लेकिन जुगाड़ है. जैसे आप एंड्रॉयड फोन में अपने डायलर में जाकर 'ऑनली फोनबुक' का ऑप्शन चुन सकते हैं. इसके बाद कोई भी कॉल करे तो आप तक नहीं आएगा. आईफोन यूजर्स के लिए 'silence unknown callers' का ऑप्शन है. बस दिक्कत इतनी की फिर कोई जरूरी कॉल भी नहीं आएगा. लेकिन आप सच में स्पैम कॉल से परेशान हैं, तो सबसे अच्छा तरीका है. 

इसके अलावा आजकल हर फोन में दो सिम की व्यवस्था होती है तो एक नंबर ऐसा रख सकते हैं जो कहीं भी बांट दो और हमेशा बंद रखो. वैसे कुछ सर्विस अस्थाई नंबर का भी जुगाड़ देते हैं, लेकिन उनकी चर्चा फिर कभी. अभी उनकी टेस्टिंग बाकी है. 

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