बार बार स्मार्टफोन बदलने वालो, सावधान! इस कचरे की मीनार अंतरिक्ष तक पहुंच जाएगी
एक स्मार्टफोन खरीदा, मगर मार्केट में नया फोन आया तो पहले वाले को अलमारी में फेंक दिया. इस तरह बढ़ा रहे हैं आप दुनिया भर में मोबाइल फोन्स का खतरनाक कचरा.

क्या आप भी उन लोगों में शामिल हैं जो मार्केट में नया मोबाइल फोन आते ही कुलबुलाने लगते हैं कि बस ये फोन तो मेरे पास होना ही चाहिए! या फिर आप उन गिने चुने लोगों में से हैं जो अभी तक पुराने नोकिया से ही काम चला रहे हैं या फिर iPhone 5 उनकी ज़िंदगी की ज़ीनत बनी हुई है?
अपने घर की दराज़ों को खोलें तो कई पुराने, बेकार हो चुके मोबाइल फोन यहां-वहां पड़े नज़र आएंगे. क्या आप यकीन कर सकते हैं कि पूरी दुनिया के घर बेकार हो चुके मोबाइल फोन्स के कब्रिस्तान में बदल चुके हैं?
आपके मन में जिज्ञासा होगी कि आज ही इसकी बात क्यों करना तो दरअसल इसके पीछे दो कारण हैं. पहली ये कि हमारे एक दोस्त को दिवाली की सफाई करते वक्त अपनी दराज़ों में बेकार पड़े तीन स्मार्टफोन मिले. हमें लगा थोड़ा और गहराई में जाते हैं, तो पता लगा कि सिर्फ उनके तीन या तीन हज़ार, लाख नहीं, पाँच अरब से ज़्यादा बेकार हो चुके स्मार्टफोन इस धरती पर मौजूद हैं. दूसरी वजह ये कि आज इंटरनेशनल ई-वेस्ट डे (International E-Waste Day) है. इसलिए आपका ये जानना बेहद जरूरी है कि आखिर हमने कितने कांड किए हैं.
एक आंकड़ा देखिए: पूरी दुनिया में इस समय कुल मिलाकर 16 अरब यानी 1600 करोड़ मोबाइल फोन हैं. इनमें से 5.3 अरब यानी 530 करोड़ मोबाइल फोन साल 2022 में इलेक्ट्रानिक कचरे में बदल जाएंगे. यानी लोग उनका इस्तेमाल बंद कर देंगे और वो घरों की दराज़ों में लावारिस पड़े रहेंगे.
ये इतने फोन हैं कि अगर इनको किसी तरह एक दूसरे के ऊपर रख दिया जाए तो अंतरिक्ष तक 50,000 किलोमीटर ऊंची मीनार बन जाएगी. इतनी ऊंची कि अंतरिक्ष में चक्कर काट रहे स्पेस स्टेशन से भी डेढ़ सौ किलोमीटर आगे निकल जाए. ये जो दूरी है वो धरती और चन्दा मामा के बीच की दूरी के आठवें हिस्से के बराबर है.
क्या कहा - हम कल्पना के घोड़े दौड़ा रहे हैं? जी नहीं, ये भयावह तस्वीर सामने आई है ई-कचरे के मैनेजमेंट पर काम करने वाली संस्था WEEE यानी waste electrical and electronic equipment की एक रिपोर्ट में. आपके ज़ेहन में सवाल उठ सकता है - बेकार मोबाइल पड़ा हुआ है तो क्या हुआ?
हुआ ये कि संसार की कुल जनसंख्या करीब आठ अरब, मतलब आठ सौ करोड़ के आसपास है और हमने उससे थोड़ा कम स्मार्टफोन वेस्ट धरती पर पटक दिया है. सोचकर देखिए. शरीर में सिरहन दौड़ जाएगी. सिहरन इसलिए भी दौड़नी चाहिए क्योंकि इन मोबाइल फोन्स के भीतर ऐसी धातुएं और जहरीले रासायनिक पदार्थ होते हैं जो हमारी इस पृथ्वी पर रहने वाले सभी प्राणियों के लिए खतरनाक हैं.
इलेक्ट्रॉनिक कचरा पैदा करने के लिए हम सभी बराबर के हिस्सेदार हैं, भले ही आप दुनिया के किसी भी कोने में रहते हों. रिपोर्ट के मुताबिक यूरोप के हर घर में औसतन 74 ई-प्रोडक्ट होते हैं जिसमें से तकरीबन 13 यूं ही बेकार पड़े रहते हैं. कमाल ये कि इसमें से 9 पूरी तरह से खराब भी नहीं होते लेकिन फेंक दिए जाते हैं.
खबर पढ़ चुके तो हिसाब लगाइए कि आपने अपनी जिंदगी में जितने मोबाइल खरीदे और अंतरिक्ष तक पहुँच गई ई-कचरे की मीनार को ऊंचा करने में आपका कितना योगदान है.
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