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पंखे को मक्खन की तरह चलाने वाली बिना ब्रश की टेक्नॉलजी क्या है, जिसका नाम हर कोई ले रहा है?

Brushless Direct Current का शॉर्ट फॉर्म. ऐसी मोटर जिसमें बिजली की सप्लाई के लिए rotor और stator के बीच में किसी ब्रश का इस्तेमाल नहीं होता है. इस तकनीक का इस्तेमाल पिछले कुछ सालों में खूब बढ़ा है. ये तो हुआ मोटा-माटी ज्ञान. अब पंखा तेज करते हैं मतलब डिटेल में समझते हैं.

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What is the Difference Between a BLDC motor and an Induction Motor?
BLDC फैन का आजकल खूब रौला है.
14 मई 2024
Updated: 14 मई 2024 16:06 IST
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अगर आपने गौर किया हो तो आजकल पंखे से जुड़े जितने भी विज्ञापन दिखाई देते हैं उनमें एक बात आमतौर पर कॉमन होती है. मतलब कंपनी कोई सी भी हो, फैन चाहे सीलिंग हो या टेबल. एक फीचर के बारे में हर ब्रांड जरूर बताता है. हमारा पंखा तो BLDC तकनीक वाला है. बिजली कम खाएगा और शोर भी कम करेगा. इतना पढ़ते ही आपको अपने घर में लगा पंखा और उससे आती ‘चीं-चूं-चान’ की कर्कश आवाज भी सुनाई दे गई होगी. BLDC तकनीक के बारे में जानने का मन कर रहा होगा. चलिए, फिर पंखे की हवा खाते हुए सब जानते हैं.

क्या है BLDC तकनीक?

Brushless Direct Current का शॉर्ट फॉर्म. ऐसी मोटर जिसमें बिजली की सप्लाई के लिए rotor और stator के बीच में किसी ब्रश का इस्तेमाल नहीं होता है. इस तकनीक का इस्तेमाल पिछले कुछ सालों में खूब बढ़ा है. उसके पहले पंखों में AC करेंट वाली induction मोटर का इस्तेमाल होता था. ये तो हुआ मोटा-माटी ज्ञान. अब पंखा तेज करते हैं मतलब डिटेल में समझते हैं.  

# रोटर मतलब पंखे के अंदर लगी हुई चुंबक.

# स्टेटर मतलब कॉपर वाली वायरिंग जो इस रोटर के अंदर तरफ लपटी हुई होती है.

# SMPS मतलब Switched-mode power supply तकनीक जिसमें बिजली की सप्लाई बंद-चालू होती है. यही तकनीक है जो AC करेंट को DC में बदल देती है.

# Microcontroller मतलब रिमोट से आने वाला इनपुट डेटा जो इनवर्टर को आउटपुट डेटा प्रदान करता है.

# Inverter मतलब माइक्रो कंट्रोलर से सिग्नल लेकर मोटर को भेजने वाला छोटा सा डिवाइस. 

ये सारा तामझाम मिलकर बनाता है एक BLDC मोटर. आसान भाषा में कहें तो जब हम पंखा का खटका (बटन) चालू करते हैं तो एसएमपीएस AC सप्लाई को डीसी सप्लाई में बदल देता है, फिर माइक्रोकंट्रोलर रिमोट कंट्रोल से इनपुट सिग्नल प्राप्त करता है और इनपुट सिग्नल माइक्रोकंट्रोलर इन्वर्टर को सिग्नल भेजता है, फिर इन्वर्टर बीएलडीसी मोटर को चलाता है.

सांकेतिक तस्वीर

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क्या फायदे हैं इसके?

BLDC फैन नॉर्मल सीलिंग फैन के मुकाबले 50 प्रतिशत तक कम बिजली खर्च करते हैं. नॉर्मल सीलिंग फैन जहां 50 वाट से 60 वाट तक बिजली की खपत करते हैं, वहीं BLDC फैन 26 से 30 वाट तक की बिजली खर्च करते हैं. गुणा-गणित आप खुद लगा सकते हैं. इंडक्शन फैन से उलट इसमें हीटिंग सेंटर की जगह साइड में होती है. इसकी वजह से सरफेस गर्म नहीं होती. स्पीड कंट्रोल के लिए रिमोट कंट्रोल मिलता है जो कई और फीचर्स भी सपोर्ट करता है. इनवर्टर तकनीक की वजह से अगर फैन इनवर्टर पर चल रहा हो तो भी पावर की खपत कम होती है.

नुकसान क्या हैं?

नई तकनीक है तो अभी ऐसे पंखों की कीमत नॉर्मल फैन से ज्यादा होती है. इसमें रेगुलेटर का इस्तेमाल नहीं होता. मतलब सारा कार्यक्रम रिमोट से चलता है. लेकिन तकनीक का सबसे सुंदर पक्ष ये है कि समय के साथ ये किफायती होती जाती है. मतलब जल्द ही हमें परमानेंट Noise cancellation से मुक्ति मिलने वाली है.

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