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अब OTP नहीं, पुलिस और क्राइम ब्रांच के नोटिस भेजकर हो रही तगड़ी ठगी, बचकर रहिए!

एक ट्विटर यूजर ने पूरी कहानी शेयर की है. कहानी किसी सस्पेंस थ्रिलर से कम नहीं है. ये साइबर ठगी का नया तरीका है जिसे 'Digital Arrest' कहा जाता है.

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From FedEx to the Mumbai police, cybercriminals have developed a new method of deception. 
ठगी का नया तरीका (image-unsplash)
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सूर्यकांत मिश्रा
11 जनवरी 2023 (Updated: 30 अक्तूबर 2024, 09:33 AM IST)
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सांप-सीढ़ी के खेल में जब आप 90 के ऊपर पहुंच जाते हैं, तो लगता है कि अब मंजिल दूर नहीं है. बस सौ यूं ही आ जाएगा. लेकिन अक्सर ऐसा होता नहीं है. क्योंकि बस दो कदम दूर एक सांप बैठा होता है, जो आपको फिर नीचे पटक देता है. साइबर ठग भी कुछ ऐसे ही हो गए हैं. जब भी लगता है कि हमको उनके सारे तरीके पता चल गए हैं, तभी अचानक से कुछ नया सामने आ जाता है. अब फिर ऐसा ही एक मामला सामने आया. तरीका इतना सालिड कि अच्छे-अच्छे गच्चा खा जाएं. 

इस बार ठगी का नया तरीका सामने आया मशहूर लॉजिस्टिक कंपनी FedEx के नाम पर. तरीका ऐसा कि जैसे कोई सस्पेंस थ्रिलर फिल्म हो. ठगी में FedEx से लेकर मुंबई पुलिस और क्राइम ब्रांच के नाम का भी इस्तेमाल किया गया. इतना ही नहीं, बाकायदा कस्टमर केयर जैसा माहौल भी बनाया गया. ये सब हुआ है Geetika Rustagi नाम की महिला के साथ.

cyber crimnals using FedEx mumbai police crime branch for fraud
गीतिका की ट्विटर प्रोफाइल

क्या हुआ और कैसे, उसके पहले जरा गीतिका का परिचय जान लेते हैं. वो दिल्ली में रहती हैं और एनडीटीवी से लेकर हिंदुस्तान टाइम्स जैसे मीडिया संस्थानों के साथ काम कर चुकी हैं. खुद फैक्ट चेकर भी हैं. कहने का मतलब, ठगों की दिलेरी देखिए. किसको टारगेट कर रहे थे.

खैर, कल यानी 10 जनवरी 2023 को गीतिका को एक फोन कॉल आता है. कॉल ऑटोमटिक सिस्टम से आता है. मतलब हिंदी में बात करना है तो एक दबाओ और अंग्रेजी में बतियाना है, तो दो प्रेस करो. कल्पना करके देखिए, कितना सही तरीका है. भई, कोई आपसे बोले कि मैं फलां बात कर रहा तो आपको OTP वाले कांड याद आएंगे. यहां ऑटो आन्सर मशीन इस्तेमाल हुई. ऑप्शन चुनने के बाद गीतिका को बताया जाता है कि उनके नाम पर FedEx का एक शिपमेंट पकड़ा गया है, जिसमें बहुत कुछ गैर-कानूनी सामान है.

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FedEx के नाम पर कॉल
‘गांजा मिला है’

जरा सामान की लिस्ट पर गौर कीजिए. मुंबई से ताइवान जा रहे पार्सल में क्रेडिट कार्ड से लेकर पासपोर्ट और और 800 ग्राम गांजा भी. साथ में ये भी बोला गया कि पार्सल के साथ उनका आधार कार्ड भी फ्लैग हुआ है. सोचिए, गीतिका दिल्ली में रहती हैं और पार्सल मुंबई से बुक हुआ. आधार कार्ड मतलब सामने वाले की कमजोर नस दबा लो. ये नाम सुनते ही इंसान डर ही जाता है. 

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पार्सल में गांजे के साथ और भी सामान

तथाकथित कस्टमर केयर के बंदे ने गीतिका की बात अपने कथित सीनियर से भी करवाई. गीतिका के शब्दों में, Aparna Krishnaya नाम की वो महिला बातचीत में निपुण थी. अपना आईडी बताते हुए ऐसे बात कर रही थी मानो सच में बॉस हो. आपका पार्सल है, ये ट्रैकिंग आईडी है. कहीं न कहीं गीतिका उनके जाल में फंस गईं.

अगला कमाल, उनके कॉल को मुंबई पुलिस से पैच किया गया. बात करते समय बैकग्राउन्ड से सायरन की आवाज भी आ रही थी. बाकायदा नरेश गुप्ता बैनर्जी के नाम से पुलिस का पहचान पत्र भी शेयर किया गया. WhatsApp पर उनका बयान भी दर्ज करने की नौटंकी हुई. अब आगे वसूली की बात. गीतिका से 90 हजार से कुछ ऊपर रुपये ट्रांसफर करने को कहा गया. धमकी ये कि अगर नहीं दिए तो तीन साल की जेल. फ़ोन के सामने रहने को कहा गया मतलब डिजिटल अरेस्ट करने की कोशिश. 

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मुंबई पुलिस के नाम का गलत इस्तेमाल

ठगों का जिगर देखिए कि जब गीतिका ने और कुरेदा तो सीधे क्राइम ब्रांच के नाम पर लेटर थमा दिया गया. शायद गीतिका झांसे में आकर पैसे दे देतीं, लेकिन उनके पापा ने पूरी बातचीत सुन ली. आगे जब गीतिका ने अपने वकील के साथ मुंबई आने की बात की तो थोड़े ड्रामे के बाद कॉल कट. पूरे ड्रामे में कई बार गीतिका को अंदेशा तो हुआ लेकिन ऐसा माहौल बनाया गया कि वो जाल में फंसती चली गई. कई सारे रेड फ्लैग का जिक्र उन्होंने अपने ट्विटर थ्रेड में भी किया है. पुलिस कबसे WhatsApp पर बयान दर्ज करती है. कौन सा क्राइम ब्रांच मंजूरी व्हाट्सऐप पर मंजूरी देता है भई. 

कहानी का कुल मतलब ये कि नया तरीका आ गया है. गीतिका बच गईं और उन्होंने अपनी आपबीती ट्विटर पर साझा की. मकसद यही कि आप सतर्क रहें. हमने भी पूरे कांड को सिर्फ इसलिए शब्दों में बांधा. वैसे गीतिका ने हमें बताया कि इसी नंबर से और इसी तरीके से बेंगलुरू में भी कुछ ऐसा ही ठगी का कारनामा रिपोर्ट हुआ था.   

वीडियो: क्या है ये प्रॉक्सी सर्वर जिससे बिना इंटरनेट के वॉट्सऐप चल रहा है?

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